अमेरिकी प्रेसिडेंट के सामने बड़ी चुनौती, चुनाव के बाद आएगी सामने

वर्ष 2000 में रिपब्लिकन जॉर्ज बुश और डेमोक्रेट अल गोर के बीच हुए चुनाव के नतीजों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी गई थी और अदालत का फैसला पांच सप्ताह बाद आया।

Update:2020-11-04 16:29 IST
अमेरिकी प्रेसिडेंट के सामने बड़ी चुनौती, चुनाव के बाद आएगी सामने (Photo by social media)

नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप या जो बिडेन में से जो भी जीतें, उन्हें नए प्रशासन के उदघाटन से पहले कई बड़े इंतजाम करने होंगे। इनमें प्रशासन में की जाने वाली लगभग 4,000 राजनीतिक नियुक्तियां शामिल हैं। नए प्रशासन का उदघाटन समारोह 20 जनवरी 2021 को होना है। चुनावों और उदघाटन के बीच के समय को ‘ट्रांजीशन’ कहा जाता है और इस बार इसकी अवधि 78 दिनों या 11 हफ्तों की है। लेकिन अगर भारी संख्या में डाक के जरिए डाले गए मतों की गिनती में देरी की वजह से विजेता आज घोषित नहीं हुआ तो यह अवधि और कम हो जाएगी।

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वर्ष 2000 में रिपब्लिकन जॉर्ज बुश और डेमोक्रेट अल गोर के बीच हुए चुनाव के नतीजों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी गई थी और अदालत का फैसला पांच सप्ताह बाद आया। इसकी वजह से बुश के पास क्लिंटन प्रशासन से अपने प्रशासन तक ‘ट्रांजीशन’ करने के लिए उपलब्ध अवधि आधी रह गई थी। पिछले चुनाव में ट्रांजीशन का पूरा समय मिला था सो कोई दिक्कत नहीं हुई थी लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग है।

ट्रम्प की जीत

donald trump (Photo by social media)

अगर डोनाल्ड ट्रंप फिर से जीत गए तो उनके पास ये सहूलियत होगी कि उनका अपना प्रशासन नए सिरे से खड़ा नहीं करना होगा। उनका प्रशासन पहले से तैयार है। ऐसे में उनका फोकस अपने दूसरे कार्यकाल के लिए नए लोग खोज कर लाना होगा ताकि जो भी नई नियुक्तियां करनें हैं वो आसानी से की जा सकें।

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बिडेन की चुनौती

अगर जो बिडेन प्रेसिडेंट चुने जाते हैं तो उनके लिए चुनौती ज्यादा बड़ी होगी। इस स्थिति में बिडेन को सरकार में करीब 4,000 राजनीतिक नियुक्तियां करनी होंगी। यानी उनको अपना प्रशासन नए सिरे से खड़ा करना होगा। वैसे बिडेन पुराने खिलाड़ी हैं और ओबामा के समय में उप राष्ट्रपति रह चुके हैं सो उनके लिए ये आसान काम होगा। 2008 में हुए चुनावों के बाद राष्ट्रपति बने बराक ओबामा के सहयोगी होने के नाते उन्हें पहले से ‘ट्रांजीशन’ का तजुर्बा है।

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वैसे, ट्रांजीशन की शुरुआत कुछ महीनों पहले ही हो गई थी। प्रेसिडेंशियल ट्रांजीशन कानून के तहत, केंद्र सरकार की संपत्तियों की मालिक संस्था ‘जनरल सर्विसेज एडमिनिस्ट्रेशन’ तुरंत बिडेन और उनकी सहयोगी कमला हैरिस को दफ्तर और दूसरी सुविधाएं तुरंत उपलब्ध करा देगी। इसी कानून के तहत व्हाइट हाउस और सभी सरकारी एजेंसियों को भी ट्रांजीशन की तैयारी कई महीनों पहले शुरू कर देनी होती है।

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