US Air Strikes: इराक और सीरिया में दर्जनों ठिकानों पर अमेरिका का हवाई हमला

US Air Strikes: अमेरिकी ने फिलहाल ईरान के भीतर हमले नहीं किये हैं क्योंकि वह संघर्ष को और भी अधिक बढ़ने से रोकने की कोशिश कर रहा है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2024-02-03 09:01 IST

US air strikes  (photo: social media )

US Air Strikes: अमेरिकी सेना ने इराक और सीरिया में ईरानी समर्थित मिलिशिया और ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड के दर्जनों ठिकानों पर हवाई हमला करके उन्हें तहस नहस कर दिया है। अमेरिका की ये कार्रवाई पिछले दफ्तर जॉर्डन में ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत के जवाब में की गई है।

85 टारगेट्स को बनाया निशाना

अमेरिका ने बड़े पैमाने पर किये गए हमलों से सात स्थानों पर 85 से अधिक लक्ष्यों को निशाना बनाया, जिनमें कमांड और नियंत्रण मुख्यालय, खुफिया केंद्र, रॉकेट और मिसाइल, ड्रोन और गोला-बारूद भंडारण स्थल और अन्य सुविधाएं शामिल थीं जो मिलिशिया या आईआरजीसी के कुद्स फोर्स से जुड़ी थीं। कुद्स फोर्स वह इकाई है जो क्षेत्रीय मिलिशिया के साथ तेहरान के संबंधों और उन्हें हथियारों से लैस करने का काम संभालती है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने एक बयान में स्पष्ट किया है कि अभी और भी बहुत कुछ किया जाएगा।

अमेरिकी ने फिलहाल ईरान के भीतर हमले नहीं किये हैं क्योंकि वह संघर्ष को और भी अधिक बढ़ने से रोकने की कोशिश कर रहा है। वैसे, ईरान ने जॉर्डन हमले के पीछे अपना हाथ होने से इनकार किया है।

यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिकी हमलों का क्या असर होगा। क्योंकि कई दिनों की अमेरिकी चेतावनियों ने मिलिशिया सदस्यों को छिपने के लिए तितर-बितर कर दिया होगा। सो उन्हें किसी बड़े झटके की संभावना नहीं है।

क्या कहा आतंकियों ने?

अमेरिकी हमलों के बाद मुख्य ईरान समर्थित मिलिशिया में से एक, कातिब हिजबुल्लाह ने कहा कि वह अमेरिकी सैनिकों पर हमले रोक रहा है। लेकिन अन्य गुटों ने लड़ाई जारी रखने की कसम खाई है और खुद को फिलिस्तीनी समर्थक के रूप में पेश किया है।

बिडेन की चेतावनी

अमेरिकी राष्ट्रपति ने सख्ती दिखाते हुए कहा है कि - हमारी प्रतिक्रिया आज से शुरू हुई है। यह हमारी पसंद के समय और स्थानों पर जारी रहेगी। जो लोग हमें नुकसान पहुंचाना चाहते हैं वे यह जान लें: यदि आप किसी अमेरिकी को नुकसान पहुंचाते हैं, तो हम जवाब देंगे।"

बिडेन और अन्य शीर्ष अमेरिकी नेता कई दिनों से कह रहे थे कि कोई भी अमेरिकी प्रतिक्रिया केवल एक हिट नहीं होगी बल्कि समय के साथ "स्तरीय प्रतिक्रिया" होगी।

अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि नागरिक हताहतों से बचने के लिए टारगेट्स को सावधानीपूर्वक चुना गया था और यह स्पष्ट, अकाट्य सबूतों पर आधारित था कि वे क्षेत्र में अमेरिकी कर्मियों पर हमलों से जुड़े थे। उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि वह सबूत क्या था। ज्वाइंट स्टाफ के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डगलस सिम्स ने कहा, हमले लगभग 30 मिनट तक हुए और जिन स्थानों पर हमला किया गया उनमें से तीन इराक में और चार सीरिया में थे।

18 आतंकी मारे गए

सीरियाई सरकारी मीडिया ने बताया कि हमले में कई हताहत हुए हैं लेकिन संख्या नहीं बताई। ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने बताया कि सीरिया हमलों में 18 आतंकवादी मारे गए।

इराकी सेना के प्रवक्ता याह्या रसूल ने एक बयान में कहा कि अल-क़ैम शहर और सीरिया के साथ देश की सीमा से लगे इलाके अमेरिकी हवाई हमलों से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा, "ये हमले इराकी संप्रभुता का उल्लंघन हैं और ये इराक और क्षेत्र को अवांछनीय परिणामों की ओर ले जाएगा।"

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