तालिबान का बड़ा दावा, अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति सालेह के घर से मिले 6.5 मिलियन डॉलर और 18 सोने की ईंट

काबुल में अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति और वॉर लॉर्ड कहे जाने वाले अब्दुल रशीद दोस्तम की आलीशान हवेली पर तालिबानी लड़ाकों ने कब्जा कर लिया।

Newstrack :  Network
Published By :  Divyanshu Rao
Update:2021-09-13 20:15 IST

अमरुल्लाह सालेह की तस्वीर (डिजाइन फोटो:न्यूज़ट्रैक)

Afghanistan Taliban News: काबुल में अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति और वॉर लॉर्ड कहे जाने वाले अब्दुल रशीद दोस्तम की आलीशान हवेली पर तालिबानी लड़ाकों ने कब्जा कर लिया है। जिसके बाद तालिबान ने अब खुद को अफगानिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित करने वाले अशरफ गनी सरकार के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह पर बड़ा आरोप लगाया है।

सालेह के घर से साढ़े छह मिलियन डॉलर बरामद

तालिबान ने अमरुल्ला सालेह पर आरोप लगाया है कि पंजशीर में जंग लड़ रहे अमरुल्ला सालेह के घर से साढ़े छह मिलियन डॉलर और अठारह सोने की ईंट जब्त की गईं हैं। तालिबान ने यह दावा सोमवार को किया है। तालिबान के सांस्कृतिक आयोग और मल्टीमीडिया शाखा के प्रमुख अहमदुल्ला मुत्ताकी ने एक वीडियो ट्वीट कर यह दावा किया है।

अमरुल्ला सालेह की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

गौरतलब है कि तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद वहां पर अपनी सरकार का गठन भी कर लिया है। तालिबान लगभग पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर चुका है लेकिन पंजशीर घाटी अभी भी उसके कब्जे से बाहर है। जिसके लिए वह लगातार कोशिशें कर रहा है और इस सिलसिले में वह अपने लड़ाकों को पंजशीर घाटी में लगातार भेज रहा है। लेकिन यहां पर उसे कड़ी चुनौती मिल रही है। इस वजह से पंचशीर घाटी पर कब्जा करने के उसके तमाम दावे गलत साबित हो चुके हैं। 


अहमदुल्ला मुत्ताकी ने वीडियो जारी कर दी जानकारी

अहमदुल्ला मुत्ताकी ने जो वीडियों जारी किया है वह 1 मिनट 26 सेकेंड का है। जिसमें देखा जा सकता है कि करीब 8-10 तालिबानी लड़ाके दो सूटकेस में रखे गए अमेरिकी डॉलर की गड्डियों और सोने की ईंट की जांच-पड़ताल कर रहे हैं। हालांकि ये डॉलर कब जब्त किया गया है इसकी कोई जानकारी मुत्ताकी ने नहीं दी है।

आपको बता दें कि तालिबान ने अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला साहेब के भाई को मार गिराया था। अमरुल्ला सालेह पंजशीर में तालिबान विरोधी ताकतों के नेताओं के रुप में उभरे हैं। हालांकि तालिबान के खिलाफ सालेह अब भी जंग लड़ रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक पंजशीर में तालिबानी कब्जे के बाद ही अमरुल्ला सालेह और अहमद मसूद किसी सुरक्षित स्थान चले गए हैं।        

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