Sonbhadra News: यूपी में 11 इकाइयों की बंदी ने बढ़ाया बिजली संकट, मंहगी खरीदनी पड़ रही बिजली

Sonbhadra News: शनिवार को हुई बारिश के कारण तापमान में नरमी जरूर देखने को मिली लेकिन रात में भारी उमस का क्रम बने रहने के कारण बिजली की मांग और खपत 24319 मेगावाट तक पहुंच गई।

Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-07-18 13:54 IST

बिजली के पावर हाउस की प्रतिकात्मक फोटो- सोशल मीडिया

Sonbhadra News: उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में शनिवार को हुई बारिश के कारण तापमान में नरमी जरूर देखने को मिली, लेकिन रात में भारी उमस का क्रम बने रहने के कारण बिजली की मांग और खपत 24319 मेगावाट तक पहुंच गई। सस्ती बिजली देने वाली परियोजनाओं की कुल 4000 मेगावाट क्षमता वाली 11 इकाइयां बंद रहने के कारण देर रात सोनभद्र सहित कई जनपदों में ताबड़तोड़ कटौती और महंगी बिजली खरीदकर स्थित संभालनी पड़ी।

उधर, रिहंद डैम के जलस्तर में गिरावट के कारण रिहंद और ओबरा जलविद्युत से लगातार विद्युत उत्पादन संभव नहीं हो पा रहा है। यह भी पावर सेक्टर की बेचैनी का बड़ा कारण बना हुआ है।

थर्मल बैकिंग

स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार की रात 10ः52 बजे अधिकतम मांग 24,319 रिकॉर्ड की गई। मांग तेजी से आगे बढ़ता देख, मांग और आपूर्ति में संतुलन बनाए रखने के लिए महंगी बिजली खरीदने के साथ थोड़े-थोड़े समय के लिए कटौती का क्रम शुरू कर दिया गया।

इसके बाद जाकर रात 12 बजे के करीब बिजली की मांग 24000 मेगावाट के नीचे आ गई, तब जाकर कटौती का क्रम बंद किया गया। रविवार की सुबह 7 बजे मांग तेजी से लुढ़क कर 11000 मेगावाट के करीब आ गई, तब अनपरा सहित कई परियोजनाओं में सुबह 7 बजे से लेकर 11 बजे तक 500 मेगावाट से 1000 मेगावाट तक की थर्मल बैकिंग करवाई गई।

11 बजे के बाद बिजली खपत तेज हो गई तो थर्मल बैकिंग रोकने का काम शुरू कर दिया गया। वही रिहंद डैम में जलस्तर में कमी के कारण ओबरा जलविद्युत गृह की दो इकाइयों से कुछ देर के लिए ही उत्पादन लिया गया। इसके बाद उत्पादन बंद कर दिया गया। रिहंत जल विद्युत गृह की भी इकाइयों से उत्पादन बंद रखा गया है।

बंद चल रही इकाइयों ने बना रखी है सबसे ज्यादा बेचैनी


पावर सेक्टर की सबसे ज्यादा बेचैनी सस्ती बिजली देने वाली परियोजनाओं की 11 इकाइयां बंद होने को लेकर है। स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर से प्राप्त जानकारी पर गौर करें तो इस समय एनटीपीसी सिंगरौली की 500 मेगावाट वाली छठवीं इकाई, एनटीपीसी ऊंचाहार की 210 मेगावाट वाली पहली इकाई, अनपरा की 210 मेगावाट वाली पहली इकाई, हरदुआगंज की 250 मेगावाट वाली आठवीं इकाई, परीक्षा की 210 मेगावाट वाली तीसरी इकाई के साथ ही 250 मेगावाट वाली दो इकाइयां बंद चल रही हैं, जिन्हें जल्द उत्पादन पर लाने के लिए अभियंताओं की टीम लगी हुई है।

वहीं एनटीपीसी सिंगरौली की 210 मेगावाट वाली तीसरी, 500 मेगावाट वाली सातवीं, अनपरा परियोजना की 500 मेगावाट वाली सातवीं और ओबरा परियोजना की 200 मेगावाट वाली तेरहवीं यूनिट अनुरक्षण में है जिससे उत्पादन पर आने में अभी वक्त लगेगा।

बढ़ती खपत के चलते

लगातार बिजली की मांग और खपत रिकॉर्ड स्तर पर बने रहने के कारण उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन को रुपए 12 प्रति यूनिट की दर से भी अधिक में बिजली खरीदकर स्थिति संभालने को विवश होना पड़ रहा है।

पावर मैनेजमेंट सेल से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सेक्टर की अनपरा, ओबरा, एनटीपीसी की सिंगरौली, रिहंद, राज्य से जुड़ी निजी क्षेत्र की लैंको परियोजना की उत्पादित बिजली पीक आवर में भी दो से तीन रुपये प्रति यूनिट तक में उपलब्ध है लेकिन अंता और औरैया में संचालित बिजली परियोजनाओं से पीक आवर या रिकॉर्ड मांग के समय ₹12 से भी अधिक दर से बिजली खरीदनी पड़ रही है।

सरप्लस बिजली के समय मिलता है लाभ

जब बिजली की मांग न्यूनतम स्तर पर होती है तो कई बार केंद्रीय पूल में बिजली का रेट गिरकर रुपये1 प्रति यूनिट से भी नीचे चला जाता है, जिसका फायदा उठाने के लिए पावर सेक्टर सस्ती बिजली देने वाले राज्य के स्वामित्व वाले बिजली घरों में थर्मल बैंकिंग का रास्ता अपनाता है। यहींं कारण है कि कई बार बिजली की अच्छी मांग होने के बावजूद थर्मल बैकिंग की भी स्थिति देखने को मिलती है। 

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