Ajab Gajab: एक ऐसी जनजाति जहां बाप बेटियों को पाल पोसकर करता है बड़ा, जवान होते ही खुद बन जाता है पति

Ajab-Gajab: दुनिया में एक ऐसी भी जनजाति है, जहां पिता को अपनी बेटी के लिए वर ढूंढने के लिए कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ती

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-01-07 07:53 IST

बाप बेटियों को पाल पोसकर करता है बड़ा कर करता है शादी (फोटो: सोशल मीडिया )

Ajab-Gajab: एक पिता की ख्वाहिश होती है कि वो अपनी बेटी को एक ऐसे घर में बहू बनाकर भेजे जहां उसके साथ बेटी की तरह ही व्यवहार किया जाए। पिता की कोशिश होती है कि वह अपनी बेटी के लिए कोई ऐसा वर ढूंढे जो जीवन भर उसका ख्याल रखे और कभी अपने घरवालों की गैर-मौजूदगी का एहसास न होने दे। दुनिया में एक ऐसी भी जनजाति है, जहां पिता को अपनी बेटी के लिए वर ढूंढने के लिए कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ती। क्योंकि जब उसकी बेटी बड़ी होती है, तब वो खुद उसका पति बन जाता है।

जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा है। ये अजीबोगरीब कुप्रथा भारतीय महाद्वीप में आज भी प्रचलित है। इस कुप्रथा का पालन बांग्लादेश के मंडी जनजाति के लोग करते हैं। इस जनजाति के मर्द जिस बच्ची को बच्चों के पिता की तरह पालते हैं, उसके जवान होने पर उसी के पति बन जाते हैं। मंडी जनजाति का कोई मर्द जब कम उम्र में किसी विधवा महिला से शादी करता है, तभी ये तय हो जाता है कि महिला की बेटी से आगे चलकर वो शख्स शादी करेगा। लोग बताते हैं कि ये कोई आज की प्रथा नहीं है बल्कि सदियों से इसका पालन हो रहा है।

बेटी से शादी के लिए जरूरी शर्त

अपने बेटी से शादी करने के लिए पिता का सौतेला होना जरूरी है अर्थात सगा पिता अपनी बेटी का पति नहीं बन सकता। इस कुप्रथा की शुरूआत तब होती है जब यहां कोई महिला कम उम्र में ही विधवा हो जाती है। इसके बाद दूसरा मर्द उससे इसी शर्त पर शादी करता है कि पहली शादी से हुई बेटी से आगे चलकर वह शादी करेगा। माना जाता है कि कम उम्र का पति नई पत्नी और उसकी बेटी का भी पति बनकर दोनों की सुरक्षा लंबे समय तक कर सकता है।

इस कुप्रथा ने कई लड़कियों का जीवन बर्बाद कर दिया है। हैरानी की बात ये है कि आधुनिकता के इस दौर में जब कुप्रथाओं और अंधविश्वासों के खिलाफ कठोर कानून बन रहे हैं तब आखिर कैसे इस तरह की कुप्रथा प्रचलन में है।

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