Sonbhadra Politics: भाजपा के पूर्व सांसद से सपा के प्रदेश अध्यक्ष की मुलाकात ने बढ़ाया सियासी पारा
Sonbhadra Politics: नरेश उत्तम पटेल के दौरे को जहां 2022 के विधानसभा चुनाव के लिहाज से अहम माना जा रहा है। वहीं अचानक से भाजपा के पूर्व सांसद छोटेलाल के आवास पर पहुंचकर सियासी पंडितों को चौंका दिया है।
Sonbhadra Politics: उत्तर प्रदेश में अगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजीनतिक पार्टियां युद्ध स्तर पर रणनीति बनाकर काम कर रही हैं। और जहां सभी राजनीतिक पार्टियां जनता के बीच जाकर वोट बैंक बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं, तो वहीं कई नेता विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर अपने पाले में लाने के प्रयास कर रहे हैं। ऐसी ही कुछ सियासी अटकले सोनभद्र में भी लगाए जा रहे हैं। मगर कुछ साफ तौर पर कहा नहीं जा सकता। बता दें कि सोमवार की सुबह अचानक से भाजपा के पूर्व सांसद छोटे लाल के घर सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने पहुंच कर सबको चौंका दिया।
गौरतलब है कि चुनावी सरगर्मियों के बीच जिले में सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के दौरे को जहां 2022 के विधानसभा चुनाव के लिहाज से अहम माना जा रहा है। वहीं उन्होंने सोमवार की सुबह अचानक से भाजपा के पूर्व सांसद छोटेलाल के चुर्क रोड स्थित आवास पहुंचकर सियासी पंडितों को चौंका दिया है। शाम को जब इसकी तस्वीरें वायरल होने लगीं तो तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं। हालांकि इस पर सपा, भाजपा दोनों पार्टियों के लोग चुप्पी साधे हुए हैं । लेकिन चुनावी बतकही में इसके बड़े निहितार्थ निकाले जाने लगे हैं।
छोटेलाल सांसद के रूप में संसद तक पहुंच गए
चंदौली जिले के नौगढ़ इलाके के मंगराही गांव निवासी छोटेलाल खरवार वर्ष 2005 से वर्ष 2014 तक अपने गांव के प्रधान रहे। लोक गायक के रूप में पहचान रखने वाले छोटे लाल ने 2014 में अचानक से राबर्ट्सगंज संसदीय सीट से भाजपा का टिकट हासिल कर सियासत में बड़ी इंट्री दर्ज कराई। उस समय यह माना गया था कि मौजूदा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सपोर्ट ने उन्हें सियासत के सबसे बड़े चुनावी मैदान में उतरने का मौका दिया है। मोदी लहर पर सवार भाजपा को राबर्ट्सगंज में भी बड़ी जीत हासिल हुई और छोटेलाल सांसद के रूप में संसद तक पहुंच गए। पीएम मोदी ने पार्टी के चुनाव चिन्ह कमल का हवाला देते हुए छोटेलाल को छोटे कमल की संज्ञा से विभूषित किया।
पार्टी में उन्हें कई अहम जिम्मेदारियां भी सौंपी गईं लेकिन 2017 में जब उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार आई तो छोटेलाल के तेवर में तीखापन आना शुरू हो गया। 2018 में उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी पर आरोप लगाकर बड़ा धमाका किया। पीएम मोदी को पत्र लिखकर भी आरोप लगाया कि उन्हें योगी आदित्यनाथ डांटकर भगा देते हैं। इस खबर ने मीडिया में खासी सुर्खी बटोरी।
चुनावी मैदान में पत्नी को उतारा
