Sonbhadra News: प्रदेश भयानक बिजली संकट की गिरफ्त में, 17 इकाइयां ठप, खरीदी गई महंगी बिजली
Sonbhadra News: सोनभद्र में 20 माह से बंद अनपरा डी परियोजना की दूसरी इकाई उत्पादन पर आने के कुछ देर बाद ही बंद पड़ गया। वहीं 17 इकाइयां ठप रहने से प्रदेश भर में बिजली का संकट गहरा गया है।
Sonbhadra News: उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक पी गुरु प्रसाद को अनपरा और ओबरा परियोजना का दौरा कर लौटे 24 घंटे भी नहीं बीते कि प्रदेश में एक बार फिर से बिजली संकट गहरा गया है। 24 घंटे के भीतर अनपरा, ओबरा, लैंको अनपरा की चार इकाइयों के साथ ही राज्य में कुल 17 इकाइयों की बंदी ने पावर सेक्टर में हड़कंप की स्थिति पैदा कर दी है।
20 माह से बंद पड़ी अनपरा डी परियोजना की 500 मेगावाट वाली दूसरी इकाई को सोमवार की सुबह उत्पादन पर लाने में सफलता मिल गई, लेकिन कुछ घंटे बाद ही फिर से इकाई बंद होने से उत्पादन लुढ़क गया। हालात यह हो गए हैं कि मांग घटने के बावजूद पीक आवर में 790 मेगावाट बिजली की कमी पड़ गई। इसके चलते मांग और आपूर्ति में संतुलन बनाए रखने के लिए जहां चार रुपए प्रति यूनिट से भी अधिक में केंद्रीय पूल से बिजली खरीदी गई, वहीं सिस्टम कंट्रोल को कुछ देर के लिए सोनभद्र सहित प्रदेश के कई हिस्सों में ताबड़तोड़ कटौती का सहारा लेना पड़ा।
लगातार तीन दिन की बारिश के बाद प्रदेश में इस समय बिजली की अधिकतम मांग 20,000 मेगा वाट के नीचे बनी हुई है। वहीं न्यूनतम मांग भी 10,000 मेगावाट के नीचे दर्ज हो रही है। लेकिन ओबरा की एक, एनटीपीसी सिंगरौली की दो इकाइयों सहित 13 इकाइयां बंद रहने से पहले ही बिजली की उपलब्धता में 3,000 मेगावाट के करीब की कमी बनी हुई थी। रविवार को अनपरा परियोजना की 500 मेगावाट वाली चौथी, लैंको परियोजना की 600 मेगावाट वाली दूसरी और ओबरा परियोजना की 200 मेगावाट क्षमता वाली दो इकाइयां तकनीकी कारणों और फाल्ट के चलते कुछ-कुछ घंटे के अंतराल पर ट्रिप कर गईं। इससे जहां शक्ति भवन तक हड़कंप की स्थिति बन गई, वहीं नॉर्दन रीजन लोड डिस्पैच सेंटर और स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर से मिली जानकारी के मुताबिक रविवार की रात पीक आवर में मांग 17,000 मेगावाट के पार पहुंचते ही बिजली की उपलब्धता 790 मेगावाट तक कम पड़ने लगी। सिस्टम कंट्रोल को ताबड़तोड़ कटौती का सहारा लेना पड़ा। वहीं ग्रिड की फ्रिक्वेंसी बनाए रखने के लिए महंगी बिजली भी खरीदनी पड़ी।
उधर, 20 माह से बंद चल रही अनपरा डी की 500 मेगावाट वाली दूसरी इकाई को सोमवार की सुबह सात बजे के करीब सफलतापूर्वक उत्पादन पर भी ले लिया गया। आठ बजते-बजते उत्पादन 28 मेगावाट शो भी होने लगा, लेकिन 10 बजे के करीब इकाई फिर से बंद हो गई। परियोजना प्रबंधन का कहना है हल्की खामी आ गई थी, उसे दुरुस्त करने के लिए इकाई बंद की गई है। देर शाम या रात से फिर से उत्पादन शुरू हो जाएगा।
72 घंटे में रिहंद जलाशय में बढ़ा 8 फीट पानी, इस वर्ष पहली बार पिछले वर्ष का आंकड़ा छूटा पीछे
ऊर्जा जगत का प्राण माने जाने वाले रिहंद जलाशय में कम जलस्तर को लेकर पिछले एक माह से बनी चिंता एक दिन पूर्व तक हुई मजे की बारिश के बाद दूर हो गई है। महज 72 घंटे में रिहंद बांध के जलस्तर में 8 फीट की वृद्धि दर्ज हुई है।
कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार की सुबह बांध का जलस्तर 853.3 फीट दर्ज किया गया। इसी तिथि को पिछले वर्ष के जलस्तर 851.8 फीट के मुकाबले यह डेढ़ फीट अधिक है। इस वर्ष के बारिश के सीजन में पहली बार ऐसा हुआ है कि जब रिहंद के जलस्तर ने पिछले वर्ष के आंकड़े को पीछे छोड़ दिया है।
बता दें कि दो दिन पूर्व तक जलाशय का जलस्तर 845 फीट के इर्द-गिर्द ही बना हुआ था। जहां यह पिछले वर्ष के मुकाबले पांच फीट कम था। वहीं 16 जून के बाद अच्छी बारिश के बावजूद रिहंद के जलस्तर में काफी कम वृद्धि ने ऊर्जा जगत में बेचैनी की स्थिति बनाए हुए थी।