अडानी मामला: रिश्वत भारत में तो अमेरिका में कार्रवाई क्यों? जानिए इसकी वजह

Adani Case: अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) ने गौतम अडानी, उनके भतीजे और अडानी ग्रीन एनर्जी के सीनियर एग्जीक्यूटिव सागर अडानी और एज़्योर पावर के सिरिल सेबेस्टियन डोमिनिक कैबनेस (फ्रांसीसी नागरिक) के खिलाफ जूरी ट्रायल और सज़ा की मांग करते हुए अदालत का रुख किया है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2024-11-21 16:08 IST

अडानी मामला: रिश्वत भारत में तो अमेरिका में कार्रवाई क्यों? जानिए इसकी वजह: Photo- Social Media

Adani Case: न्यूयॉर्क में अमेरिकी अभियोजकों ने अडानी ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अडानी और सात अन्य लोगों पर भारत में बिजली सप्लाई ठेका हासिल करने के लिए भारत में सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर से ज्यादा की रिश्वत देने की योजना बनाने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही, अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) ने भी गौतम अडानी, उनके भतीजे और अडानी ग्रीन एनर्जी के सीनियर एग्जीक्यूटिव सागर अडानी और एज़्योर पावर के सिरिल सेबेस्टियन डोमिनिक कैबनेस (फ्रांसीसी नागरिक) के खिलाफ जूरी ट्रायल और सज़ा की मांग करते हुए अदालत का रुख किया है।

लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अमेरिकी अधिकारी हजारों मील दूर भारत में एक कथित रिश्वतखोरी योजना में इतनी गहरी दिलचस्पी दिखाते हुए कार्रवाई क्यों कर रहे हैं? दरअसल अमेरिकी रेगुलेटर एसईसी की शिकायतों और अभियोग में जो कारण बताए गए हैं वह मुख्य रूप से कंपनियों की अमेरिका में मौजूदगी तथा गतिविधियों और उनमें अमेरिकी निवेशकों के होने से संबंधित हैं।

  • अडानी ग्रुप के साथ अमेरिका का संबंध मुख्य रूप से 2021 में अडानी ग्रीन कॉरपोरेट बॉन्ड जारी करने से संबंधित है, जिसमें अमेरिकी निवेशक शामिल थे।
  • इसी तरह "एज़्योर पावर" भले ही मुख्य रूप से एक सहायक कंपनी के जरिये भारत में कारोबार करती थी लेकिन इसके स्टॉक न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हैं।

क्या है अमेरिकी कानून

  • अमेरिकी कानून, मुख्य रूप से विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (फॉरेन करप्ट प्रक्टिसेस एक्ट), कुछ वर्गों के व्यक्तियों और संस्थाओं को बिजनेस हासिल करने या बनाए रखने के लिए विदेशी सरकारी अधिकारियों को भुगतान करने से रोकता है। दूसरे शब्दों में, ऐसे व्यक्तियों और संस्थाओं के लिए दूसरे देशों के सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देना, देने का वादा करना या देना गैरकानूनी है। व्यक्तियों और संस्थाओं के इन वर्गों में अमेरिका में स्टॉक के कुछ विदेशी जारीकर्ता और वे कंपनियाँ शामिल हैं जिनके शेयर अमेरिकी शेयर बाज़ारों में सार्वजनिक रूप से कारोबार करते हैं।

क्या है शिकायत

  •  गौतम अडानी और सागर अडानी के खिलाफ अपनी शिकायत में, एसईसी ने आरोप लगाया कि अडानी ग्रीन ने सितंबर 2021 में 750 मिलियन डॉलर मूल्य के अपने कॉरपोरेट बॉन्ड के खरीदारों को बताया था कि कंपनी के किसी भी निदेशक या अधिकारी ने सरकारी अधिकारियों को रिश्वत नहीं दी या देने का वादा नहीं किया है या उन अधिकारियों को अनुचित रूप से प्रभावित करने का प्रयास नहीं किया है। इस कॉरपोरेट बॉन्ड में अमेरिकी निवेशकों के 175 मिलियन डॉलर से अधिक शामिल हैं।
  • एसईसी ने आरोप लगाया है कि कम्पनी ने बॉन्ड खरीदारों से जो कहा वह सच नहीं है।
  • एसईसी ने साथ में ये भी कहा कि कंपनी ने अपने जो डिक्लेरेशन किये उससे कहीं पहले गौतम अडानी और सागर अडानी “भारतीय सरकार के अधिकारियों को सैकड़ों मिलियन डॉलर के बराबर रिश्वत देने या देने का वादा करने में व्यक्तिगत रूप से शामिल थे।”
  • बॉन्ड जारी करने के अलावा, अभियोग में उल्लेख किया गया है कि अडानी ग्रीन और उसकी शाखाओं ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों और अमेरिका बेस्ड निवेशकों वाले ऋणदाता समूहों से 2 बिलियन डॉलर से अधिक के ऋण जुटाए।
  • न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी ब्रियोन पीस ने अभियोग की घोषणा करते हुए कहा कि - प्रतिवादियों ने अरबों डॉलर के कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए एक विस्तृत योजना बनाई और गौतम एस अडानी, सागर आर अडानी और विनीत एस जैन (अडानी ग्रीन के प्रबंध निदेशक) ने रिश्वतखोरी योजना के बारे में झूठ बोला क्योंकि वे अमेरिकी और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों से पूंजी जुटाना चाहते थे।"
  • एज़्योर पावर के सिरिल सेबेस्टियन डोमिनिक कैबनेस के खिलाफ अपनी शिकायत में, अमेरिकी प्रतिभूति बाजार नियामक ने उस पर अडानी ग्रुप के साथ कथित रिश्वतखोरी योजना में शामिल होने के कारण रिश्वत विरोधी कानून एफसीपीए का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। डोमिनिक कैबनेस एक ऐसी कंपनी के बोर्ड में था जिसका स्टॉक अमेरिकी शेयर बाजार में लिस्टेड था। कैबनेस ने कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारक- कनाडा स्थित पेंशन फंड कैस डे डेपो एट प्लेसमेंट डु क्यूबेक (सीडीपीक्यू) के प्रतिनिधि के रूप में एज़्योर पावर ग्लोबल के बोर्ड में निदेशक के रूप में काम किया था।

क्या है एज़्योर पावर

  • एज़्योर मॉरीशस के कानूनों के तहत स्थापित एक लिमिटेड कंपनी है जिसका मुख्य व्यवसाय स्थान भारत है। एसईसी के अनुसार, कथित रिश्वतखोरी योजना की अवधि में 2020 से 2024 तक एज़्योर का स्टॉक न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार करता रहा। इसे नवंबर 2023 में नियामक आयोग (एसईसी) के साथ रिपोर्ट दाखिल करने में विफलता के कारण डीलिस्ट कर दिया गया था।
  • न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय ने कहा है कि चार प्रतिवादियों ने न्यूयॉर्क में एफबीआई, डीओजे (न्याय विभाग) और एसईसी के प्रतिनिधियों के सामने रिश्वतखोरी योजना में अपनी भागीदारी से झूठा इनकार किया है।

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