विंध्यवासिनी धाम की सूरत बदलने की तैयारी
कॉरिडोर का जो डीपीआर तैयार हुआ है उसे लागू होने के बाद मां विंध्यवासिनी मंदिर से सीधे गंगा को देखा जा सकेगा। आसपास के कुछ भवनों को खरीद कर काशीविश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर मां विंध्यवासिनीधाम कॉरिडोर बनाने की तैयारी है।
बृजेन्द्र दुबे
मिर्जापुर: काशी और अयोध्या के बाद अब राज्य सरकार के एजेंडे में विंध्यवासिनीधाम है।सरकार ने मां विंध्यवासिनी के आस पास की सूरत बदलने की ठानी है। इसके लिए महत्वाकांक्षी विंध्यवासिनी कॉरिडोर विकसित करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा दिया गया है। इसके लिए डीपीआर तैयार कर ली गई है और दो-तीन बैठकें भी हो चुकी हैं।
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कॉरिडोर का जो डीपीआर तैयार हुआ है उसे लागू होने के बाद मां विंध्यवासिनी मंदिर से सीधे गंगा को देखा जा सकेगा। आसपास के कुछ भवनों को खरीद कर काशीविश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर मां विंध्यवासिनीधाम कॉरिडोर बनाने की तैयारी है। इसके लिए वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल को नोडल अधिकारी बनाए जाने और विंध्यतीर्थ विकास परिषद के गठन की दिशा में काम हो रहा है। स्थानीय विधायक रत्नाकर मिश्र ने विंध्यवासिनीधाम कॉरिडोर के लिए राज्य सरकार को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
भवनों व भूखंडों की पहचान पूरी
पर्यटन एवं धर्मार्थ कार्य महकमे को यह जिम्मेदारी दी गई है। विभाग के राज्यमंत्रीडॉ.नीलकंठ तिवारी ने पिछले दिनों मास्टर प्लान की समीक्षा भी की है। विंध्याचलधाम कॉरिडोर के लिए सरकारी भूखंडों और अधिग्रहित किए जाने वाले भवनों तथा भूखंडों को चिन्हित कर लिया गया है।
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मिर्जापुर में पर्यटन के राही गेस्ट हाउस को ध्वस्त करके तीन-चार मंजिला अतिथि गृह बनाया जाएगा। पुराने वीआईपी रोड को 46 फीट चौड़ा किया जाएगा। जबकि न्यू वीआईपी रोड की चौड़ाई 35 फीट कर दी जाएगी। अष्टभुजा तक की सडक़ 50 फीट चौड़ी होगी। काली खोह तक जाने वाली सडक़ की चौड़ाई भी यही रखी गई है। पुराने वीआईपी से मिर्जापुर तक जाने वाली सडक़ 40 फीट चौड़ी बनाई जाएगी। तारादेवी तक जाने वाली सडक़ को 35 फीट चौड़ा रखने की व्यवस्था की गई है। विंध्याचलस्टेशन तक जाने के लिए सडक़ की चौड़ाई 20-20 फीट रखी गई है। इसे डिवाइडर से बांटा जाएगा। बंगलिया चौराहे से अमरावती चौराहे तक की सडक़ 50 फीट चौड़ी होगी। मिर्जापुर से विंध्याचल पहुंचने वाली सडक़ की चौड़ाई 46 फीट रखे जाने की योजना है।
दुकानदारों का किया जाएगा पुनर्वास
मां विंध्यवासिनीधाम कॉरिडोर के निर्माण के दौरान सडक़ों का चौड़ीकरण, दर्शनार्थियों और पर्यटकों के लिए रैनबसेरों का निर्माण, गंगा घाट का निर्माण, वाच टावर, मल्टिलेबल पार्किंग, सीवर की व्यवस्था, शौचालय तथा पेयजल समेत मूलभूत आवश्यकताओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। कॉरिडोर के क्षेत्र में आने वाले 92 दुकानदारों को पुनर्वास किया जाएगा। उन्हें ऐसी जगहों पर दुकाने आवंटित की जाएंगी, जहां उन्हें अपना व्यवसाय करने में कोई असुविधा न हो। कॉरिडोर में मां विंध्यवासिनीधाम, अष्टभुजा और काली खोह की त्रिकोण यात्रा के लिए सडक़ को चौड़ा करके एक-दूसरे से जोड़ दिया जाएगा।