अमेरिका-उत्तर कोरिया में तनाव चरम पर, अमेरिका ने दी चेतावनी

Update: 2017-08-18 10:37 GMT
अमेरिका-उत्तर कोरिया में तनाव चरम पर, अमेरिका ने दी चेतावनी

वाशिंगटन/प्योंगयांग: गुआम द्वीप पर हमला करने की उत्तर कोरिया की धमकी के बाद अमेरिका व उत्तर कोरिया के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। उत्तर कोरिया की धमकी के बाद अमेरिका ने भी कड़ा रुख अख्तियार किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि यदि उत्तर कोरिया ने अमेरिका या उसके किसी सहयोगी देश पर हमला किया तो अमेरिका उसे तबाह कर देगा। उसे ऐसी सजा दी जाएगी जिसके बारे में उसने कभी सोचा भी न होगा।

दूसरी ओर उत्तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग उन अमेरिकी धमकियों के आगे झुकने को तैयार नहीं है। उत्तर कोरिया ने अमेरिकी पैसिफिक क्षेत्र के गुआम द्वीप पर मिसाइल हमले का पूरा डिटेल प्लान सामने रख दिया है। किम जोंग उन ने ट्रंप की उत्तर कोरिया को तबाह कर देने की चेतावनी को पूरी तरह बकवास बताया है।

उत्तर कोरिया ने सेना को तैयार रहने को कहा

अमेरिका से तनाव बढऩे के साथ उत्तर कोरिया की सेना भी किसी भी समय युद्ध छिडऩे की संभावनाओं को देखते हुए पूरी तरह तैयार है। वैसे यह माना जा रहा है कि गुआम पर मिसाइल दागने से पहले उत्तर कोरिया अमेरिकी रुख का इंतजार करेगा मगर किम जोंग ने अपनी सेना को पूरी तरह तैयार रहने को कहा है। किम जोंग वरिष्ठ सैन्य अफसरों से सम्पर्क बनाए हुए हैं।

उन्होंने सेना कमान का निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा भी लिया। उन्होंने सैन्य अधिकारियों से उस मैप की भी जानकारी ली है जिसमें गुआम की ओर दागी जाने वाली मिसाइलों की दिशा तय की गयी है। किम जोंग ने काफी देर तक मिसाइल प्रक्षेपण योजना की जानकारी ली। कोरिया की सेंट्रल न्यूज एजेंसी के मुताबिक किम ने कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव खत्म करने के लिए सबसे पहले यह जरूरी है कि अमेरिका पहले उचित विकल्प तैयार करे। अमेरिका ने साम्राज्यवादी नीति पर चलते हुए अपने गले में खुद फंदा डाला है। उसने इस क्षेत्र में परमाणु हथियार लाकर खुद उकसावे की कार्रवाई की है। उन्होंने अमेरिका को चेतावनी दी कि वह हमें ज्यादा उत्तेजित करने की कोशिश न करे। हम धमकियों से डरने वाले नहीं हैं।

गुआम को बर्बाद करने की धमकी

ट्रंप की चेतावनी के चंद घंटे बाद ही उत्तर कोरिया ने अमेरिका पर जवाबी हमला बोला। उत्तर कोरिया ने चेतावनी दी कि वह प्रशासनिक रूप से अमेरिका के अधीन प्रशांत महासागर के पश्चिमी भाग में स्थित गुआम द्वीप पर मिसाइल हमले की योजना पर विचार कर रहा है। गुआम की आबादी लगभग 163,000 लोगों की है और वहां एक अमेरिकी सैन्य अड्डा भी है, जिसमें एक पनडुब्बी स्क्वाड्रन, एक हवाईअड्डा और एक कोस्ट गार्ड समूह शामिल है। उत्तर कोरिया की स्ट्रेटेजिक फोर्स के प्रमुख जनरल किम रैक ग्योम ने कहा कि अब अमेरिका के साथ किसी तरह की बातचीत बेमानी है। अब उन्हें केवल बल प्रयोग से ही समझाया जा सकता है। बयान के दौरान उन्होंने चार इंटरमीडिएट रेंज मिसाइल की तैनाती और गुआम पर अटैक की प्लानिंग का ब्योरा भी दिया। उनका कहना था कि उत्तर कोरिया की ये चार मिसाइल जापान के ऊपर से होते हुए गुआम को कुछ ही पलों में बर्बाद कर देंगी। इसके लिए उत्तर कोरिया राकेट का इस्तेमाल करेगा जो करीब 1065 सैकेंड में 3356 किमी की दूरी तय करके गुआम को तबाह कर देगा। उन्होंने साफ कर दिया कि उनकी सेना हमले के लिए पूरी तरह तैयार है। इंतजार है तो बस देश के मुखिया किम जोंग उन की ही इजाजत की देर है। उनका इशारा मिलते ही गुआम पर हमला कर दिया जाएगा।

