एक्शन में सीएम योगी, शाह को भेजी गैर मुस्लिम शरणार्थियों की सूची, यहां देखें लिस्ट
योगी सरकार में मंत्री श्रीकांत शर्मा ने उत्तर प्रदेश में शरणार्थियों की संख्या को लेकर बयान दिया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि राज्य के 21 जिलों में 32 हजार से ज्यादा शरणार्थियों की पहचान हो गई है।
लखनऊ: यूपी सरकार ने गैर मुस्लिम शरणार्थियों की पहली लिस्ट गृहमंत्रालय को भेज दी है। इस लिस्ट में 19 जिलों को शामिल किया गया है। नागरिकता संशोधन कानून के अंतर्गत यूपी सूची भेजने वाला पहला राज्य बना।
बता दें नागरिकता कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले अवैध शरणार्थियों को भारत सरकार नागरिकता प्रदान करेगी।
इन जिलों को किया गया शामिल
आगरा, रायबरेली, सहारनपुर, गोरखपुर, अलीगढ़, रामपुर, मुजफ्फरनगर, हापुड़, मथुरा, कानपुर नगर, प्रतापगढ़, वाराणसी, अमेठी, झांसी, बहराइच, लखीमपुर- खीरी, लखनऊ, मेरठ व पीलीभीत।
जिलेवार शरणार्थियों की सूची
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21 जिलों में 32 हजार से ज्यादा शरणार्थियों की पहचान: श्रीकांत शर्मा
योगी सरकार में मंत्री श्रीकांत शर्मा ने उत्तर प्रदेश में शरणार्थियों की संख्या को लेकर बयान दिया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि राज्य के 21 जिलों में 32 हजार से ज्यादा शरणार्थियों की पहचान हो गई है।
साथ ही श्रीकांत शर्मा ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है और सभी जिलाधिकारियों को शरणार्थियों पर डेटा जुटाने के लिए कहा गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने लोगों को नागरिकता देने के लिए तैयारियां करनी शुरू कर दी है । नए नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए 6 धर्मों के लोगों को नागिरकता दी जाएगी। नागरिकता कानून को लेकर कई विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अख्तियार की हुई हैं।
नागरिकता कानून को लेकर उत्तर प्रदेश की कई जगहों पर हिंसक विरोध प्रदर्शन के मामले सामने आए थे, जिसमें कुछ प्रदर्शनकारियों की मौत भी हुई थी।
इन प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को भी नुकसान भी पहुंचाया गया था , जिसकी भरपाई के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश भी दिया था। मुख्यमंत्री योगी ने कहा था कि जो भी उपद्रवी हिंसा में शामिल होंगे, उनकी संपत्ति जब्त करके हर्जाना वसूल किया जाएगा।
शरणार्थियों में ज्यादातर सिख और हिंदू शामिल
24 से ज्यादा जिलों में शरणार्थियों को चिन्हित किया गया है। इन जिलों में ज्यादातर शरणार्थी वर्षों से रह रहे हैं। ऐसे में सरकार के पास अभी नया आंकड़ा नहीं है। शरणार्थियों में ज्यादातर लोग हिंदू और सिख हैं , जो लंबे समय से नागरिकता मिलने का इंतजार कर रहे हैं। यह भी आंकड़ा सामने आया है कि शरणार्थियों में ज्यादातर पाकिस्तान और बांग्लादेश के रहने वाले हैं।
नागरिकता कानून को केंद्र सरकार ने 3 दिन पहले एक गैजेट जारी कर प्रवर्तनीय बना दिया है। हालांकि पूरी तरह से इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है। इस पर काम होना जारी है।
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केंद्र से जारी हो चुका है नोटिफिकेशन
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) 2019 केंद्र सरकार ने 10 जनवरी से ही पूरे देश में लागू कर दिया है। इसे लेकर सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके साथ ही 10 जनवरी 2020 से ही नागरिकता संशोधन कानून पूरे देश में लागू हो चुका है।
क्या है नागरिकता कानून?
नागरिकता अधिनियम, 1955 में केंद्र सरकार ने बदलाव किया है। सरकार ने इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। इस कानून के लागू होने के बाद से पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आए हुए हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलने में आसानी होगी। अभी तक उन्हें अवैध शरणार्थी माना जाता था।
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