आखिर 7 महीने बाद कब्र से क्यों निकाली गई इस डिप्टी सीएमओ की लाश?

आजमगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएमओ डॉक्टर रफी परवेज की मौत के मामले में अब नया मोड़ सामने आ गया है। इस मामले में परवेज की मां की शिकायत पर पुलिस फिर से इस मामले की जांच शुरू कर दी है।

Update: 2019-07-02 15:24 GMT

वाराणसी: आजमगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएमओ डॉक्टर रफी परवेज की मौत के मामले में अब नया मोड़ सामने आ गया है। इस मामले में परवेज की मां की शिकायत पर पुलिस फिर से इस मामले की जांच शुरू कर दी है।

मंगलवार को रफी परवेज का शव आदमपुर थाना क्षेत्र की कब्रगाह से निकाला गया। दरअसल आदमपुर थाना क्षेत्र के सलेमपुर मछोदरी के निवासी डॉ रफी परवेज की मौत 23 दिसंमबर वर्ष 2018 में मौत हो गई।

जिसके बाद मृतक का शव लॉट भैरव कब्रगाह में दफना दिया गया था लेकिन मृतक की मां अफरोज को शक था कि उनके बेटे की मौत स्वाभाविक नहीं बल्कि उनकी हत्या की गई है।

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अब खुलेगा मौत का राज

मां को ऐसा शक इसलिए था कि डॉ रफी की मौत से पहले अपने ससुराल आजमगढ़ गए हुए थे और वहां पर बीमार हो गए। बीमारी के कुछ दिन बाद वह वाराणसी में इलाज कराने के लिए आए और उनकी मौत हो गई।

मृतक की मां को इस बात का शक था की परवेज की मौत स्वभाविक या किसी बीमारी से नहीं बल्कि उन्हें जहर दिया गया था जिससे उनकी हालत खराब हुई और कुछ दिनों बाद उनकी मौत हो गई।

बेटे की मौत के बाद मां ने अपने शक को दूर करने के लिए अधिकारियों के कार्यालयों का चक्कर लगाने लगी और 25 फरवरी 2019 को आजमगढ़ के एसएसपी से मिलकर इस पूरे मामले में जांच की गुहार लगाई।

जिसके बाद आजमगढ़ के एसएसपी ने एडीजी जोन से संपर्क किया और इस पूरे मामले की जांच के लिए डॉक्टर रफी को कब्रगाह से निकालने का निर्णय लिया गया ।

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कब्र से निकाला गया शव

इसी को लेकर वाराणसी के लाट भैरव स्थित कब्रगाह से डॉ रफी का शव आज पुलिस प्रशासन की निगरानी में निकाली गई । डॉ रफी के शव कब्रगाह से निकलने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। वहीं इस पूरे प्रकरण को लेकर वीडियोग्राफी भी कराई गई है।

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