समुद्र में पकड़ी गई इतनी बड़ी शार्क, वैज्ञानिक भी हैरान, होगा रिसर्च

वैज्ञानिकों ने इस शार्क को समुद्र की रानी बताया है। वैज्ञानिकों ने टैग इसलिए लगाया है, क्योंकि उसकी मदद से इस शार्क की गतिविधियों को ट्रैक किया जा सके।

Update: 2020-10-06 13:25 GMT
वैज्ञानिकों ने इस शार्क को समुद्र की रानी बताया है। वैज्ञानिकों ने टैग इसलिए लगाया है, क्योंकि उसकी मदद से इस शार्क की गतिविधियों को ट्रैक किया जा सके।

टोरंटो: कनाडा में इनतनी बड़ी ग्रेट व्हाइट शार्क पकड़ी गई है कि वैज्ञानिक भी हैरान है। वैज्ञानिकों ने इस 17 फीट लंबी ग्रेट व्हाइट शार्क को उत्तरी अटलांटिक महासागर में पकड़ा है। इस जीव की लंबाई देखने के बाद नाव में सवार लोग भी हैरान हो गए।

वैज्ञानिकों ने शार्क की लंबाई और वजन मापने के बाद उसपर टैग लगाकर समुद्र में फिर से छोड़ दिया। वैज्ञानिकों ने इस शार्क को समुद्र की रानी बताया है। वैज्ञानिकों ने टैग इसलिए लगाया है, क्योंकि उसकी मदद से इस शार्क की गतिविधियों को ट्रैक किया जा सके।

शार्क का वजन 1600 किलो

रिपोर्ट में बताया गया है कि इस शार्क को एक गैर लाभकारी संगठन (एनजीओ) OCEARCH की टीम ने कनाडा के नोवा स्कोटिया द्वीप के पास पकड़ा था। उन्होंने बताया कि इस शार्क को नुकुमी नाम दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस शार्क की लंबाई 17 फीट दो इंच और वजन 1606 किलोग्राम के करीब था। इस अभियान की अगुवाई करने वाले क्रिस फिशर ने बताया कि यह वास्तव में बहुत शांत शार्क थी।

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50 साल थी शार्क की उम्र

शार्क की लंबाई नापने के बाद टीम ने इसके बार में बताया कि इसकी उम्र करीब 50 साल के करीब है। उनकी टीम दुनियाभर में समुद्री जीवों को बचाने के लिए अभियान चला रही है। उन्होंने शार्क को समुद्र में छोड़ने से पहले उसके कई नमूने भी लिए। इससे आने वाले दिनों में इस जीव के बारे में और जानकारी हासिल की जा सके। उसके शरीर पर लगे टैग वैज्ञानिकों को अगले पांच साल तक डेटा देते रहेंगे।

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शार्क के तेल से कोरोना वैक्सीन बना रही कंपनियां

इस समय कोरोना वायरस की वैक्सीन बना रही कई कंपनियां शार्क के तेल का इस्तेमाल कर रही हैं। वह ऐसा इसलिए कर रही हैं कि, क्योंकि कंपनियां अपनी दवा को प्रभावी बनाने सकें। हालांकि अभी तक शार्क के तेल से बनने वाली वैक्सीन के प्रभावी होने की पुष्टि नहीं हो पाई है। फिर भी शार्क के संरक्षण के लिए काम करने वाले समूह शार्क एलाइज ने दावा किया है कि अगर इस वैक्सीन को दुनियाभर के लोगों को दिया गया तो इसके लिए 2,40,000 शार्कों की हत्या की जा सकती है।

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कुछ एक्सपर्ट ने कहा है कि शार्क एलाइज के दिए आंकड़े बहुत कम हैं। कोरोना वायरस से बचने के लिए वैक्सीन की 2 डोज संक्रमितों को दी जाती है। इस हिसाब से अगर सभी लोगों को शार्क के तेल से बनी वैक्सीन दी जाती है तो इसके लिए कम से कम 5 लाख शार्कों को मारना पड़ेगा। जो हमारे समुद्री पर्यावरण को खत्म कर देगा।

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