एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन पर इन देशों में लगी रोक, जानिए क्या है वजह

कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए पूरे देशभर में टीकाकरण अभियान शुरू हो चुका है। बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। इसी बीच डेनमार्क से एक ऐसी खबर सामने आई है जिए सुनकर कोई भी सहम जाए।

Update: 2021-03-12 05:27 GMT
एस्ट्राजेनेका वैक्सीन : मिली ब्लड क्लॉटिंग की शिकायत, वैक्सीन पर लगी अस्थाेयी रोक

नई दिल्ली: कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए पूरे देशभर में टीकाकरण अभियान शुरू हो चुका है। बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। इसी बीच डेनमार्क से एक ऐसी खबर सामने आई है जिए सुनकर कोई भी सहम जाए।

ब्लड क्लॉट की शिकायत

दरअसल, डेनमार्क में ब्लड क्लॉट की शिकायत मिलने के बाद एस्ट्रा जेनेका की कोविड-19 वैक्सीन पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है। ये जानकारी डेनमार्क की ओर से दी गई है कि कोरोना वैक्‍सीनेशन के बाद ब्लड क्लॉट बनने का मामला सामने आया है। ब्लड क्लॉट के कितने मामले कहां मिले हैं, इसकी पूरी जानकारी अभी नहीं है।

एस्ट्राजेनेका वैक्‍सीन पर रोक

ब्लड क्लॉट के चलते ऑस्ट्रिया में एक व्यक्ति की मौत हो गई है। जिसके बाद से ही एस्ट्राजेनेका वैक्‍सीन के इस्तेमाल पर अस्‍थायी रूप से रोक लगा दी गई है। यही नहीं एस्ट्राजेनेका वैक्‍सीन के कारण मिल रही शिकायतों को ध्‍यान में रखते हुए अब यूरोप के अन्य छह देशों में भी कोविड वैक्सीन पर अस्थायी रोक लगा दी गई है।

व्यक्ति के बारे में नहीं दी जानकारी

इस मामले पर डेनिश हेल्‍थ अथॉरिटी के निदेशक सोरेनब्रोस्‍ट्रोम ने कहा कि डेनमार्क और यूरोप के देशों में वैक्‍सीन के बाद से कुछ गंभीर परिणाम देखने को मिले हैं। हम डेनिश मेडिसिन एजेंसी के साथ मिलकर जवाब देंगे।

वही हेल्थ एजेंसी का कहना है कि एस्ट्राजेनेका वैक्‍सीन के टीकाकरण पर 14 दिनों के लिए रोक लगा दी है। डेनमार्क के जिस व्यक्ति को ब्लड क्लॉटिंग की शिकायत है फिलहाल हेल्थ एजेंसी ने कोई जानकारी नहीं दी।

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एस्ट्राजेनेका का ये है कहना

ब्लड क्लॉटिंग मामले पर एस्ट्राजेनेका का कहना है कि उनकी वैक्सीन गुणवत्ता को लेकर किसी भी तरह कि कोई कोताही नहीं बरती गई। अपनी बात रखते हुए आगे बताया कि उनकी वैक्‍सीन को तैयार करने में हर मानदंडों का पालन किया गया है। अभी तक वैक्सीन के साइड इफेक्ट के किसी गंभीर मामले की पुष्टि नहीं हुई है। डेनमार्क और ऑस्टिया से जैसी जानकारी सामने आई है उसके बाद टीम वहां के अधिकारियों के संपर्क में है। सही कारणों का पता लगाएंगे और हर संभव मदद देंगे।

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