आतंकियों के मोह में फंसे पाक का झूठ बेनकाब, हाफिज के संगठनों पर अब तक नहीं लगाई पाबंदी
पाकिस्तान सरकार का झूठ फिर से सामने आया है जब, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की ओर से प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की संपत्ति जब्त करने का आदेश जारी किया गया। मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संगठनों जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के एक पखवाड़े के बाद भी पाकिस्तान ने उन पर अभी तक पाबंदी नहीं लगाई है।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान सरकार का झूठ फिर से सामने आया है जब, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की ओर से प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की संपत्ति जब्त करने का आदेश जारी किया गया। मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संगठनों जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के एक पखवाड़े के बाद भी पाकिस्तान ने उन पर अभी तक पाबंदी नहीं लगाई है। ये दोनों आतंकी संगठन अभी केवल निगरानी सूची में हैं।
यह भी पढ़ें.....जो कांग्रेस नहीं कर पाई, वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर दिखाया: CM योगी
इस झूठ के बेनकाब होने के बीच पाकिस्तान सरकार की वेबसाइट नेशनल काउंटर टेररिज्म अथॉरिटी (NACTA) के अनुसार हाफिज के संगठन केवल आंतरिक मामलों के मंत्रालय की निगरानी सूची में हैं। जबकि इन्हें जनवरी 2017 में ही निगरानी सूची में डाला गया था। आतंकी संगठनों पर कार्रवाई के लिए वैश्विक दबाव के बावजूद 21 फरवरी को पाकिस्तान सरकार ने झूठ बोलते हुए कहा था कि उसने जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
यह भी पढ़ें.....IIT कानपुर टेककृति 2019 फेस्टिवल में रोबोटिक्स व ड्रोन एक्सपो होेंगे आकर्षण का केंद्र
इस बीच विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने बताया कि पाकिस्तान सरकार ने यूएनएससी अधिनियमए 1948 के तहत यूएनएससी (धन संपत्ति पर रोक और जब्ती) आदेश 2019 जारी किया है। इसका उद्देश्य आतंकवादी घोषित व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ सुरक्षा परिषद प्रतिबंधों को लागू करने की प्रक्रिया को सुचारू बनाना है।
यह भी पढ़ें.....धार से पीएम: एयर स्ट्राइक तो पाकिस्तान में हुई है सदमा भारत में बैठे कुछ लोगों को लगा
नेशनल काउंटर टेररिज्म अथॉरिटी की वेबसाइट के मुताबिक 68 संगठन आतंरिक मंत्रालय के निगरानी में है इनमे पुलवामा आतंकी हमले को अंजाम देने वाला जैश-ए-मोहम्मद भी शामिल है। आपको जानकर हैरत होगी कि जैश को नेस्तनाबूद करने के लिए हिंदुस्तान ने एयर स्ट्राइक की दोनों देशों की जनता सम्भावित युद्ध के साये में जीने को मजबूर थी लेकिन पाकिस्तानी हुक्मरानों को ये मंजूर नहीं था कि जैश को बैन कर दे।