KGMU में काम 30 दिन, सैलरी केवल 26 दिन की! जानें क्या है पूरा मामला

Update:2018-12-19 17:04 IST

लखनऊ: केजीएमयू में आउटसोर्सिंग कंपनियों द्वारा हेराफेरी का मामला सामने आया है। कम्पनियां कर्मचारियों के वेतन में घपला कर रही हैं। कर्मचारियों ने शिकायत की है कि संविदा कर्मचारियों से 30 दिन काम कराने के बाद 26 दिन का वेतन दिया जाता है। आरोपों के अनुसार आउटसोर्सिंग के माध्यम से मानव संसाधनों की आपूर्ति करने वाली एक निजी कंपनी मिश्रा सर्विसेज और यहां के परीक्षा विभाग की मिलीभगत से ऐसा हुआ है। केवल यही नहीं , कर्मचारियों ने बताया कि इन 26 दिनों में पड़ने वाले त्यौहारों के भी पैसे काट लिए जाते हैं।

ये भी पढ़ें— KGMU- सॉफ्ट स्किल वर्कशॉप: गुस्से से होता है खुद का नुकसान

यह लगाया है आरोप

ताजा मामला केजीएमयू स्थित परीक्षा विभाग का है। जिसमें महीने में 30 दिन का काम कराकर 26 दिन की सैलरी देने का आरोप लगा है। आरोप यहां के संविदा कर्मचारियों ने लगाया है। वहीं त्यौहारों के भी पैसे काटने का आरोप लगाया गया है। कर्मचारियों का कहना है कि जब 26 दिन की सैलरी देने का नियम है तो इसमें पड़ने वाले त्यौहारों के पैसे क्यों काटे जाते हैं जबकि हमसे उस दिन भी काम लिया जाता है। कर्मचारियों ने बताया कि पीएफ काटने के बाद भी सभी कर्मचारियों की सैलरी में भारी असमानता देखने को मिलती है।

ये भी पढ़ें— दर्द में हमदर्द बना KGMU: तीन दिन चलने वाली पेन क्‍लीनिक में आ रहे सैकड़ों मरीज

एक साल से आ रही ऐसी दिक्कत

कर्मचारियों की मानें तो इस तरह की दिक्कतें जनवरी 2018 से ही आ रही है। उससे पहले सब कुछ ठीक था। यहां तक कि इन्होंने इस सम्बन्ध में परीक्षा नियत्रंक से दो बार शिकायत की लेकिन उन्होंने इस पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं की। इस बारे में केजीएमयू के परीक्षा विभाग में कार्यरत आउटसोर्सिंग कम्पनी मिश्रा सर्विसेज के अधिकारी का कहना है कि शासन द्वारा त्यौहारों के पैसे नहीं दिए जाते हैं। महीने में 26 दिन काम और चार दिन छुट्टी मिलती है।

ये भी पढ़ें— KGMU: खत्म हुआ इंतज़ार, अब दिल के मरीज़ों का जल्दी होगा उपचार

जब कर्मचारियों द्वारा यहां 30 दिन काम करने की बात कही गई तो उसने कहा कि यह विभाग को समझना चाहिए, वह इस विषय पर कुछ नहीं कर सकते।संयुक्त संविदा आउटर्सोसिंग के अध्यक्ष रितेश मल्ल ने कहा कि नियम से कर्मचारियों से महीने में 26 दिन काम कराने का निर्देश है लेकिन यहां 30 दिन उनसे काम लिया जाता है। उनको सैलरी भी 26 दिन की ही दी जाती है। जबकि विभाग और कम्पनियां द्वारा 30 दिन की सैलरी बनाकर शेष चार दिनों का गबन कर जाती हैं। वहीं केजीएमयू परीक्षा विभाग के परीक्षा नियंत्रक एके सिंह ने कहा कि जहां तक कर्मचारियों के वेतन कटने का मामला है तो हो सकता कर्मचारी छुट्टी पर रहे हों जिससे उनका वेतन काटा गया। उन्होंने कहा कि पहले भी यह शिकायत मिल चुकी है, इस मामले को संज्ञान में लिया जाएगा।

Tags:    

Similar News