तनाव टालने के लिए ट्रंप-जिनपिंग की वार्ता

इस बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ट्रंप से उत्तर कोरिया के खिलाफ संयम बरतने का आग्रह किया है। शी ने इस बाबत ट्रंप से फोन पर बात की और कहा कि संबंधित पक्षों को ऐसी टिप्पणियां या कार्रवाई करने से बचना चाहिए जिससे कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़े। उन्होंने इसके लिए अमेरिका के मिलकर काम करने पर रजामंदी जताई। शी ने कहा कि चीन व अमेरिका दोनों का लक्ष्य कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु बम विहीन करना व क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता कायम करना है। व्हाइट हाउस के मुताबिक दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के हाल के प्रस्ताव पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया के हथियारों के परीक्षण पर लगाम लगाने और शांति एवं स्थिरता स्थापित करने के लिए यह एक बेहद जरूरी कदम है। दोनों इस बात पर सहमत हुए कि उत्तर कोरिया को अपने उकसावे और उत्तेजित करने वाली कार्रवाई बंद करनी चाहिए। उत्तर कोरिया की गुआम पर मिसाइलें दागने की धमकी के बाद दोनों नेताओं ने फोन पर बातचीत की। व्हाइट हाउस के मुताबिक ट्रंप इस वर्ष के अंत में चीन में शी से मुलाकात के लिए उत्सुक हैं और दोनो

नेताओं के बीच होने वाली बैठक ऐतिहासिक घटना होगी।

पैट्रियट मिसाइल रक्षा प्रणाली तैनात की

गुआम द्वीप पर बैलेस्टिक मिसाइलें दागने की उत्तर कोरिया की धमकी के बाद जापान अपनी सीमा पर पैट्रियट मिसाइल रक्षा प्रणाली तैनात कर रहा है। सरकारी प्रसारणकर्ता एनएचके ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने पश्चिमी जापान में शिमाने, हिरोशिमा और कोची में पैट्रियट एडवांस्ड कैपैबिलिटी-3 (पीएसी-3) प्रणाली तैनात करनी शुरू कर दी है जिस पर उत्तर कोरिया ने चेतावनी दी है कि यह उसकी मिसाइलों के रास्ते में आ सकती है। एनएचके ने कहा कि पड़ोसी एहिमे में भी मिसाइल रोधी प्रणाली तैनात की जानी है। टीवी फुटेज में कोची में जापानी अड्डे पर जमीन से हवा में मार करने वाली प्रणाली के लिए लॉन्चर और अन्य उपकरण लाते हुए सेना के वाहन दिखे। जापान ने पहले ही कहा था कि अगर उत्तर कोरिया की मिसाइलों या रॉकेटों का उसके क्षेत्र पर हमला करने का खतरा होगा तो वह उन्हें मार गिराएगा। जापान के मुख्य सरकारी प्रवक्ता योशिहिदे सुगा ने कहा कि हम उत्तर कोरिया के उकसावे को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे और जरूरी कदम उठाएंगे। इस बीच जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे ने ट्रंप से मौजूदा हालात पर बात की है। एबे ने कहा कि उत्तर कोरिया को मिसाइल दागने से रोकने के लिए जापान अन्य देशों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा।

प्रतिबंध का उत्तर कोरिया पर पड़ेगा असर

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने उत्तर कोरिया से मिसाइल लॉन्च और न्यूक्लियर टेस्ट रोकने की बात कही है। यह अपील संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर उस पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद की गयी है। मनीला में आसियान की बैठक से पहले नॉर्थ कोरिया के विदेश मंत्री होंग यू ने चीनी विदेश मंत्री वांग से प्रतिबंधों को लेकर चर्चा की। बाद में वांग ने कहा कि यह बातचीत साथी देश उत्तर कोरिया को सही और समझदारी भरे फैसले लेने में मदद करेगी। अनुमान के मुताबिक नए बैन का असर उसके तीन अरब डॉलर के सालाना एक्सपोर्ट बिजनेस पर पड़ेगा। इस बीच दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन ने उत्तर कोरिया से हर हाल में युद्ध टालने को कहा है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले को शांतिपूर्ण तरीके से

