Sonbhadra News: सोनभद्र में कई धान खरीद केंद्र बंद, तौल के बाद भी कई का नहीं लगा अंगूठा

धान खरीद के समय से ही कभी मिलरों की हड़ताल, कभी कर्मियों की हड़ताल कभी मजदूरों की दिक्कत, कभी बोरों की कमी, कभी ऑनलाइन-ऑफलाइन टोकन का चक्कर क्रय केंद्रों पर लाइन लगाए।

Published By :  Divyanshu Rao
Update: 2022-02-03 13:37 GMT
धान खरीद क्रेंद की तस्वीर 

Sonbhadra News: ऑनलाइन-ऑफलाइन टोकन की मार और बैकडोर से की गई कथित खरीद के चलते सोनभद्र में कई किसान सरकारी दर पर धान बेचने से वंचित हो गए हैं। उम्मीदवश अभी भी क्रय केंद्रों पर जहां किसान कतार लगाए बैठे हैं, वहीं अचानक से धान खरीद पोर्टल और कांटा बंद होने से धान की तौल होने के बाद भी कई किसानों का अंगूठा नहीं लग पाया है। इससे उनकी फसल और भुगतान दोनों फंस गया है। इसमें कुछ कथित किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने क्रय केंद्रों के कर्मियों के इशारे पर धान तो सीधे मिलरों के यहां उतार दिया लेकिन अंगूठा न लगने से उनका भी भुगतान फंस गया है।

धान खरीद के समय से ही कभी मिलरों की हड़ताल, कभी कर्मियों की हड़ताल कभी मजदूरों की दिक्कत, कभी बोरों की कमी, कभी ऑनलाइन-ऑफलाइन टोकन का चक्कर क्रय केंद्रों पर लाइन लगाए किसानों के धान खरीद की बड़ी बाधा बनती रही है। यह बात अलग है कि बैकडोर से करोड़ों का धान खरीद लिए जाने के लिए आरोप लगातार लगते रहे हैं। बताते हैं कि पिछले मंगलवार से जिले के अधिकांश धान क्रय केंद्रों से लखनऊ से खरीद बंद किए जाने की बात कहते हुए कांटा हटा लिए गए।

धान खरीद केंद्र की तस्वीर 

इसी के साथ आखिरी समय में जिन किसानों ने धान की तौल कराई थी, उनका अंगूठा लगना भी बंद हो गया। इससे जहां किसानों की उपज जहां-तहां फंस गई। वहीं कर्मियों के कहने पर बगैर नंबर आए ही मिलरों के यहां धान उतारने वाले लोग भी अंगूठे के चक्कर में फंस गए हैं। चर्चा है कि ऐसे लोगों के धान खरीद को कुछ क्रय केंद्रों पर ऑनलाइन दिखाई जा रही खरीद में मैनेज करने की कोशिश हो रही है। वहीं धान का वजन कराने के बाद अंगूठे के लिए क्रय केंद्रों पर लाइन लगाए किसानों से लखनऊ से खरीद बंद होने की बात कह पल्ला झाड़ लिया जा रहा है।

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जिले के अधिकांश केंद्रों से गत मंगलवार से ही अचानक से कांटा हटा लिए जाने के कारण खरीद केंद्रों पर लाइन लगाए कई किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। तौल तथा धान ले लिए जाने के बाद भी अंगूठा न लगने से किसानों में नाराजगी है। उनका कहना था कि एसएमआई कह रहे थे कि घबड़ाएं नहीं, सभी की धान खरीद की जाएगी। उसी आश्वासन पर अपनी बारी का इंतजार किया जा रहा था।

वहीं धान की तौल करा चुके किसान अंगूठा लगवाए जाने का इंतजार कर रहे थे। अचानक से धान खरीद बंद कर कांटा हटा लिया गया। कहा जा रहा कि लखनऊ से खरीद पोर्टल बंद कर दिया गया है। बभनी क्षेत्र के किसान उपजिलाधिकारी दुद्धी तक गुहार लगाने पहुंचे लेकिन राहत नहीं मिली। इसके चलते हजारों कुंतल धान की बिक्री वजन कराने के बाद भी फंस गई है।

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रामरुप, सुरेंद्र, कुंवर सिंह, भाष्कर, जगरनाथ, सत्यपाल, सुशील कुमार, गणेश,बक्कल, रामगुलाब, विनोद आदि का कहना था कि उन लोगों का धान तो तौल लिया गया है लेकिन अंगूठा नहीं लग पाया है। उसी धान को बेच कर बैंक का ऋण चुकाना था। लड़की की शादी करनी थी। अब वह क्या करें, किस से गुहार लगाएं? समझ नहीं आ रहा।

विपणन निरीक्षकों का कहना है कि मुख्यालय से अचानक से धान खरीद बंद कर दी गई तो वह लोग क्या कर सकते हैं? वहीं जिला खाद्य विपणन एवं धान खरीद के नोडल अधिकारी संजय पांडेय का कहना था कि जिला मुख्यालय स्थित मंडी केंद्र को छोड़कर जिले के सभी केंद्रों का कांटा बंद किया जा रहा है। जिन क्रय केंद्रों पर धान का वजन कराने के बाद भी अंगूठा लगाने में लापरवाही की गई है, उन केंद्रों के प्रभारियों के खिलाफ किसान शिकायत करते हैं तो कार्रवाई की जाएगी। -

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