UPSSF का गठन: साढ़े सत्रह सौ करोड़ रुपए खर्च करेगी योगी सरकार
यूपीएसएसएफ के गठन पर राज्य सरकार साढे सत्रह सौ करोड़ रुपए खर्च करेगी। विशेष सुरक्षा बल के पहले चरण में 5 बटालियनों का गठन किया जाएगा। पहले चरण की पांच बटालियनों के गठन के लिए 1,913 नये पदों का सृजन भी किया जायेगा।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊः यूपीएसएसएफ के गठन पर राज्य सरकार साढे सत्रह सौ करोड़ रुपए खर्च करेगी। विशेष सुरक्षा बल (यूपीएसएसएफ) के पहले चरण में 5 बटालियनों का गठन किया जाएगा। पहले चरण की पांच बटालियनों के गठन के लिए 1,913 नये पदों का सृजन भी किया जायेगा।
अपर मुख्य सचिव अवनीत कुमार अवस्थी नेे आज यहां पत्रकारों को विस्तार से बताया कि पांच बटालियनों के गठन पर कुल व्यय भार 1747.06 करोड़ रूपए अनुमानित है जिसमें वेतन भत्ते व अन्य व्यवस्थाएं भी सम्मिलित हैं। उन्होंने बताया कि इनके पहले चरण में पीएसी का सहयोग लेकर कुछ इन्फ्रास्ट्रक्चर शेयर करके इसको आगे ले जाया जायेगा। इस बल के सदस्य को विशेष पाॅवर नियमावली के तहत दी जायेगी।
ये भी पढ़ें: भारत के अरबपति भगौड़े: मोदी सरकार नहीं छोड़ने वाली किसी को, CBI कर रही जांच
1,913 नये पदों का सृजन
ग़ौरतलब है कि यह फोर्स उत्तर प्रदेश पुलिस में उच्च न्यायालय, जिला न्यायालयों, प्रशासनिक कार्यालय एवं परिसर व तीर्थ स्थल, मेट्रो रेल, हवाई अड्डा, बैंक अन्य वित्तीय, शैक्षिक संस्थान, औद्योगिक संस्थान आदि की सुरक्षा व्यवस्था करेगी। उन्होंने बताया कि महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए 9,919 कर्मी कार्यरत रहेंगे। विशेष सुरक्षा बल के रूप में प्रथम चरण में 5 बटालियन का गठन किया जाना है। प्रथम चरण की पांच बटालियन के गठन के लिए कुल 1,913 नये पदों का सृजन किया जायेगा।
बनायी जायेगी अलग से नियमावली
उन्होंने बताया कि विशेष बल को विशिष्ट कार्य के लिए अधिकार के लिए अलग से नियमावली बनायी जायेगी। उन्होंने बताया कि पहले चरण में आठ वाहिनियां गठित की जायेगी। उन्होंने बताया कि बल के अधीनस्थ अधिकारियों तथा सदस्यों की भर्ती उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती तथा प्रोन्नति बोर्ड द्वारा की जायेगी जो राज्य सरकार के कार्मिक विभाग द्वारा बनायी गयी सामान्य नियमावली के अनुसार होगी।
अवस्थी ने बताया कि ऐसे किन्ही सामान्य निदेशों, जिन्हें राज्य सरकार द्वारा जारी किया जा सकता है के अध्यधीन किसी निजी औद्योगिक अधिष्ठान या किसी निजी क्षेत्र के अधिष्ठान के प्राधिकृत व्यक्ति से प्राप्त अनुरोध के आधार पर ऐसे अधिष्ठान को ऐसी रीति से और ऐसे शुल्क संदाय पर, जैसा कि विहित किया जाय, इस अध्यादेश के अधीन सेवाएं प्रदान करने के लिए बल के सदस्यों को निदेश देना पुलिस महानिदेशक के लिए विधिसम्मत होगा।
उन्होंने बताया कि बल का कोई सदस्य किसी मजिस्ट्रेट के किसी आदेश के बिना तथा किसी वारण्ट के बिना ऐसे किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है (इस धारा के अधीन प्रयोग की जाने वाली शक्तियों की रीति इस निमित्त विहित नियमावली द्वारा शासित होगी)। उन्होंने बताया कि वारण्ट के बिना तलाशी लेने की शक्ति भी इस फोर्स के पास होगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार इस अधिनियम के उपबन्धों को क्रियान्वित करने के लिए अधिसूचना द्वारा नियम बना सकती है।
ये भी पढ़ें: व्यापारी की गुहार के बावजूद हत्या, आप नेता ने सीएम योगी को बताया जिम्मेदार