IPS ऑफिसर अपर्णा कुमार: चमोली में कर रहीं रेस्क्यू ऑपरेशन, यूपी से है ये रिश्ता

तपोवन की दूसरी सुरंग में फंसे लोगों को बाहर निकालने का काम जारी है। उत्तराखंड प्रशासन की ओर 202 लोगों के लापता होने की लिस्ट जारी की गई है। जहां ITBP के जवान रेस्क्यू में जुटे हैं और इस टीम को लीड कर रही हैं IPS ऑफिसर अपर्णा कुमार।

Update:2021-02-08 18:08 IST
IPS ऑफिसर अपर्णा कुमार: चमोली में कर रहीं रेस्क्यू ऑपरेशन, यूपी से है ये रिश्ता

उत्तराखंड: प्राकृतिक आपदा से उत्तराखंड में बहुत ही दु:खद स्थिति उत्पन्न हो गई है। उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से आई आपदा ने काफी इलाके तबाह कर दिए हैं। उत्तराखंड प्रशासन का जोर राहत-बचाव कार्यों पर है। तपोवन की दूसरी सुरंग में फंसे लोगों को बाहर निकालने का काम जारी है। उत्तराखंड प्रशासन की ओर 202 लोगों के लापता होने की लिस्ट जारी की गई है। जहां ITBP के जवान रेस्क्यू में जुटे हैं और इस टीम को लीड कर रही हैं IPS ऑफिसर अपर्णा कुमार।

रेस्क्यू ऑपरेशन की कमान अपर्णा कुमार के हाथों में

इस आपदा में सरकार ने उत्तराखंड में जारी रेस्क्यू ऑपरेशन की कमान अपर्णा कुमार को सौंपी है। बता दें कि अपर्णा कुमार, ITBP की DIG हैं। कर्नाटक के शिवमोगा की रहने वाली अपर्णा साल 2002 कैडर की IPS अधिकारी हैं। इनकी स्कूलिंग कर्नाटक में हुई। इसके बाद इन्होंने BA, LLB की पढ़ाई की। अपर्णा कुमार के पति संजय कुमार भी यूपी कैडर के IAS अफसर हैं।

7 सबसे ऊंची चोटियों, पर तिरंगा फहरा चुकी हैं अपर्णा कुमार

7 समिट्स यानी दुनिया की 7 सबसे ऊंची चोटियों, पर तिरंगा फहराने वाली अपर्णा कुमार देश की पहली IPS ऑफिसर हैं। इन्होंने माउंट एवरेस्ट, माउंट किलिमंजारो, माउंट एल्ब्रुश, कार्सटेंस पिरामिड, विन्सन मैसिफ, माउंट एकांकागुआ और माउंट डेनाली पर चढ़ाई करने में कामयाबी हासिल की है। ये सभी चोटियां 7 अलग-अलग महाद्वीपों में हैं।

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जब पहाड़ों पर चढ़ाई करने की ठानी

अपर्णा कुमार ने जब पहली बार 2002 में बर्फ से ढंके पहाड़ों को देखा। तभी मन बना लिया था कि वो पहाड़ों पर चढ़ाई करेंगी। वे बताती हैं कि उस वक्त वो मसूरी में एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज की ट्रेनिंग कर रहीं थीं। हालांकि, अपने सपने को पूरा करने के लिए पहला कदम बढ़ाने में उन्हें 11 साल लग गए। 2013 में उन्होंने माउंटेनियर फाउंडेशन का कोर्स किया। तब उनकी उम्र 39 साल हो चुकी थी।

अपर्णा कुमार का 2014 से शुरू हुआ चोटियों को फतह करने का सिलसिला

माउंटेनियर कोर्स पूरा करन के एक साल बाद ही यानी 2014 में पहली बार अपर्णा ने अफ्रीका की सबसे ऊंची माउंट किलिमंजारो (19,340 फीट) की चोटी पर चढ़ीं। इसी साल ऑस्ट्रेलिया और ओशिनिया के सबसे ऊंचे पर्वत कार्स्टेंस पिरामिड (16,024 फीट) पर फतह हासिल की।

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एल्ब्रुश (18,510 फीट) पर भी लहराया तिरंगा

2015 में अर्जेंटीना की सबसे ऊंची माउंट एकांकाकागुआ (22,840 फीट) की चोटी पर चढ़ाई की। इसी साल रूस की कोकेशियान रेंज की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुश (18,510 फीट) पर भी चढ़ने में कामयाब हो गईं। 2016 में अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी विन्सन मासिफ (16,050 फीट) पर चढ़ाई की। इसी साल दुनियाा की सबसे ऊंची चोटी नेपाल की माउंट एवरेस्ट फतह की। वह यहां 23 हजार फीट की ऊंचाई तक पहुंचने में कामयाब रहीं।

7 समिट्स पर चढ़ाई का रिकॉर्ड

2017 में नेपाल में मौजूद दुनिया की आठवीं सबसे ऊंची चोटी माउंट मानसालु पर तिरंगा फहराया। अपर्णा दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाली पहली भारतीय ऑफिसर हैं। 2019 में वह माइनस 40 डिग्री तापमान में दक्षिणी ध्रुव तक पहुंच गई थीं। 2019 में ही उन्होंने अमेरिका की माउंट डेनाली की चढ़ाई करके 7 समिट्स पर चढ़ाई का रिकॉर्ड बना लिया था।

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