इन शक्तिशाली देशों ने नहीं मानी बाइडेन की जीत, बधाई देने से किया इंकार, ये है वजह

रूस और चीन ने अमेरिका के इस जनादेश को अभी तक स्वीकार नहीं किया है। चीन ने बाइडेन को बधाई देने से इनकार कर दिया है। चीन ने कहा कि अभी वह अंतिम फैसले का इंतजार कर रहा है।

Update: 2020-11-09 14:22 GMT
रूस और चीन ने अमेरिका के इस जनादेश को अभी तक स्वीकार नहीं किया है। चीन ने बाइडेन को बधाई देने से इनकार कर दिया है। तो वहीं रूसे ने भी बधाई नहीं दी है।

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन ने जीत हासिल कर ली है। इसके बाद बाइडेन और उप राष्ट्रपति बनने जा रही कमला हैरिस को दुनियाभर से जीत की बधाई दी जा रही है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बाइडेन और कमला हैरिस को जीत की बधाई दी है। हालांकि चीन, रूस और मैक्सिको जैसे कई देशों ने अभी तक जो बाइडेन को बधाई नहीं दी है।

रूस और चीन ने अमेरिका के इस जनादेश को अभी तक स्वीकार नहीं किया है। चीन ने बाइडेन को बधाई देने से इनकार कर दिया है। चीन ने कहा कि अभी वह अंतिम फैसले का इंतजार कर रहा है। तो वहीं रूस ने ट्रंप की ओर से धांधली का आरोप लगाए जाने और कानूनी विकल्पों के इस्तेमाल का तर्क दिया है और बाइडेन की अमेरिकी चुनाव में जीत को नहीं माना है।

बाइडेन ने खुद को चुनाव में विजेता घोषित किया

चीन ने बाइडेन को बधाई देने से साफ मना कर दिया है और कहा है कि चुनाव का परिणाम अभी तय नहीं हो पाया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि बाइडेन ने खुद को चुनाव में विजेता घोषित किया है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता वागं वेनबिन ने कहा कि हम मानते बैं कि चुनाव का नतीजा अमेरिकी कानूनों और प्रक्रिया के मुताबिक तय होगा।

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रूस ने मिलाया ट्रंप के सुर में सुर

जबकि रूस ने भी अभी तक बाइडेन की जीत को स्वीकार नहीं किया है। रूस ने ट्रंप के सुर में सुर मिलाया है और चुनाव में धांधली का मुद्दा उठाया है। रूस के चुनाव प्रमुख का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मेल इन वोटिंग ने मतदान में धांधली का रास्ता खोला है।

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रूसी चुनाव आयोग की प्रमुख इला पामफिलोवा ने कहा कि मैंने मेल-इन वोटिंग प्रक्रिया का सावधानीपूर्वक अध्ययन किया। उन्होंने कहा कि मैंने पाया है कि इस प्रक्रिया में गड़बड़ी की पूरी गुंजाइश है। बता दें कि ट्रंप भी मेल-इन बैलेट्स का विरोध किया है। रूस पर अमेरिका में हुए 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने और ट्रंप की मदद करने का आरोप था। पुतिन ने भी अभी तक बाइडेन को बधाई नहीं दी है।

इन देशों ने भी चुप्पी साधी

ब्राज़ील के प्रेसिडेंट बोल्सोनारो ने भी जो बिडेन की ‘जीत’ पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. अमेरिकी चुनावों में बोल्सोनारो ने डोनाल्ड ट्रम्प का समर्थन किया था। तुर्की के प्रेसिडेंट रेसेप तय्यिप एरदोगन ने भी जो बिडेन को कोई सन्देश नहीं भेजा है। ब्राज़ील, रूस, मेक्सिको और चीन उन चंद देशों में से हैं जिन्होंने जो बिडेन को बधाई नहीं दी है।

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