लखनऊ/गाजीपुर: राजधानी के मोतीनगर बालिका संरक्षण गृह में रहने वाली एक लड़की के गर्भवती होने का मामला सामने आया है। तबियत बिगड़ने पर लड़की को डफरिन अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। जांच के दौरान पता चला कि लड़की प्रेग्नेंट है। इसके बाद बालिका संरक्षण गृह में हड़कंप मच गया।
मामले की जानकारी मिलते ही महिला कल्याण मंत्री सैय्यद शादाब फातिमा ने तत्काल प्रभाव से बालिका संरक्षण गृह के अधिक्षिका को निलंबित कर दिया। साथ ही मामले की कड़ाई से जांच के आदेश भी दिए।
नाबालिग-बालिग पर पेंच फंसा
-गौरतलब है कि मामले की जांच के दौरान पता चला था कि प्रेग्नेंट युवती नाबालिग नहीं बालिग है।
-चर्चा का बाजार गरम है कि बालिका गृह होने के बावजूद युवती को बालिका संरक्षण गृह में कैसे रखा गया था।
-फिलहाल मामले में राज्य बाल आयोग ने घटनाक्रम की पूरी जानकारी मांगी है।
-जांच पूरी होने तक लड़की को वहीं रखने के आदेश दिए गए हैं।
अधिक्षिका निलंबित
-संरक्षण गृह को बुधवार को आयोग के सामने रिपोर्ट सौंपनी है।
-महिला कल्याण मंत्री शादाब फ़ातिमा के निर्देश पर संरक्षण गृह की अधिक्षिका को निलंबित कर दिया गया है।
वैसे मामला जो भी हो लेकिन महिला मंत्री की ओर से की गई कार्रवाई का प्रदेश में संचालित बालिका संरक्षण गृह पर कितना असर पड़ेगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
क्या कहा महिला कल्याण मंत्री ने?
-गाजीपुर में इस पूरे प्रकरण पर जब newztrack.com ने सवाल किया तो महिला कल्याण मंत्री सैय्यद शादाब फातिमा ने बताया कि यह प्रकरण उनके संज्ञान में आया है। तत्काल जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
-जांच के दौरान पहली नजर में बालिका संरक्षण गृह के अधिक्षिका की भूमिका संदिग्ध पाई गई। उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
-मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
-जो भी इस मामले में संलिप्त पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सवाल पर भड़कीं मंत्री
-जब newztrack.com ने लड़की के बालिग और नाबालिग के मुद्दे पर सवाल पूछा, तो पहले वो मीडिया पर ही भड़क गईं।
-उन्होंने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट में दो साल आगे और दो साल पीछे की उम्र दर्शाई जाती है।
-20 का 22 साल हो जाता है और 20 का 18 साल भी हो जाता है।
-प्रेग्नेंट लड़की बालिका संरक्षण गृह में रहकर पास के कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही थी।
-इसलिए उसे वहां रखा गया था।