Gandhi Jayanti: लखनऊ में आयोजित हुआ वेबिनार, इन बातों पर हुई चर्चा

आज महात्मा गांधी की 150 वी जंयती समारोह के उपलक्ष्य में एक वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार का उद्घाटन उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किया।

Update:2020-09-04 19:25 IST
महात्मा गांधी ने स्वच्छता, साक्षरता और छुआछूत को दूर करने के लिए कार्य किया: आनंदीबेन

नई दिल्ली: आज महात्मा गांधी की 150 वी जंयती समारोह के उपलक्ष्य में एक वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार का उद्घाटन उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने स्वच्छता, साक्षरता, स्वराज्य और छुआछूत को दूर करने के लिए कार्य किया।

ये भी पढ़ें: विकास दुबे एंकाउंटर: खजांची रहे जय बाजपेई की हालत खराब, जानिए मामला

PM ने बापू के विचारों को धरातल पर लाते हुए कार्यक्रम चलाये

राज्यपाल ने कहा कि गांधी जी पर कार्यक्रमों के आयोजन से नयी पीढ़ी को उनके बारे मे जानने के बारे मे मिलेगा। कार्यक्रम की प्रंशसा करते हुए उन्होने कहा कि इस प्रकार के आयोजनो से समाज को नयी दिशा मिलेगी। पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार गांधी जी के विचारों को धरातल पर लाते हुए कार्यक्रम चलाये हैं।

गांधी और विवेकानंन्द जैसा काई दूसरा व्यक्ति नहीं

छपरा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो हरिकेश सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी का व्यक्तित्व इतिहास में अनोखा है। गांधी और विवेकानंन्द जैसा काई दूसरा व्यक्ति नही हुआ। उन्होंने कहा कि गांधी ने ग्राम स्वराज्य और आत्मनिर्भर भारत के लिए कार्य किया। दुनिया मे जब जब मानवता के उपर संकट आयेगा। गांधी की प्रसंगिता उजागर होगी। प्रो सिंह ने कहा कि गांधी ने आम आदमी के दर्द को गहराई से समझा था और समावेशी विकास के लिए संघर्ष किया था।

शताब्दी पुरूष थे गांधी जी

वाराणसी के गांधी अध्ययन पीठ के प्रो राम प्रकाश ने कहा कि गांधी जी शताब्दी पुरूष थे। उन्होंने तीन बिन्दुओं पर जोर दिया था। चरित्र, मूल्यों पर आधारित राजनीति और त्याग पर आधारित पूजा। गांधी जी लोकतंत्र के पुजारी थे और उन्होने कहा था कि विविधता में एकता, सत्ता का विकेन्द्रीकरण ,संवाद और सभी का समान महत्व लोकतंत्र के मूल स्तंभ है। बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के प्रो महेन्द्र पाधी ने गांधी जी के विकास मॉडल की चर्चा करते हुए कहा कि गांधी जी ने आत्म निर्भर गांव की कल्पना की थी ।

ये भी पढ़ें: Human Computer: चुटकियों में हल करता हैं कैलकुलेशन, नहीं रखा स्कूल में कदम

उन्होने गांव को एक स्वतंत्र ईकाइ माना था और उपभोक्ता प्रधान अर्थव्यवस्था की कल्पना की थी । गांधी जी बाजारवाद की जगह मानवीय मूल्यों को प्रमुखता दी । लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो मुकुल श्रीवास्तव ने कहा कि गांधी जी एक प्रखर पत्रकार थे । उन्होने समाज को दिशा देने के एक सशक्त माध्यम के रूप में पत्रकारिता के रूप मे चुना था।

अपर महानिदेशक रीजन आर.पी. सरोज ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। सरोज ने कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की विभिन्न ईकाइयां गांधी जी के 150 वी जंयती समारोह के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। उन्होने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन समापन वर्ष के रूप में होता रहेगा। उपनिदेशक डॉ. श्रीकांत श्रीवास्तव ने बेविनार का संचालन किया। कार्यक्रम की संकल्पना सुशील कुमार प्रजापति तकनीकी सहायक, पुलकित एवं श्याम ने किया।

ये भी पढ़ें: बॉलीवुड-हॉलीवुड तक पहचान: इनकी कहानी सुन रो देंगे आप, दिलचस्प है किस्से

Tags:    

Similar News