Sonbhadra News: सोन नदी की बीच धारा में किया जा रहा खनन, लोगों ने उठाए ये सवाल

Sonbhadra News: सोन नदी किनारे बालू खनन के लिए दिए गए पट्टों की आड़ में, नदी के बीच में लोडिंग के लिए ट्रकों को पहुंचाने के लिए मिट्टी निकालकर रास्ता भी बनाया गया है। वहीं, नियमों की अनदेखी कर किए जा रहे कथित खनन और लोडिंग को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।

Published By :  Deepak Kumar
Update: 2022-01-15 11:40 GMT

सोन नदी की बीच खनन करती हुई जेसीबी मशीन।  

Sonbhadra News: सोन नदी किनारे (Sone river bank) बालू खनन के लिए दिए गए पट्टों की आड़ में, नदी के बीच में जाकर बालू खनन (sand mining) करने का मामला प्रकाश में आया है। नदी के बीच में लोडिंग के लिए ट्रकों को पहुंचाने के लिए मिट्टी निकालकर रास्ता भी बनाया गया है। इससे जहां जलीय पर्यावरण पर असर पड़ने की बात कही जा रही है। वहीं, नियमों की अनदेखी कर किए जा रहे कथित खनन और लोडिंग को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। इसको लेकर अगोरी खास खंड (Agori Khas Khand) नंबर चार से जुड़ा बताया जा रहा एक वीडियो भी शुक्रवार शाम से वायरल हो रहा है। वहीं, खनन महकमे (Mining Department) का कहना है कि जहां तक पानी नहीं है वहां तक खनन किया जा सकता है। सवाल उठता है कि क्या जैसे-जैसे धारा सिमटती जाएगी या सिमटा दी जाएगी? वैसे-वैसे खनन का दायरा बढ़ता जाएगा? यह एक बड़ा सवाल बन गया है।

बताते चलें कि जिले में दुद्धी तहसील क्षेत्र (Duddhi Tehsil Area) के कोरगी और नगवां तथा ओबरा तहसील क्षेत्र (Obra Tehsil Area) के अगोरी में बालू खनन (sand mining) के लिए पट्टे आवंटित किए गए हैं। अगोरी क्षेत्र (agori area) में पांच बालू साइटें, ई-टेंडर प्रक्रिया से और दो बालू साइट काश्तकारी परमिट जुड़ी हुई है। इसी में से एक बालू साइट पर फसल बोई हालत में बालू खनन के लिए पट्टा स्वीकृत करने का मामला प्रकाश में आ चुका है। बताया जा रहा है कि अगोरी में कुछ बालू साइटों पर खनन पट्टे (ई-टेंडरिंग) की आड़ में सोन नदी के बीच से बालू निकाली जा रही है। इसको लेकर जहां वीडियो वायरल हो रहा है। वहीं जो तस्वीरें सामने आई हैं, वह भी एकबारगी चौंकाने वाली हैं।


पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के खनन से जलीय पर्यावरण पर सीधा असर पड़ता है। इसके चलते जलीय जीवों का जीवन तो प्रभावित होता ही है, नदी के प्रवाह पर भी विपरीत असर पड़ता है। बता दें कि पूर्व में कई बार बालू खनन (sand mining) के लिए नदी की धारा तक बांधी जा चुकी है। पट्टे की आड़ लेकर नदी के बीच से खनन के साथ ही, नदी के बीच से अवैध खनन कर बालू निकालने का भी मामला कई बार प्रकाश में आ चुका है। उधर, जिला खान अधिकारी जेपी दुबे (District Mines Officer JP Dubey) ने सेलफोन पर हुई वार्ता में पट्टा धारक को कहां तक खनन की अनुमति दी गई है? के सवाल पर कहा कि जहां तक पानी नहीं है, वहां तक खनन किया जा सकता है।


सड़क पर घंटों जाम से आवागमन दूभर, ओवरलोड निकाल रहा सड़कों का कचूमरः

अगोरी में बालू साइटों (Sand sites in Agori) पर बालू लोडिंग के लिए पहुंच रहीं ट्रकें, चोपन -कुड़ारी मार्ग पर बेतरतीब तरीके से खड़ी कर दी जा रही हैं। इससे जहां घंटों आवागमन बाधित हो रहा है। वहीं, बालू साइटों (Sand sites in Agori) से निकल रही ओवरलोड ट्रकें सड़क का कचूमर निकाल दे रही हैं। नदी के बीच से बालू निकालकर लोड किए जाने से सड़क पर लगातार पानी गिर रहा है। इससे भी सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं। इलाके के ग्रामीणों का कहना है कि दोपहर बाद तीन बजे से लेकर पूरी रात सड़क पर जाम की स्थिति बनी रही है। इसको लेकर एक दो बार उन लोगों ने विरोध दर्ज कराने की कोशिश की लेकिन बालू साइडों (Sand sites in Agori) पर तैनात किए गए बाउंसरों का डर दिखाकर उन्हें चुप करा दिया जा रहा है।


सत्ता पक्ष का बताया जा रहा था संरक्षण

सोनभद्र (Sonbhadra Sand Sites) में हो रहे बालू खनन को सत्ता पक्ष का संरक्षण बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि दुद्धी क्षेत्र में चलने वाली दो बालू साइडों में एक को एक माननीय और एक को पूर्वांचल में अपनी अलग रसूख रखने वाले पूर्व माननीय, अगोरी क्षेत्र में भी एक बालू साइड को एक माननीय, एक बालू साइट को पूर्व माननीय और अन्य साइटों को सत्तापक्ष से जुड़े नेताओं एवं अन्य दलों के चर्चित चेहरों के संरक्षण तथा जुड़ाव होने की चर्चा बनी हुई है।

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