Sonbhadra News: साइकिलों और बाइकों से हो रहा अवैध बालू खनन, कार्रवाई तो यही कह रही है
अवैध बालू खनन में पुलिस अधीक्षक के तरफ से जांच कराकर इसमें शामिल व्यक्तियों के चिन्हांकन और बगैर नंबर वाली ट्रकों से..
Sonbhadra News: अवैध बालू खनन में पुलिस अधीक्षक के तरफ से जांच कराकर इसमें शामिल व्यक्तियों के चिन्हांकन और बगैर नंबर वाली ट्रकों से अधिकारियों की नाक के नीचे से बालू परिवहन की तस्वीर कई बार सार्वजनिक होने के बावजूद जहां इस पर सख्ती नहीं दिख सकी है। वहीं एक ऐसे ही मामले में अचानक से सक्रिय हुए वन विभाग ने बालू परिवहन के आरोप में 21 साइकिलें और एक बाइक सीज कर दी है। वन विभाग के लोगों का दावा है कि सोन नदी से अवैध बालू खनन कर साइकिल और बाइक से परिवहन किए जाने की शिकायत मिल रही थी।
बताया जा रहा है कि 20 से 30 की संख्या में लोग सोन नदी से अवैध बालू खनन कर बोरियो में भरकर प्रति साइकल पर तीन से पांच बोरी लोड कर ले जा रहे हैं। कई बाइक सवारों के खिलाफ भी ऐसी ही शिकायत मिल रही भी। डाला वन क्षेत्राधिकारी राजेश कुमार सोनकर को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने वन कर्मियों की टीम भेज कर चोपन क्षेत्र से 21 साइकल और अम्माटोला क्षेत्र से एक बाइक पकड़ कर सीज कर दी। टीम में त्रिलोकी दूबे, अभिषेक सिंह, रमेश कुमार पांडेय, अंकित सिंह, इरफान खान शामिल रहे। बताया गया कि वन कर्मियों की टीम देखने आई साइकल, बाइक छोड़ बालू खनन-परिवहन में लगे लोग भाग खड़े हुए।
बड़े खनन कर्ताओं पर क्यों नहीं दिख रही सख्ती, उठ रहे सवालः
दिलचस्प मामला यह है कि जिस तरह की सक्रियता साइकिल और बाइक से बालू ढोने की शिकायत मिलने पर दिखाई गई। वैसी सक्रियता हाईवे से खुलेआम बगैर नंबर वाले ट्रकों से बालू के परिवहन और प्रतिबंधित समय होने के बावजूद नदियों में होते खुलेआम अवैध खनन पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? यह एक बड़ा सवाल है। लोगों की मानें तो डाला, चोपन के साथ ही जुगैल क्षेत्र में बालू का अवैध खनन-परिवहन तो हो ही रहा है। दुद्धी क्षेत्र में भी ऊंची रसूख वालों का गठजोड़ धड़ल्ले से अवैध खनन में लगा हुआ है। हाथीनाला तक बेधड़क इसके आपूर्ति भी की जा रही है।
रेलवे के निर्माण कार्यों में अवैध खनन वाली बालू के प्रयोग की मिल रही शिकायत
रेलवे की तरफ से करवाए जा रहे निर्माण कार्यों में ठेकेदारों द्वारा अवैध खनन वाली बालू का प्रयोग करने की शिकायत पर रविवार को खान अधिकारी जेपी द्विवेदी दल बल के साथ चोपन में जाकर जांच की थी और अवैध तरीके से बालू का भंडारण देख दंग रह गए थे। पूछे जाने पर उनका कहना था कि यह शिकायत मिली है कि रेलवे के ठेकेदारों द्वारा सोन नदी से अवैध तरीके से बालू खनन कर निर्माण कार्य में उपयोग किया जा रहा है। इसी के परिप्रेक्ष्य में जांच की जा रही है। अगर भंडारण किए गए बालू के कागजात नहीं दिखाए गए दादा भाई आगे बढ़ाई जाएगी। सवाल उठता है आखिर सख्ती के दावों के बीच बालू का अवैध खनन कैसे जारी है और जिस तरह की सक्रियता साइकल और बाइक को लेकर दिखाई जा रही, वैसी सक्रियता बालू के अवैध परिवहन में लगे वाहनों पर क्यूं नहीं दिखाई जा रही? चर्चाओं का बाजार गर्म है।