खुशखबरी: CM रावत ने किया विद्युत उत्पादन परियोजना का लोकार्पण

जंगलों में आग लगने के कारण जहां अनेक पेड, औषधीय पौधें, वनसपत्तियां नष्ट हो जाती थी वहीं बड़ी संख्या में जंगली जानवर भी प्रभावित होते हैं।

Update:2020-09-30 20:41 IST
वर्तमान में तीन माह के भीतर 51 हजार कनेक्शन दिये जाने का लक्ष्य रखा गया था जिसमें आज तक 67 हजार कनेक्शन दिए जा चुके हैं।

देहरादुन : मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विकास खण्ड डुण्डा के ग्राम चकोन धनारी में 25 लाख लागत की 25 किलोवाट क्षमता की पिरूल से विद्युत उत्पादन की पहली परियोजना का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरणीय चक्र को आग से बचाने के लिए यह परियोजना बेहद उपयोगी होगी। जंगलों में आग लगने के कारण जहां अनेक पेड, औषधीय पौधें, वनसपत्तियां नष्ट हो जाती थी वहीं बड़ी संख्या में जंगली जानवर भी प्रभावित होते हैं।

1 हजार करोड़ की बिजली क्रय

पिरूल से विद्युत उत्पादन परियोजना के बनने से वनों एवं जीव जन्तुओं को आग से सुरक्षा होगी। तथा इससे रोजगार के अवसर भी पैदा होगें। अभी राज्य को 1 हजार करोड़ की बिजली क्रय करनी पड़ रही है, इस प्रकार की परियोजना के बनने से राज्य को आर्थिक मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में 23 लाख मिट्रीक टन सालाना पिरूल उत्पादन होता है, जिससे लगभग 200 मेगावाट बिजली उत्पादित की जा सकती है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में कालावासा काफी मात्रा में पाया जाता है। इसमें औषधीय तत्व विद्यमान हैं। यह विकरण किरणों से भी बचाता है तथा एंटीबायटिक हैं। मुख्यमंत्री ने किसानों से कालावासा की खेती करने का आवहा्न किया।

 

नेटवर्किंग की समस्या को देखते हुए 250 सेटेलाईट फोन

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सीमान्त क्षेत्रों में नेटवर्किंग की समस्या को देखते हुए 250 सेटेलाईट फोन दिये गए है ताकि सीमान्त वासियों को नेटवर्क को लेकर कोई समस्या न हो। इसी तरह प्रदेश भर में जहां कनेक्टिविटी नहीं है तथा टावर लगाये जाने हैं वहां टावर लगाने के लिए सरकार द्वारा 40 लाख रूपये स्वीकृत किये हैं। सीमान्त वासियों की समस्याओं के निस्तारण के लिए बीएडीपी की तर्ज पर मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास निधि में इस वर्ष 20 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है, ताकि उनकी समस्याओं को हल किया जा सके।

प्रदेश में जल जीवन मिशन

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सामरिक दृष्टि से सीमान्त क्षेत्रों में स्थानीय समुदाय का होना अति आवश्यक है।मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत हर घर नल द्वारा जल देना है। इस वर्ष में 10 लाख लोगों को पानी का कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। इस हेतु हर जिले की दैनिक रूप से मॉनिटरिंग की जा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 14 लाख कनेक्शन दिये जाने है। वर्तमान में तीन माह के भीतर 51 हजार कनेक्शन दिये जाने का लक्ष्य रखा गया था जिसमें आज तक 67 हजार कनेक्शन दिए जा चुके हैं।

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अटल आयुष्मान योजना के अन्तर्गत अब तक 2 लाख लोगों ने इसका लाभ लिया है। तथा देश भर में 22 हजार अस्पतालों में गोलडन कार्ड से 5 लाख रूपये तक का ईलाज निःशुल्क करवा सकते हैं। इस योजना के अन्तर्गत 23 लाख लोगों को जोड़ा गया है।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में तीन मेडिकल कालेज उद्यमसिंह नगर, हरिद्वार, व पिथोरागढ़ की स्वीकृति मिल चुकी है। जिसका शीघ्र ही निर्माण कार्य करवाया जाएगा। मेडिकल कालेज के क्षेत्र में उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य हैं जहां छोटी सी आबादी में 6 मेडिकल कालेज होगें।किसानों को पहले 2 लाख तक बिना ब्याज के ऋण दिया जाता है अब यह बढ़ाकर 3 लाख रूपये कर दिये है

रोजगार के नए आयाम विकसित

मुख्यमंत्री रावत ने धनपति व इन्दिरावती नदी में बाढ़ सुरक्षा कार्य धन स्वीकृत व सौरा-सारी-पिलंग-बुढ़ाकेदार-पवाली केदारनाथ 45 किमी. सड़क स्वीकृत करने की घोषणा की। गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत ने अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत का स्वागत करते हुए आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि जनपद में सोलर व पिरूल प्लांट के स्थापित होने से यहां के स्थानीय लोगों को इससे रोजगार मिलेगा। उन्होंने नौजवानों से स्थानीय स्तर पर ही रोजगार के नए आयाम विकसित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गांव के नौजवान स्वरोजगार अपनाने के लिए आगे आयें तथा समूह बनाएं उन्हें सरकार की ओर से हर स्तर पर सहयोग करने की बात कही।

रिपोर्टर अवनीश जैन

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