आफत में योगी सरकार: भिड़ गए IAS अधिकारी, खुल गई भ्रष्टाचार की पोल

योगी सरकार के वरिष्ठतम अधिकारी ही मुख्यमंत्री को अंधेरे में रखकर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं। वरिष्ठ आईएएस रेणुका कुमार का कच्चा -चिठ्ठा एक जूनियर आईएएस ने लोकायुक्त के सामने खोल दिया है।

Update: 2020-10-21 13:13 GMT
मुख्यमंत्री की टीम इलेवन में शामिल अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा एवं राजस्व रेणुका कुमार के कारनामों का खुलासा आईएएस भवानी सिंह खागारौत ने किया है।

लखनऊ। योगी सरकार के वरिष्ठतम अधिकारी ही मुख्यमंत्री को अंधेरे में रखकर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं। वरिष्ठ आईएएस रेणुका कुमार का कच्चा -चिठ्ठा एक जूनियर आईएएस ने लोकायुक्त के सामने खोल दिया है। अधिकारी ने बताया कि अनियमित नियुक्तियों से लेकर बड़े घोटालों को अंजाम दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री की टीम इलेवन में शामिल अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा एवं राजस्व रेणुका कुमार के कारनामों का खुलासा आईएएस भवानी सिंह खागारौत ने किया है।

आईएएस भवानी सिंह खागारौत(फोटो-सोशल मीडिया)

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काम करने का तरीका बेहद मनमाना

उन्होंने लोकायुक्त को भेजे लिखित पत्र में बताया है कि मुख्यमंत्री को आधी-अधूरी जानकारी देकर बड़े घोटालों और अनियमितताओं को अंजाम दिया जा रहा है। विरोध करने वालों के बारे में मुख्यमंत्री को गलत जानकारी देकर मनमाने फैसले कराए जाते हैं।

निदेशक महिला कल्याण पद पर कार्य करने के दौरान भवानी सिंह ने पाया कि रेणुका कुमार के काम करने का तरीका बेहद मनमाना है और गलत काम करने के लिए मौखिक निर्देेशों का सहारा लेती हैं। जो अधिकारी उनकी बात नहीं मानता है उसके बारे में मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद में गलत जानकारी देकर कार्रवाई करा देती हैं।

रेणुका कुमार(फोटो-सोशल मीडिया)

महिला कल्याण विभाग में तैनाती के दौरान उन्होंने कई ऐसे प्रोजेक्ट शुरू कराए जिनसे सरकारी धन का अपव्यय हुआ। इसके अलावा कई गलत कार्यों को प्रश्रय भी देती रहीं। उनकी कार्यशैली अपना चेहरा चमकाने की है जबकि इससे सरकार व विभाग को कोई खास फायदा नहीं होता है।

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अनियिमित नियुक्तियों की खोली पोल

निदेशक महिला कल्याण पद पर कार्य करने के दौरान भवानी सिंह ने पाया कि प्रमुख सचिव रेणुका कुमार ने गलत तरीके से लोगों को विभाग में तैनाती दे रखी है। विभाग में डॉ मनीष सिंह की सेवाएं अनियमित तरीके से ली जाती रही हैं। इसका उन्होंने लिखित विरोध किया था।

फोटो-सोशल मीडिया

डॉ मनीष सिंह को परामर्शदाता के पद पर सीधे मनोनीत किया गया जबकि यूनीसेफ से मिले अनुदान पर सृजित इस पद पर तैनाती से पहले समाचार पत्रों में विज्ञापन दिया जाना जरूरी था। इसी तरह अनंदिता शर्मा को भी अर्हता न होने के बावजूद तैनाती दी गई है।

 

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फोटो-सोशल मीडिया

एनजीओ को धन जारी करने के लिए डालती थीं बेजा दबाव

लोकायुक्त को अपने पत्र में भवानी सिंह ने यह भी बताया है कि विभिन्न गैर सरकारी संगठनों को धनराशि जारी करने के लिए प्रमुख सचिव बार-बार दबाव डाला करती थीं। नियमानुसार ऐसे एनजीओ को धनराशि जारी करने से पहले विभागीय जांच करानी होती थी लेकिन वह बगैर जांच कराए ही धनराशि जारी करने के लिए दबाव डालती थीं।

इसी तरह गांव कनेक्शन फाउंडेशन को महिला कल्याण निदेशालय के संचालित गृहों में रहने वाले बालक-बालिकाओं को जागरुक करने और प्रचार-प्रसार के लिए भुगतान किया गया। इसकी जानकारी भी निदेशक रहते हुए उन्होंने शासन को अपनी आपत्ति के साथ भेजी है।

डॉ नूतन ठाकुर ने मुख्यमंत्री से कार्रवाई का किया अनुरोध

एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने रेणुका कुमार और भवानी सिंह खागारौत एक -दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं इससे साफ है कि महिला कल्याण विभाग में कुछ गड़बड़ी हुई है। ऐसे में मुख्यमंत्री को भी अपने स्तर से यह मामला देखना चाहिए और दोषी लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए।

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रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी

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