Yogi Sarkar का बड़ा फैसला: अब बच्चों के माता पिता खुद खरीद सकेंगे यूनिफार्म, सरकार डालेगी खाते में पैसा

Yogi Sarkar: अपनी जीरो टालरेंस और पारदर्शी नीति को लेकर देश में अलग तरह की कही जाने वाली उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आज एक और बड़ा फैसला लिया है।

Newstrack :  Network
Published By :  Shweta
Update: 2021-09-10 12:21 GMT

Yogi Sarkar का बड़ा फैसला: अब बच्चों के माता पिता खुद खरीद सकेंगे यूनिफार्म ( डिजाइन फोटोः न्यूज़ ट्रैक)

Yogi Sarkar: अपनी जीरो टालरेंस और पारदर्शी नीति को लेकर देश में अलग तरह की कही जाने वाली उत्तर प्रदेश (UttarPradesh) की योगी सरकार (Yogi Gov) ने आज एक और बड़ा फैसला लिया है। अब सरकारी स्कूलों (Sarkari School) में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अभिभावक अपने बच्चों के लिए खुद यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूते-मोजे और स्कूल बैग खरीद सकेंगे। इसका पैसा सीधे बच्चों के मां बाप के खाते में पहुंचा दिया जाएगा।

अभी तक राज्य सरकार की ओर से हर शैक्षिक सत्र में परिषदीय स्कूलों के बच्चों को यह सभी चीजें मुफ्त में दी जाती रही हैं। लेकिन हर साल इनकी खरीदारी घोटालों और लेट लतीफी के चलते बच्चों को समय से जूते मोजे और बस्ते आदि नहीं मिल पाते थें । लेकिन योगी सरकार के इस फैसले से बच्चों माता पिता को बड़ी राहत मिलेगी।अब बच्चों के माता पिता खुद खरीद सकेंगे यूनीफार्म, सरकार डालेगी उनके खाते में डालेगी पैसा

इस बात की मांग काफी दिनों से चल रही थी कि अब जूते मोजे बस्ते आदि बच्चों को वितरित करने के बजाय इसका पैसा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिये सीधे अभिभावकों के बैंक खातों में भेज दिया जाए। जिससे छात्र छात्राओं को सही समय पर सामान उपलब्ध हो सकेगा, जिससे देरी से बच्चों के पास सामान पहुंचने की शिकायतें भी दूर होंगी।

अभी तक इन सभी चीजों की खरीद का पैसा जेम पोर्टल पर टेंडर के जरिए जारी किया जाता था। जिसके कारण आए दिन घोटाले और लेटलतीफी की खबरें मीडिया में आती रहती थी। एक दिक्कत यह भी थी सप्लाई करने वाली फर्मे इतनी अधिक सप्लाई नहीं कर पाती थी जिसके कारण आपूर्ति किश्तों में आती थी और जुलाई में मिलने वाली ड्रेस दिसम्बर तक मिल पाती थी। इसके अलावा गुणवत्ता और भ्रष्ट्राचार की भी शिकायतें मिलती रहती थीं।

जानकारी के अनुसार बच्चों के यूनिफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग और जूते-मोजे उपलब्ध कराने पर राज्य सरकार को लगभग 1750 करोड़ रुपये खर्च आता है। अगर औसत एक छात्र पर खर्च देखें तो हर बच्चे पर लगभग 1100 रुपये का खर्च आता है। राज्य सरकार की नई व्यवस्था से बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल के 1.58 करोड़ बच्चों को इसका लाभ मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा कमीशनखोरी जैसी शिकायतों को दूर किया जा सकेगा। जब अभिभावकों के पास सीधे पैसा पहुंचेगा तो वो बच्चों को बाजार से बेहतर सामान दिला पायेंगे। 

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