सुलझाएंगे।

ट्रंप ने दी उत्तर कोरिया को तबाह करने की धमकी

ट्रंप ने उत्तर कोरिया को चेतावनी दी कि यदि उसने हमला करने के बारे में सोचा तो हम ऐसी कार्रवाई करेंगे जो उसने कभी सोची भी न होगी। उन्होंने कहा कि अगर उत्तर कोरिया अमेरिका के लिए लगातार खतरा पैदा करता है तो उसे सिर्फ तबाह करने की चेतावनी देना काफी नहीं होगा। यह समय उत्तर कोरिया के खिलाफ कार्रवाई करने का है। उत्तर कोरिया ने हमले की कार्रवाई की तो उसे ऐसे विनाश का सामना करना पड़ेगा जो दुनिया ने कभी नहीं देखी होगी। किम जोंग उन जिस तरह की बात कर रहा है, उसे सामान्य बात नहीं कहा जा सकता। ट्रंप ने कहा कि अब उत्तर कोरिया के खिलाफ सख्ती दिखाने का समय आ गया है। ट्रंप ने न्यूजर्सी में कहा कि वे लंबे समय से हमारे देश के साथ यह कर रहे हैं और अब वक्त आ गया है कि हम अपने देश और अन्य देशों के लोगों के लिए खड़े हों। ट्रंप ने कहा कि हमारी सेना से हमें सौ फीसदी समर्थन मिला है। हर किसी ने हमारा समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि हमारे ऊपर हमले के बारे में सोचने वाले को हमसे भयभीत रहना चाहिए। ट्रंप ने कहा कि यदि उत्तर कोरिया ने गुआम या अमेरिकी क्षेत्र या अमेरिका के किसी सहयोगी के क्षेत्र में कुछ भी किया तो उसे पछताना पड़ेगा। वैसे उन्होंने इसकी जानकारी नहीं दी कि अमेरिका उत्तर कोरिया से पैदा होने वाले खतरे से निपटने की क्या योजना बना रहा है। वहीं, पारंपरिक विदेश नीति के विशेषज्ञों और डेमोक्रेटिक सांसदों ने ट्रंप के इस बयान की आलोचना की है। सिलिकॉन वैली के भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने कहा कि उत्तर कोरिया को धमकी देने का यह सही वक्त नहीं है। वह लगातार लंबी दूरी की मिसाइलों का टेस्ट कर रहा है। ट्रंप को इस मसले पर कूटनीति से काम लेते हुए वरिष्ठ नेताओं से बात करनी चाहिए। सीनेटर डियाने फीनस्टीन ने कहा कि उत्तर कोरिया को अलग-थलग करने से वह अपना परमाणु कार्यक्रम नहीं रोक देगा। ट्रंप उत्तर कोरिया को कड़ी चेतावनी देकर स्थिति को संभालने के बजाय बिगाड़ रहे हैं।

1968 में बना ली थी 360 फिट नीचे मेट्रो

अमेरिका की धमकियों से उत्तर कोरिया का भयभीत न होना अकारण नहीं है। उत्तर कोरिया को अमेरिकी ताकत के बारे में बखूबी पता है मगर अपने नागरिकों को बचाने के लिए उसने व्यवस्था भी कर रखी है। उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में मेट्रो रेल प्रणाली 360 फिट गहरी है। इसे विश्व में सबसे गहरी मेट्रो रेल प्रणाली माना जाता है। आम तौर पर इसका इस्तेमाल मेट्रो ट्रेन में सफर करने वाले यात्री करते हैं मगर माना जा रहा है कि यदि अमेरिका व उत्तर कोरिया के बीच युद्ध छिड़ता है तो उत्तर कोरिया इसका इस्तेमाल अपने नागरिकों के पनाहगाह के रूप में करेगा।

बंकर के रूप में इस्तेमाल हो सकता है मेट्रो स्टेशन

हाल में एक फ्रेंच फोटोग्राफर एरिक लॉफरगुइ ने उत्तर कोरिया के दौरे के दौरान इस मेट्रो स्टेशन की तस्वीरों को अपने कैमरे में कैद किया। डेली मेल के मुताबिक इन तस्वीरों से पता चलता है कि युद्ध के हालात में उत्तर कोरिया इसका इस्तेमाल न्यूक्लियर बंकर के रूप में कर सकता है। 360 फिट गहरी यह रेल प्रणाली करीब 18 मील लंबी है। प्योंगयांग में इस मेट्रो रेल प्रणाली को बनाने का काम 1968 में शुरू हुआ था और इसका उद्घाटन 1973 में किम सुंग ने किया था। किम सुंग उत्तर कोरिया के मौजूदा प्रमुख किम जांग उन के बाबा थे। जानकारों का कहना है कि उत्तर कोरिया का मेट्रो स्टेशन इतना गहरा है कि अमेरिका के साथ युद्ध छिडऩे की स्थिति में उत्तर कोरिया इसका इस्तेमाल अपने नागरिकों की शरणस्थली के रूप में कर सकता है। यही कारण माना जा रहा है जिसके बल पर उत्तर कोरिया यह बयान दे रहा है कि उसे अमेरिका की सैन्य कार्रवाई का कोई भय नहीं है। फ्रेंच फोटोग्राफर एरिक का कहना है कि दो लाइनों पर 17 स्टेशन बने हुए हैं। टिकटों की जांच के लिए मशीनें लगी हुई हैं। वैसे जिस दिन एरिक ने यात्रा की उस दिन मशीन खराब होने से ट्रेन अटेंडेंट ने टिकटों की जांच की। 120 मीटर की गहराई में पहुंचने में सिर्फ कुछ सेकेंड का समय लगता है। इस दौरान लोगों को क्रांतिकारियों का संगीत व देशभक्ति के गाने सुनाए जाते हैं जो कि लाउडस्पीकर पर बजते रहते हैं। स्टेशन की दीवारों पर भी क्रांतिकारियों के चित्र बने हुए हैं। उत्तर कोरिया ने अगले हफ्ते उत्तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग के परिवार के सम्मान में आयोजित समारोह के लिए कई विदेशी पत्रकारों को अपने देश की यात्रा कराने की योजना बनाई है।

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