Mahakumbh 2021: 3 डुबकी में भूल जायेंगे कोरोना, हरिद्वार में मिलेगी ऐसी सुविधा
हरिद्वार कुम्भ 2021 में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकना उत्तराखंड सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। वो भी जब हरिद्वार कुम्भ की तुलना प्रयागराज महाकुम्भ से हो।
हरिद्वार: कुंभ मेला 2021 की शुरुआत 14 जनवरी मकर संक्रांति से हो गया है। अप्रैल तक होने वाले इस महाकुंभ के आयोजन ऐसे वक्त में हुआ है, जब दुनिया और भारत कोरोना जैसे संकट से जूझ रहा है। भले ही वैक्सीन आ गयी हैं लेकिन कुम्भ (Mahakumbh 2021) जैसे आयोजन में संक्रमण को फैलने से रोकना उत्तराखंड सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। वो भी तब जब हरिद्वार कुम्भ (Haridwar Kumbh Mela) की तुलना योगी सरकार के नेतृत्व में प्रयागराज में हुए महाकुम्भ से की जा रही हो। ऐसे में भव्यता के साथ कोरोना से सुरक्षा दोनों पर त्रिवेंद्र रावत सरकार काम कर रही है।
हरिद्वार कुंभ मेले में कोरोना से बचाव की खास तैयारी
कोविड-19 के मद्देनजर उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने कुम्भ मेला प्रशासन, पर्यटन निगम और संबंधित सभी विभागों को खास निर्देश दिए हैं। इसके तहत कुम्भ मेला में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को बिना किसी परेशानी के संक्रमण से सुरक्षित रखने की व्यवस्था की जाएगी।
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हरिद्वार समेत वे सभी होटल जो उत्तराखंड पर्यटन क्षेत्रों के अंतर्गत आते हैं, पर साफ़ सफाई का विशेष ध्यान देंगे। सैनेटाइजेशन की व्यवस्था होगी।
घाटों पर, होटलों में, रेस्टोरेंट और मेले में लगने वाली दुकानों आदि में भी सैनेटाइजेशन किया जाएगा। ताकि पर्यटक बिना झिझक सुरक्षित माहौल कुम्भ मेले में शामिल हो सकें।
वहीं कुम्भ मेला क्षेत्र में कोरोना वाॅरियर्स की नियुक्ति होगी। स्वच्छ आवास एवं खान-पान की सुविधा भी पर्यटन निगम के कई होटलों में उपलब्ध करायी जाएगी।
स्पेशल कोविड ऑफिसर
कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए कुंभ मेले के लिए स्पेशल कोविड ऑफिसर तैनात किए जाएगें।
मेलाधिकारी कुंभ मेले में सभी दुकानों पर मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध कराएंगे। साथ ही सुरक्षात्मक उपायों के लिए विभिन्न प्रचार माध्यमों के स्तर पर लोगों को जागरूक करेंगे।
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कोविड हॉस्पिटल के साथ ही कोविड सेंटरों की स्थापना की जायेगी।
इसके अलावा कोविड कंट्रोल रूम होंगे, जहां डाटा बेस मैनेजमेंट के साथ ही पूरा डाक्यूमेंटेशन किया जाएगा।
साथ ही कुंभ मेले में काम करने वाले कर्मचारियों के टीकाकरण की व्यवस्था होगी।
हरकी पैडी पर उमड़ेगी श्रद्धालुओं की भीड़
बता दें कि एक सर्वे के मुताबिक, हर पांच मिनट में हरकी पैडी पर 10,000 लोग स्नान कर सकते है। घाटों पर कुछ पर्व स्नान पर इतनी भीड़ उमड़ती है कि हरकी पैड़ी और आसपास के घाट पूरी तरह से भर जाते है और पीछे से लगातार भीड़ आती जाती है। जिस कारण हरकी पैड़ी पर दबाव बन जाता है। बीते साल सोमवती अमावस्या के स्नान पर यह सब देखने को मिला था। ऐसे में अब जब हरिद्वार में महाकुम्भ का आयोजन होने जा रहा है तो बड़ी तादात में श्रद्धालुओं का तांता लगेगा। ऐसे में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के साथ ही सुरक्षा के लिए भी ख़ास बंदोबस्त किया गया है।
रिपोर्ट- शिवानी अवस्थी
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