Sonbhadra News: राजनैतिक दलों की निगाहें जातिगत वोटों पर टिकी, जानें क्या है सोनभद्र की विधानसभा सीटों का जातिगत समीकरण

राबटर्सगंज में भाजपा से भूपेश चौबे, सपा से अविनाश कुशवाहा, बसपा से अविनाश शुक्ला, कांग्रेस से कमलेश ओझा चुनावी मैदान में हैं।

Published By :  Divyanshu Rao
Update:2022-02-26 20:49 IST

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो:न्यूज़ट्रैक)

Sonbhadra News: सोनभद्र में इस बार के चुनाव में स्थानीय मुद्दे गौड़ हो चले हैं। चुनावी बयार की शुरूआत में जहां स्थानीय मसलों को लेकर सवाल दागे जा रहे थे। वहीं अब चुनावी सरगर्मी शवाब पर पहुंचने के साथ ही जातिगत फैक्टर हावी होने लगे हैं। सदर विधानसभा राबटर्सगंज में जहां भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस अन्य जातियों के साथ बा्रह्मण वोटरों को साधने पर विशेष ध्यान दे रही हैं। वहीं घोरावल में ब्राह्मण मतदाताओं के साथ मौर्य वोटरों में सेंधमारी की हर संभव रणनीति अपनाई जा रही है। ओबरा में खरवार तो दुद्धी में गोंड़ समुदाय के बड़े वोट बैंक पर सभी की निगाह हैं लेकिन ग्रामीण मतदाताओं की चुप्पी सभी प्रत्याशियों की नींद उड़ाए हुए है।

राबटर्सगंज में भाजपा से भूपेश चौबे, सपा से अविनाश कुशवाहा, बसपा से अविनाश शुक्ला, कांग्रेस से कमलेश ओझा चुनावी मैदान में हैं। पिछले सालों के मुकाबले इस बार राबटर्सगंज में उलझे समीकरणों ने यहां ब्राह्मण वोटरों को 2022 का जिताऊ समीकरण बना दिया है। इस समीकरण को देखते हुए भाजपा के साथ बसपा और कांग्रेस ने भी ब्राह्मण प्रत्याशी मैदान में उतारा हुआ है। सभी दल अपने परंपरागत वोटरों पर पकड़ का दावा कर रहे हैं लेकिन ब्राह्मण मतदाताओं द्वारा अभी पूरी तरह पत्ता न खोले जाने से, दलीय खेमों में बेचैनी की स्थिति बनी हुई है।

यहीं, हाल घोरावल में मौर्या और ब्राह्मण मतदाताओं का बताया जा रहा है। वहां मौर्या वोटरों का सबसे अधिक समर्थन भाजपा के अनिल कुमार मौर्या को और ब्राह्मण वोटरों का सबसे अधिक समर्थन सपा के रमेशचंद्र दूबे को होने की बात चर्चा में है लेकिन बसपा के मोहन कुशवाहा द्वारा अनिल मौर्या की ताकत कहे जाने वाले मौर्या वोटरों में की जाती सेंधमारी और कांग्रेस से राजपरिवार की बहू के चुनावी मैदान में होने से ब्राह्मण खेमे से कांग्रेस को भी समर्थन मिलने की चर्चाएं बनी हुई हैं। ऐसे में यहंा का सरताज कौन होगा? फिलहाल की स्थिति में यह कहना मुश्किल है।

यूपी विधानसभा चुनाव की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो:न्यूज़ट्रैक)

ओबरा में भाजपा, सपा और कांग्रेस ने गोंड़ बिरादरी के प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा है। पूर्व के चुनावों में खरवार वोटरों में सबसे अच्छी पैठ भाजपा की बताई जा रही है लेकिन जिला पंचायत चुनाव में इस वर्ग को पर्याप्त प्रतिनिधित्व न मिलने की नाराजगी, जहां इस बार भाजपा खेमे के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। वहीं बसपा ने खरवार बिरादरी के सुभाष खरवार को चुनावी समर में उतारकर यहां का समीकरण दिलचस्प बना दिया है। खरवार मतदाता भी फिलहाल चुप्पी साधे हुए हैं। ऐसे में यहां खरवार समुदाय का साथ किसको मिलेगा? इस पर निगाहें सभी की टिकी हुई हैं।

दुद्धी में गोंड़ बिरादरी पिछले कई चुनावी से जिताऊ समीकरण साबित हो रही है। दो बार अपने पसंद के उम्मीदवार को निर्दल चुनाव जिताकर इसे साबित भी किया है। इस बार भी यहां सभी की निगाहें गोंड़ वोटरों पर है। आदिवासी समुदाय के बड़े नेता विजय सिंह गोंड़ जहां सपा से चुनावी ताल ठोंक रहे हैं। वहीं गोंगपा ने बसपा को समर्थन का ऐलान कर सपा खेमे की बेचैनी बढ़ा दी है। उधर भाजपा भी गोंड़ बिरादरी के रामदुलार को चुनाव में उतारकर बाजी साधने की जुगत में लगी है। वहीं कांग्रेस को भी विजय सिंह के राजनीतिक गुरू तथा अपने समय में आदिवासियों की पसंद रहे स्व. रामपनिका की छवि से चमत्कार की उम्मीद है।

घोरावल में कांग्रेस दे रही अच्छी टक्कर

जातिगत समीकरणों से इतर हटकर सबसे अधिक दिलचस्प लड़ाई अगर जिले क किसी सीट पर है तो वह है घोरावल विधानसभा सीट। राजपरिवार के युवराज के कम उम्र में ही निधन होने के कारण जहां, इस परिवार की बहू को लोगों की सहानुभूति मिलती दिख रही हैं।

वहीं अपनों द्वारा उसके राजनीतिक राह में अटकाए जाते रोड़े ने भी, उनकी जनता के बीच पैठ बढ़ानी शुरू कर दी है। 2017 के चुनाव में जहां कांग्रेस को शुरू से ही लड़ाई से बाहर माना जा रहा था लेकिन एक राजपरिवार की बहू होने के बावजूद विंदेश्वरी सिंह राठौर जिस तरह से आम प्रत्याशी की तरफ लोगों से घुल-मिल रही हैं और उनके साथ लोगों की भीड़ देखने को मिल रही हैं, उनसे राजनीतिक समीक्षकों को चैंकाने के साथ ही, भाजपा-सपा खेमे में बेचैनी की स्थिति उत्पन्न करनी शुरू कर दी है। यहीं कारण है कि इस बार यहां कांग्रेस की मौजूदगी को, उलटफेर भरे समीकरणों से जोड़कर देखा जाने लगा है।

दो से होगा दिग्गजों का जमावड़ा

सोनभद्र। छठें चरण का चुनाव प्रचार थमने के साथ ही, सोनभद्र में सभी प्रमुख दलों के दिग्गजों का जमावड़ा लगने की उम्मीद जताई जाने लगी है। कांग्रेस की तरफ से जिले में गत दो मार्च को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल का दौरा तय कर दिया गया है। वहीं भाजपा की तरफ से तीन मार्च को अपना दल एस प्रमुख अनुप्रिया पटेल का जिले में दौरा तय होने का दावा किया जा रहा है।

इसी के इर्द-गिर्द पीएम नरेंद्र मोदी का भी दौरा तय होने की बात कही जा रही है। उधर, सपा खेमे की तरफ से भी दो से पांच मार्च के बीच सपा मुखिया अखिलेश यादव का कार्यक्रम तय होने की संभावना जताई जा रही है।

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