धमाकों से बिछ रही लाशें: आम जनता से सुरक्षाकर्मी बने निशाना, सैंकड़ों मौतों से मातम

अफगानिस्तान में हर दिन कहीं विस्फोट तो कहीं धमाके या तो फिर हमले हो रहे हैं। ये सिलसिला अभी भी थमा नहीं है। ऐसे में अफगान के हेलमांड प्रांत में सड़क के किनारे बम विस्फोट हुआ। इस विस्फोट में एक सुरक्षा अधिकारी की मौके पर मौत हो गई।

Update: 2020-12-27 13:26 GMT
अफगानिस्तान में हर दिन कहीं विस्फोट तो कहीं धमाके या तो फिर हमले हो रहे हैं। ये सिलसिला अभी भी थमा नहीं है। ऐसे में अफगान के हेलमांड प्रांत में सड़क के किनारे बम विस्फोट हुआ।

काबुल। अफगानिस्तान में हमले, धमाके होना तो मानों आम बात हो गई हो। हर दिन कहीं विस्फोट तो कहीं धमाके या तो फिर हमले हो रहे हैं। ये सिलसिला अभी भी थमा नहीं है। ऐसे में अफगान के हेलमांड प्रांत में सड़क के किनारे बम विस्फोट हुआ। इस विस्फोट में एक सुरक्षा अधिकारी की मौके पर मौत हो गई। रविवार की शाम को हुए इस हमले में नावा जिले के राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय के सैनिक की मौत हो गई। इस बारे में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अफगान वायुसेना के हेलमांड और कंधार प्रांत में लगभग रोजाना हो रहे हवाई हमले में लगभग 66 आतंकवादी मारे गए हैं।जबकि 18 लोग बुरी तरह से घायल हैं।

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26 आतंकवादी मारे गए

ऐसे में अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, बीते दो दिनों में हेलमांड और नावा जिले में वायु सेना के हवाई हमले में अल कायदा के चार, तालिबान के 26 आतंकवादी मारे गए और 6 आतंकवादी घायल हुए हैं। लगातार हो रहे इन हमलों से देश की जनता बुरी तरह से खौफ के साये में जी रही है।

लगभग कई महीनों से अफगानिस्तान में लाशें गिरने का सिलसिला रूक ही नहीं रहा है। ये मौतें कोरोना से नहीं, बल्कि आतंकियों द्वारा मारे जा रहे आम जन निर्दोषों, सुरक्षाबलों की होती है।

फोटो-सोशल मीडिया

अफगानिस्तान और उसके आस-पास के इलाकों में ये धमाके उस समय किए गए हैं जब कतर की राजधानी दोहा में अफगान सरकार और तालिबान के बीच शांति वार्ता चल रही है। ऐसे में अब तक इन हमलों की किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है।

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बच्चों को बनाया बंदी

आपको बता दें कि जल्द ही के दिनों में होने वाले अधिकांश हमलों की जिम्मेदारी अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने ली है। इसमें शैक्षिक संस्थानों पर हुए हमले भी शामिल हैं, जिनमें 50 लोग मारे गए थे। मरने वालों में अधिकांश छात्र थे। जिसमें कई बच्चों को बंदी बना लिया गया है।

ऐसे में अफगानिस्तान (Afghanistan) इससे पहले भीषण बम धमाका हुआ था। इस धमाके में 11 बच्चों यानी मासूमों की दर्दनाक मौत हो गयी थी। इस अफगानिस्तान आतंकवाद से दशकों से पीड़ित है क्योंकि उसके लिए पाकिस्तान सबसे बड़ा अभिशाप है। जो दुनियाभर में आतंकी मुल्क नाम से कुख्यात पाकिस्तान ही अफगानिस्तान में आतंकवाद की सबसे बड़ी पकड़ बनी हुई है।

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