अमेरिका में भड़की हिंसा, ट्रंप ने सेना को दिया ऐसा आदेश, मच गई खलबली
मेरिका में इस समय सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि वहां के हालात और पल-पल के अपडेट्स ये बातें कह रहे हैं। दरअसल एक तरफ जहां अमेरिका कोरोना वायरस से हुई मौतों पर मातम मना रहा है तो वहीं दूसरी ओर एक अश्वेत व्यक्ति की मौत के बाद बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क उठी है।
न्यूयार्क: अमेरिका में इस समय सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि वहां के हालात और पल-पल के अपडेट्स ये बातें कह रहे हैं। दरअसल एक तरफ जहां अमेरिका कोरोना वायरस से हुई मौतों पर मातम मना रहा है तो वहीं दूसरी ओर एक अश्वेत व्यक्ति की मौत के बाद बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क उठी है।
जिससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस समय अमेरिका में किस तरह के हालात है। अब खबर ये आ रही है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सेना को किसी भी हिंसा से निपटने के लिए तैयार रहने को बोल दिया है। वॉशिंगटन, न्यूयॉर्क, कैलिफोर्निया सहित कई शहरों में प्रदर्शन के बाद वहां पर भारी मात्रा में फ़ोर्स की तैनाती कर दी गई है।
अमेरिका में मिनियापोलिस में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत को लेकर कई शहरों में विरोध प्रदर्शन
आखिर अमेरिका में हिंसा भड़कने के पीछे की क्या है असली वजह
प्राप्त जानकारी के मुताबिक 46 साल के एक अश्वेत नागरिक की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी। मृतक की पहचान जॉर्ज फ्लॉयड के तौर पर हुई थी। जॉर्ज अफ्रीकी अमेरिकी समुदाय से ताल्लुक रखते थे। मौत की घटना सोमवार को मिनियापोलिस शहर में घटी। उसके बाद से लोगों में उनकी मौत को लेकर काफी गुस्सा है। लोग सड़कों पर अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए उतर आएं हैं और जगह –जगह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
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अमेरिका ने WHO से हटने का ऐलान किया
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के हाथ अमेरिका अपने रिश्ते खत्म करने जा रहा है। कोरोना वायरस को फैलाने को लेकर चीन का संरक्षण करने को लेकर WHO की लगातार अमेरिका निंदा कर रहा है। इसके पहले ट्रम्प ने WHO की फंडिंग रोकने की भी धमकी दी थी।
यूएस डब्ल्यूएचओ को देता है 450 मिलियन डॉलर का अनुदान
वहीं अब ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका WHO से हट जाएगा। ट्रम्प ने आरोप लगाया कि WHO बदलाव की प्रक्रियाशुरू करने में नाकाम रहा है। ट्रम्प ने ये भी बताया कि चीन WHO को साल भर में 40 मिलियन डॉलर का अनुदान देकर अपने नियंत्रण में रखता है तो वहीं अमेरिका हर साल स्वास्थ्य संगठन को करीब 450 मिलियन डॉलर का अनुदान देता है।
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