अब शौचालय घोटाला: खाते से निकल गई रकम नहीं लेकिन बना नहीं, ग्रामीणों का प्रदर्शन

Sonbhadra : स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव स्तर तक हर घरों को शौचालय मुहैया कराना मोदी सरकार की प्राथमिकता है लेकिन दुद्धी विकास खंड में यह योजना घोटाले का शिकार हो गई है।

Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-10-24 12:14 GMT

शौचालय घोटाला 

Sonbhadra : सोनभद्र में जिस शौचालय निर्माण को लेकर सोनभद्र के अधिकारी राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार हासिल कर अपनी पीठ थपथपवा चुके हैं। अब शौचालय निर्माण की हकीकत एक एक कर सामने आती जा रही है। ताजा मामला दुद्धी ब्लाक क्षेत्र की धूमा ग्राम पंचायत का है। ग्रामीणों का आरोप है कि यहां 200 से अधिक शौचालय कागजों पर ही बनवा दिए गए। सरकारी खाते से धन भी निकाल लिया गया। इस से नाराज ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर आवाज उठाई और जिलाधिकारी से हस्तक्षेप की मांग की।

धूमा गांव में इसको लेकर सुबह से ही आवाज उठनी शुरू हो गई थी। दोपहर होते-होते गांव के चौराहे पर दर्जनों ग्रामीण जमा हो गए। उन्होंने प्रदर्शन कर घोटाले के लिए प्रधान और ग्राम पंचायत सचिव को जिम्मेदार ठहराया। घोटाले की जांच करो, मनमानी नहीं चलेगी... के नारे भी लगाए गए।

शौचालय मुहैया कराना मोदी सरकार की प्राथमिकता

कन्हैया, प्यारे मोहन, रघुनाथ प्रसाद, रामावतार, सखीचंद, लछमन, रामप्यारी, वीरेंद्र, अशोक कुमार,भगवान दास, अजय, विनोद, जय कांत, लक्ष्मण, रामसूरत, विनोद, कमलेश, कृष्णमुरारी, मनोज यादव, मुन्नालाल, मिट्ठू, रामजनम, राजेश, रामविचार, धीरेंद्र कुमार, उदय कुमार, प्रहलाद कुमार, कन्हाई, कुमार बच्चालाल, रामपरीखा, प्रदीप, अमरनाथ ,उदय, विकास, नंदलाल, रामचंद्र, वीरेंद्र आदि ग्रामीणों का कहना था कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव स्तर तक हर घरों को शौचालय मुहैया कराना मोदी सरकार की प्राथमिकता है लेकिन दुद्धी विकास खंड में यह योजना घोटाले का शिकार हो गई है।


ग्रामीणों का कहना है कि दूसरे गांवों की कौन कहे, धूमा ग्राम पंचायत में ही शौचालय निर्माण से संबंधित दस्तावेज में दर्ज सैकड़ों नाम ऐसे हैं जिनके नाम पर पैसा निकाल लिया गया है, और मौके पर कोई निर्माण हुआ ही नहीं। कई आधे अधूरे शौचालय की फोटो खंड विकास अधिकारी दुद्धी को देकर कार्य को पूर्ण बता दिया गया है।

उनका कहना था कि विकास खंड अधिकारी दुद्धी को पत्र देकर कार्रवाई की मांग की गई थी लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में 767 शौचालय कागज पर बनाए जा चुके हैं। जबकि उसमें से 200 शौचालय ऐसे हैं, जिनका धरातल पर वजूद ही नहीं है। ग्रामीणों का कहना था कि मामले में जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो वह लोग आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।

उधर प्रधान राम प्रसाद यादव का कहना है कि चुनावी रंजिश की वजह से कुछ लोग विकास कार्यों में बाधा डालने के लिए गलत आरोप लगा रहे हैं। इस संबंध में एडीओ पंचायत समरबहादुर सिंह से वार्ता के लिए कई बार संपर्क का प्रयास किया गया। हर बार नाट रिचेबल उत्तर मिलता रहा।

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