उधम सिंह नगर में किसान आंदोलन के चलते बर्बाद गेहूं की फसल, हुआ काफी नुकसान

देशभर में किसान आंदोलन की आग लगातार जारी है। किसानों के द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ लगातार धरने प्रदर्शन के साथ-साथ वार्ता के बावजूद भी कोई हल न निकलने से सरकार के द्वारा लागू किये गए तीनों कृषि कानूनों के विरोध में अब महापंचायत का आयोजन कर रहे हैं।

Update:2021-02-26 16:05 IST
उधमसिंहनगर: किसान आंदोलन के चलते बर्बाद की गेहूं की फसल, हुआ काफी नुक्सान (PC: social media)

उधमसिंहनगर: काशीपुर में आज किसान आंदोलन के समर्थन में किसान ने अपनी 25 एकड़ कृषि भूमि पर खड़ी गेहूं की फसल पर ट्रैक्टर के जरिए हैरो चलवा दिया। इसका पता जैसे ही किसान नेताओं को चला तो उन्होंने मौके पर आकर उन्हें समझाया बुझाया लेकिन तब तक 6 एकड़ गेहूं की फसल बर्बाद हो चुकी थी।

ये भी पढ़ें:कानपुर देहात: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में पहुंचे राज्यमंत्री, दिया आशीर्वाद

देशभर में किसान आंदोलन की आग लगातार जारी है

Kashipur (PC: social media)

देशभर में किसान आंदोलन की आग लगातार जारी है। किसानों के द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ लगातार धरने प्रदर्शन के साथ-साथ वार्ता के बावजूद भी कोई हल न निकलने से सरकार के द्वारा लागू किये गए तीनों कृषि कानूनों के विरोध में अब महापंचायत का आयोजन कर रहे हैं। इसी क्रम में आज काशीपुर में ग्राम बाँसखेड़ा के रहने वाले अवतार सिंह नामक एक किसान ने अपनी 25 एकड़ के क्षेत्र में फैली गेहूँ की फसल को नष्ट करने की नीयत से उस पर ट्रैक्टर की मदद से हैरो चलवा दिया। इसका पता जैसे ही किसान नेताओं को चला तो उन्होंने मौके पर आकर उन्हें समझाया बुझाया लेकिन तब तक 6 एकड़ गेहूं की फसल बर्बाद हो चुकी थी।

Kashipur (PC: social media)

ये भी पढ़ें:अंदर से देखें मुकेश अंबानी का खूबसूरत एंटीलिया, सिनेमा हॉल से लेकर सब कुछ मौजूद

अवतार सिंह ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तानाशाह करार देते हुए कहा

इस दौरान अवतार सिंह ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तानाशाह करार देते हुए कहा कि आज आंदोलन का 94 वां दिन है और इस दौरान 200 के लगभग किसान आंदोलन के दौरान किसान शहीद हो गए लेकिन तानाशाह प्रधानमंत्री ने उनके लिए एक शब्द भी नहीं बोला। उन्होंने कहा कि पहले इस किसान आंदोलन को महज पंजाब, हरियाणा के किसानों का आंदोलन कहा जा रहा था, जबकि इस आंदोलन में देश के काफी हिस्सों के किसान सम्मिलित थे। जबकि सरकार इस आंदोलन को केवल दो से तीन प्रदेशो का बताकर इस आंदोलन को कुचलने के प्रयास में लगी है।

रिपोर्ट- अवनीश जैन

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News