2020 में उन्होंने नौगढ़ ब्लाक प्रमुख के चुनाव में अपने भाई की हार के लिए भाजपा के लोगों पर ही षडयंत्र रचने का आरोप लगाकर खलबली मचा दी थी। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र पांडेय को भी आड़े हाथों लिया। हालांकि बाद में उनकी नाराजगी दूर हो गई लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में राबर्ट्सगंज संसदीय सीट का टिकट गठबंधन कोटा में अपना दल के पास चले जाने के कारण सांसद के रूप में उनकी राजनीतिक पारी रुक गई। 2021 के जिला पंचायत के चुनाव में एक बार फिर से छोटेलाल पत्नी मुनिया देवी के जरिए राजनीतिक मैदान में मजबूती सें इंट्री किए। बरहमोरी सीट से पत्नी मुनिया देवी को जिताने में कामयाबी भी पा ली। उसके बाद सोनभद्र को आदिवासी बाहुल्य जनपद का हवाला देते हुए अपनी पत्नी के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी के लिए दावेदारी जताई लेकिन यह सीट भी गठबंधन कोटे में अपना दल एस के पास चले जाने के कारण उनकी कोशिश यहां भी आगे नहीं बढ़ पाई।
सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल का किया स्वागत
हालांकि उन्होंने पार्टी के प्रति निष्ठा बनाए रखी। इसी बीच सोनभद्र में आयोजित आदिवासी सम्मेलन में भाग लेने आए सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने पटवध में आयोजित कार्यक्रम में सोनभद्र में आदिवासी भवन के निर्माण की घोषणा करने से पूर्व, आदिवासी समुदाय (खरवार बिरादरी) के बड़े नेता के रूप में पहचान बना चुके छोटेलाल के घर चाय पर मुलाकात के बहाने पहुंच कर जिले के सियासी पारे का तापमान अचानक से उछाल दिया।
करीब घंटे भर तक छोटेलाल के आवास पर मौजूद रहे नरेश उत्तम पटेल ने आदिवासी मसलों सहित विभिन्न मुद्दों पर उनके साथ चर्चा की। पूर्व सांसद छोटेलाल अंगवस्त्रम और स्मृति चिन्ह भेंट कर सपा प्रदेश अध्यक्ष का स्वागत भी किए। हालांकि इस मुलाकात को लोगों की नजर से दूर रखने का प्रयास किया गया लेकिन दोपहर बाद जैसे ही तस्वीरें वायरल होनी शुरू हुई, छोटेलाल की आगे की सियासी पारी को लेकर अटकलें लगनी शुरू हो गई। चर्चा तो यहां तक होने लगी है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में छोटेलाल फिर से कोई बड़ा धमाका करते नजर आ सकते हैं। हालांकि सपा और भाजपा के लोग इस मसले पर अभी चुप्पी साधे हुए हैं।
व्यक्तिगत मुलाकात भी हो सकती है: महामंत्री कृष्ण मुरारी
प्रकरण को लेकर भाजपा के जिला अध्यक्ष अजीत चौबे से बात करने की कोशिश की गई तो वह परिवार के निजी कार्यक्रम में व्यस्त होने के कारण इस मसले पर वार्ता के लिए उपलब्ध नहीं हो पाए। वहीं महामंत्री कृष्ण मुरारी गुप्ता का कहना था कि कई मुलाकातें व्यक्तिगत होती हैं, उसका राजनीतिक निहितार्थ नहीं निकाले जाने चाहिए। सवाल उठता है कि सोमवार को प्रदेश अध्यक्ष से हुई मुलाकात से पहले सपा के लोगों से छोटेलाल की दूरी बनी हुई थी।
जिला स्तर के भी किसी नेता से कोई नजदीकी सामने नहीं आई थी। ऐसे में अचानक से विश्व आदिवासी दिवस के दिन, वह भी सपा के प्रदेश अध्यक्ष का पार्टी के जिले के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ उनके आवास पर पहुंचना और उतनी ही गर्मजोशी से सांसद की तरफ से स्वागत किया जाना राजनीतिक पंडितों को कहीं न कहीं से इस बात का संकेत तो दे ही रहा है कि अंदर खाने कुछ ना कुछ बड़ा होने हो रहा है। 2022 के चुनाव में छोटेलाल की क्या भूमिका होगी? यह तो वक्त बताएगा लेकिन इस मुलाकात ने सियासी गलियारों का तापमान तो बढ़ा ही दिया है।