Sonbhadra News: प्रदूषित पानी बना काल, सिर्फ एक महीने में 14 मौतें, DM से गुहार लगा रहे ग्रामीण

इसकी जानकारी के बाद स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सोमवार को एक टीम प्रभावित टोले में भेज दी गई है। हालांकि मौतों को लेकर स्वास्थ्य महकमा अभी कुछ भी कहने से बच रहा है।

Published By :  Divyanshu Rao
Update:2021-09-27 17:40 IST

प्रदूषित पानी की प्रतीकात्मक तस्वीर (डिजाइन फोटो:न्यूज़ट्रैक)

Sonbhadra News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सोनभद्र (Sonbhadra) जिले में म्योरपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत बेलहत्थी के रजनी टोला में एक बार फिर बुखार, उल्टी-दस्त जैसे लक्षणों से कई मौतों की बात सामने आई है। ग्रामीणों का दावा है कि एक माह के भीतर रजनी टोला और इससे सटी बस्ती में बुखार उल्टी और दस्त से पीड़ित 14 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में दस मासूम शामिल बताए जा रहे हैं। मौतों के पीछे प्रदूषित पानी के सेवन को प्रमुख कारण बताया जा रहा है।

इसकी जानकारी के बाद स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सोमवार को एक टीम प्रभावित टोले में भेज दी गई है। हालांकि मौतों को लेकर स्वास्थ्य महकमा अभी कुछ भी कहने से बच रहा है। उधर, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने इन मौतों के लिए सरकारी तंत्र के जिम्मेदार की उदासीनता को जिम्मेदार ठहराया है और प्रभावित लोगों को जरूरी बुनियादी सुविधाएं और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है। मामले को लेकर डीएम के साथ ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश को पत्र भेजकर हस्तक्षेप की गुहार लगाई गई है।

प्रदूषित पानी पीने (Sonbhadra Pradushit Pani) से हुई लोगों की मौत

ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के जिला संयोजक कृपाशंकर पनिका, मजदूर किसान मंच के जिला सचिव रमेश सिंह खरवार सहित ग्रामीणों का दावा है कि राजकुमारी (1) पुत्री राजेंद्र, सुनीता (18) पुत्री रामप्यारे, हीरालाल (42) पुत्र स्व. बलराम, सूरज कुमार (5) पुत्र राजाराम खरवार, बादल कुमार (6) पुत्र बबलू कोल, मोंटी कुमार (1) पुत्री बबलू कोल, ओम प्रकाश (3) पुत्र नाथूराम, अंतलाल (7), प्रकाश यादव (50), श्यामदेव खरवार (6) पुत्र अमरनाथ, दिलीप कुमार (1) पुत्र राजेश, विकास (23) पुत्र सुखलाल, कद्दू कुमार (2) पुत्र गौरी शंकर, बबलू कुमार खरवार (2) पुत्र वंश बहादुर की बुखार, उल्टी, दस्त आदि से मृत्यु हो गई है। इस मामले को लेकर आइपीएफ नेता दिनकर कपूर ने जिलाधिकारी को पत्र भेज तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। पत्र की प्रति राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश को भेजी गई है।

पत्र में कहा गया है कि गांव में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था न होने के कारण लोग रिहंद डैम का प्रदूषित पानी पीने को मजबूर हैं। और इसी कारण बीमार हो रहे हैं। यहां आवागमन की दुरुहता और बुनियादी सुविधाओं के अभाव के चलते मरीजों को समय से उपचार नहीं मिल पा रहा है जिससे उनकी मौत हो रही है। पत्र में दावा किया गया है कि इसके पूर्व जुलाई माह में भी इस गांव के आधा दर्जन ग्रामीणों की बीमारी से अकाल मृत्यु हुई थी। जुलाई में हुई मौतों के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने वाद 115279/सीआर/2021 पंजीकृत किया हुआ है।

पानी की दिक्कत के चलते इस तरह दूर से ग्रामीण महिलाएं लाती हैं पानी 

गांव में जाने के लिए रास्ता नहीं

ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के लोगों का आरोप है कि बार-बार शासन व प्रशासन को पत्र भेजकर अवगत कराया जा रहा है कि बेलहत्थी गांव के रजनी टोला में जाने का संपर्क मार्ग नहीं है। मार्ग न होने से लोगों को चिकित्सा सुविधा भी नहीं मिल रही है। स्थिति इतनी बुरी है कि एक अदद हैण्डपंप तक नहीं लगवाया जा सका है।

सोमवार को भेजे पत्र के जरिए मांग की गई है कि बेलहत्थी ग्रामसभा के रजनी टोला में तत्काल मेडिकल कैंप लगाया जाए। शुद्ध पेयजल के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, हैण्डपम्प, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की जाए। रीवां-राची मार्ग से रजनी टोला संपर्क मार्ग को ऊंच बडवान एवं नीच बडवान बस्ती से होते हुए राजस्व ग्राम निहाई पाथर तक विस्तारित कराया जाए ताकि भविष्य में आवागमन की कठिनाई के कारण किसी भी ग्रामीण को चिकित्सा लाभ या पेयजल की सुविधा से वंचित होकर अकाल मृत्यु का सामना न करना पड़े। उधर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र म्योरपुर के अधीक्षक डॉ. शिशिर श्रीवास्तव ने कहा कि प्रभावित टोले में स्वास्थ्य टीम भेज दी गई है। मौतों की पुष्टि के बाद ही इस बारे में कुछ कहना ठीक रहेगा।

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