भारी भूस्खलन से लगा कई किलोमीटर लम्बा जाम, गाड़ियों में लोगों का हुआ बुरा हाल
देवस्थानम बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि जब धामों के निकट तक यात्री बिना ई पास के पहुंच रहे हैं तो उन्हें बिना धामों के दर्शन किए वापस लौटना भी मुमकिन नहीं है। व्यवस्था बनाई जा रही है।
चमोली" इस वक्त की बड़ी खबर उत्तराखंड के गुलाब कोटी इलाके से आ रही है। यहां पर भूस्खलन होने के बाद से सड़क पर मलबा और बोल्डर जमा हो गया है।
जिसकी वजह से बदरीनाथ हाईवे का रास्ता बंद हो गया है। मार्ग के बंद हो जाने के बाद से बदरीनाथ और हेमकुंड की यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्री रास्ते में ही फंस गये हैं। सड़क पर कई किलोमीटर लम्बा जाम लग गया है। जेसीबी बुलवाकर हाईवे पर जमा मलबा हटवाने का काम कराया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, आज देर शाम तक मार्ग के खुलने की उम्मीद है। लेकिन उस वक्त भी केवल छोटी गाड़ियों को जाने की अनुमति होगी।बड़े वाहनों के लिए मार्ग अभी खोलना मुमकिन नहीं है।
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लॉकडाउन खुलते ही अचानक से बढ़ी तीर्थ यात्रियों की भीड़
वहीं उधर जाम में फंसे यात्री हाईवे खुलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। मालूम हो कि अनलॉक- शुरू होते ही बदरीनाथ और हेमकुंड जाने वाले तीर्थयात्रियों की तादाद में अचानक से भारी वृद्धि हुई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बदरीनाथ धाम में ई-पास से सिर्फ 1200 लोगों को ही जाने की परमिशन है, लेकिन शनिवार को भी यहां 2274 तीर्थयात्री पहुंच गये। अभी तक तीर्थयात्रियों को बॉर्डर पर रोका भी नहीं जा रहा है। रविवार को भी बड़ी संख्या में यात्री बदरीनाथ के लिए रवाना हुए ।
उधर देवस्थानम बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि जब धामों के निकट तक यात्री बिना ई पास के पहुंच रहे हैं तो उन्हें बिना धामों के दर्शन किए वापस लौटना भी मुमकिन नहीं है। व्यवस्था बनाई जा रही है।
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पहले भी भूस्खलन की घटनाएं आ चुकी है सामने
बीते दिनों चार धामों में से एक यमुनोत्री धाम की पैदल यात्रा का मार्ग भूस्खलन के कारण ध्वस्त हो गया। जिसके चलते यात्रा रोक दी गयी थी। जानकीचट्टी से यमुनोत्री पैदल मार्ग के बीच बने गार्डर पुल, रेलिंग और शेड के अलावा पास में भी नीलगिरी महाराज की कुटिया भी ध्वस्त हो गई थी।
हालत ये हुई थी कि कुटिया में रहने वाले साधू बाल बाल बचे। उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान स्थांनतरित किया गया था। वहीं सुरक्षा के मद्देनजर और मार्ग बंद होने के कारण यमुनोत्री धाम की यात्रा रोक दी गई थी। बाद में मरम्मत के बाद उसे फिर से शुरू किया गया था।
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