Sonbhadra News: पूर्वांचल नव निर्माण किसान मंच ने केंद्र और राज्य सरकार पर बोला हमला, की ये मांग

कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर मुजफ्फरनगर में आयोजित किसान महापंचायत के समर्थन मे..

Published By :  Deepak Raj
Update: 2021-09-05 13:46 GMT

पूर्वांचल नव निर्माण किसान मंच के सदस्य बैठक करते हुए 

Sonbhadra News: कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर मुजफ्फरनगर में आयोजित किसान महापंचायत के समर्थन मे सोनभद्र में भी किसानों ने पूर्वांचल नव निर्माण किसान मंच के बैनर तले आवाज उठाई। केंद्र और प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए जिला मुख्यालय (राबर्ट्सगंज) पर आयोजित किसान पंचायत में किसानों की खराब स्थिति और उनकी परेशानियों पर चर्चा की। किसान पंचायत की अध्यक्षता कर रहे किसान नेता श्रीकांत त्रिपाठी ने कहाकि उत्तर प्रदेश में किसान दोहरी मार के शिकार हो रहे हैं।


पूर्वांचल नव निर्माण किसान मंच के सदस्य 


प्राकृतिक आपदाओं के अलावा किसानों को शासन-प्रशासन की उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है। नौ महीने से चल रहे किसान आंदोलन में किसानों की मांग पर संवाद करने की बजाय सरकार किसानों के आंदोलन को बल पूर्वक दबाने की कोशिश कर रही है। त्रिपाठी ने कहा मोदी और योगी सरकार के द्वारा की जा रही किसानों की उपेक्षा, उसके लिए आगामी चुनाव में सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनी नजर आएगी। मुख्य अतिथि भारतीय सामाजिक न्याय मोर्चा के संस्थापक अध्यक्ष रामकृष्ण पाठक ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों में जागरूकता का अभाव है, जिसके कारण आज सबसे ज्यादा आर्थिक रुप से कमजोर पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसान ही हैं।


 किसानों से अपने अधिकार की लड़ाई लड़ने के लिए आगे आने की अपील की

पाठक ने किसानों से अपने अधिकार की लड़ाई लड़ने के लिए आगे आने की अपील की। पूर्वांचल नव निर्माण किसान मंच के नेता गिरीश पांडेय ने कहा कि किसानों के उत्पाद का समर्थन मूल्य गारंटीड न होने से लगातार किसान आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई से लेकर दवा ईलाज के लिए भी यहां किसान कर्जदार हो जाता है। गिरीश पांडेय ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनन गारंटी की मांग आंदोलनरत किसानों की जायज मांग ही नहीं, उनकी जरुरत और अधिकार है। किसान मंच के कोषाध्यक्ष श्रीकांत पाठक और सचिव सूर्यकांत ने कहा किसान ही देश की आर्थिक व्यवस्था का आधार हैं लेकिन कृषि क्षेत्र के उत्थान के लिए चाहे केंद्र की सरकार हो या प्रदेश की, संवेदनशील नहीं है।


किसान पुत्र अभय पटेल ने कहा कि मंहगी बिजली और मंहगा डीजल लगाकर किसान औने-पौने दाम पर जब फसल बेचने को मजबूर होता है तो वह खून का आंसू रोता लेकिन किसानों का वोट लेकर सत्ता में बैठे अहंकारी राजनेताओं को यह नहीं दिखता। कहा कि जब तक सरकार किसानों के चिंता का स्थायी समाधान नहीं करती, तब तक किसान आंदोलन चलता रहेगा। उदय प्रकाश, संतोष कुमार द्विवेदी, काशीनाथ देव, प्रकाश तिवारी, मुन्ना, श्यामलाल, अभिषेक, सर्वेश, बबलू चौधरी, अरविंद, बबून्दर, प्रेमशंकर, गोरख, धीरज, जगेशर, नागेश्वर, बुद्धू, परमेश्वर सहित अन्य किसानों ने दोषपूर्ण कृषि कानून की वापसी के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनन गारंटी की मांग उठाई। फसलों की सिंचाई के लिए डीजल और बिजली में सब्सिडी की मांग भी की।

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