मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड में हो रही है गुटबाजी: वसीम रिजवी

शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा है कि अयोध्या मामलें पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पुनर्विचार याचिका दायर करने को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में गुटबाजी शुरू हो गयी है।

Update: 2019-11-21 09:21 GMT

लखनऊ: शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा है कि अयोध्या मामलें पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पुनर्विचार याचिका दायर करने को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में गुटबाजी शुरू हो गयी है। जहां एक गुट अयोध्या फैसले को मानने की वकालत कर रहा है तो वही दूसरा गुट फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने की तैयारी में है।

वसीम रिजवी ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी इस मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड पर दबाव बना रहे हैं।

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पिछले दिनों लखनऊ के मुमताज कालेज में हुई बैठक में पर्सनल ला बोर्ड ने पुनर्विचार याचिका दायर करने और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी जाने वाली पांच एकड़ जमीन के प्रस्ताव को भी ठुकराने की बात हुई। जमीयत उलेमा ए हिन्द भी पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की तैयारी में है। जबकि इस मामले में पांच मुस्लिम पक्षकारों में से दो इकबाल अंसारी और सुन्नी वक्फ बोर्ड पुनर्विचार याचिका दायर न करके अदालत के फैसले को मानने के पक्ष में है।

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सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी ने कहा है कि वह पुनर्विचार याचिका दाखिल न करने के फैसले पर कायम हैं। उनके इस बयान के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड के एक सदस्य अब्दुल रज्जाक ने जुफर फारुकी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

इधर, शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी का कहना है कि अयोध्या मामले में भी सुन्नी वक्फ बोर्ड पर जबरदस्ती दबाव बनाया जा रहा है। वसीम रिजवी ने कहा कि दरअसल मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड दो गुटों में बंटा नजर आ रहा है। उन्होंने अपील की कि जो सदस्य मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के खिलाफ हैं, वो अपनी आवाज बुलंद करते हुए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से इस्तीफा दें या उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए।

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बताते चलें कि आगामी 26 नवंबर को सुन्नी वक्फ बोर्ड की अहम बैठक है, जिसमे मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन न लेने के मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के फैसले पर विचार किया जायेगा।

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