अमेरिकी दूतावास पर एक साथ 3 रॉकेट से हमला, कई इमारतों को पहुंचा नुकसान

अमेरिकी दूतावास पर हमले को लेकर शिया नेता मुक़्तदा अल सद्र ने भी नाराजगी जताई है। उन्होंने हमले की निंदा करते हुए कहा कि इन आतंकवादी संगठनों ने नागरिकों की जान खतरे में डालने का काम किया है।

Update:2020-12-21 14:57 IST
आतंकी अब यहां भीड़ को निशाना नहीं बना रहे हैं। उनके निशाने पर नेता, वकील, जज, पुलिस और मीडिया है। कुछ दिन पहले ही टीवी पत्रकार मलाला मेवंद और उनके ड्राइवर को गोलियों से भून दिया गया था।

बगदाद: इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर तीन रॉकेट से हमला किया गया है। सरकार की तरफ से बयान जारी कर इस हमले के लिए एक आपराधिक समूह को दोषी ठहराया गया है।

बताया जा रहा है कि ये रॉकेट बगदाद के शिया बहुल पूर्वी हिस्से में अल रशीद कैम्प से दागे गए थे। हालांकि अभी किसी भी ग्रुप ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। यह रॉकेट एक आवासीय परिसर के अंदर गिरे थे।

जिससे वहां कई इमारतों और कारों को नुकसान पहुंचा है। लेकिन अभी तक वहां से किसी नागरिक को चोट पहुंचने या किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।

पिछले साल भी अमेरिकी दूतावास पर रॉकेट से कई बार हमले किये गए थे। गौरतलब है कि ग्रीन ज़ोन प्रमुख सरकारी कार्यालयों और पश्चिमी डिप्लोमेटिक मिशन का गढ़ है।

अमेरिकी दूतावास पर एक साथ 3 रॉकेट से हमला, कई इमारतों को पहुंचा नुकसान (फोटो:सोशल मीडिया)

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रॉकेट हमलों के लिए ईरान समर्थित सैन्य संगठन पर लगा आरोप

अमेरिकी प्रशासन लगातार हो रहे रॉकेट हमलों से बेहद गुस्से में है और वह इन हमलों के लिए ईरान समर्थित एक सैन्य संगठनों को दोषी मान रहा है।

सितंबर 2020 में अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि अगर इराकी सरकार इन रॉकेट हमलों को रोकने के लिए अगर निर्णायक कार्रवाई करने में विफल रही तो वह बगदाद में अपने दूतावास को बंद कर देगा।

इसके बाद नवंबर 2020 में अमेरिका ने इराक से अपने सैनिकों को वापस लाने की घोषणा की तो ईरान के सहयोगी शिया संगठन ने सीजफायर संघर्ष विराम की घोषणा की ताकि अमेरिकी सैनिकों के वापस जाने की प्रक्रिया आसानी से पूरी हो सके।

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आतंकी (सांकेतिक फोटो:सोशल मीडिया)

धार्मिक नेताओं ने भी की इस हमले की निंदा

वहीं अमेरिकी दूतावास पर हमले को लेकर शिया नेता मुक़्तदा अल सद्र ने भी नाराजगी जताई है। उन्होंने हमले की निंदा करते हुए कहा कि इन आतंकवादी संगठनों ने नागरिकों की जान खतरे में डालने का काम किया है।

अल सद्र ने सरकार से बगदाद में आपातकाल की स्थिति घोषित करने और नागरिकों और राजनयिक मिशनों की रक्षा करने की बात कही है।

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