अभी-अभी खौफनाक हमला, दर्दनाक मौतों से दहला देश, कई लोग घायल
अफगानिस्तान में पश्चिम हेरात प्रांत के कुश्क रूबत सांगी जिले में तालिबान आतंकवादियों के हमले में सात लोगों की मौत हो गयी और 17 अन्य घायल हो गये।
काबुल। अफगानिस्तान में पश्चिम हेरात प्रांत के कुश्क रूबत सांगी जिले में तालिबान आतंकवादियों के हमले में सात लोगों की मौत हो गयी और 17 अन्य घायल हो गये। जिला गवर्नर लाल मोहम्मद उमरजई ने शनिवार को बताया कि तालिबानी आतंकवादियों ने शुक्रवार देर रात ख्वाजा नूर इलाके में आम नागरिकों पर हमला कर दिया जिसमें सात लोगों की मौत हो गयी।
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हमले के बाद हमलावर भाग निकले। आपकों बता दें इससे पहले कल राजधानी काबुल में भी एक कार्यक्रम में बंदूकधारियों ने गोलीबारी की थी जिसमें कम से कम 29 लोग मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हो गए। बाद में पुलिस ने दो हमलावरों को मार गिराया। तालिबान ने हमले में अपना हाथ होने से इनकार किया है।
अल्पसंख्यक शियाओं के खिलाफ युद्ध की घोषणा...
यह हमला ऐसे समय हुआ है जब हाल में अमेरिका और तालिबान के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है जिससे देश से अमेरिकी बलों की वापसी का मार्ग प्रशस्त हुआ है। किसी भी संगठन ने इस रक्तपात की जिम्मेदारी नहीं ली है। वैसे अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट से संबंधित एक नए संगठन ने देश के अल्पसंख्यक शियाओं के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर रखी है।
US सैनिकों की वापसी इस इलाके में ज्यादातर शिया आबादी...
इस कार्यक्रम में शामिल बहुत से लोग शिया थे क्योंकि यह कार्यक्रम अफगानिस्तान के हाजरा नेता अब्दुल अली माजरी की याद में आयोजित किया गया था जिनकी 1995 में हत्या कर दी गयी थी। ज्यादातर हाजरा शिया होते हैं। अमेरिका तालिबान समझौता: अफगानिस्तान के बेहतर भविष्य की आस, 14 माह में US सैनिकों की वापसी इस इलाके में ज्यादातर शिया आबादी है।
सोशल मीडिया पर आई तस्वीरों में हमले के बाद लोग शवों को इकट्ठा करते दिख रहे हैं। राष्ट्रपति अशरफ गनी ने नरसंहार की निंदा करते हुए इसे “मानवता के खिलाफ अपराध” करार दिया। काबुल के दाश्त ए बारची में हुए इस हमले में मृतकों की संख्या को लेकर अलग-अलग खबरें हैं।
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स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार हमले में 32 लोगों की मौत हो गई और 58 अन्य घायल हो गए। उधर, गृह मंत्रालय का कहना है कि इस हमले में 29 लोग मारे गए हैं और 61 अन्य घायल हुए हैं। विपक्ष के नेता अब्दुल्ला अब्दुल्ला इस कार्यक्रम में मौजूद कई अहम राजनीतिक नेताओं में शामिल थे जो हमले से पहले वहां से चले गए थे और इस तरह वह बाल-बाल बच गए।
अब्दुल्ला अब्दुल्ला पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव में प्रबल दावेदार थे। कई चश्मदीदों ने कहा कि दहशत के बीच सुरक्षाबलों के कई सदस्यों ने भीड़ में नागरिकों पर गोलियां चला दीं। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत रहीमी ने बताया कि गोलीबारी के बाद दोनों बंदूकधारी एक अपार्टमेंट में छिप गए जहां उनकी सुरक्षाबलों के साथ पांच घंटे तक मुठभेड़ चली।
बंदूकधारी आखिरकार मारे गए
बंदूकधारी आखिरकार मारे गए। समारोह में अफगानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला समेत देश के कई शीर्ष नेता शामिल हुए। गृह मंत्रालय ने बाद में संवाददाता से इस बात की पुष्टि की कि “सभी उच्च पदस्थ अधिकारियों को मौके से सुरक्षित निकाल लिया गया।”
हाजरा नेता मोहम्मद मोहाकिक ने तोलो न्यूज को बताया, “गोलियां चलने के बाद हम समारोह से निकल गए थे और कई लोग घायल हुए, लेकिन हमारे पास मारे गए लोगों के बारे में जानकारी नहीं है।”