Australia New PM: ऑस्ट्रेलिया के नए पीएम एंथोनी अल्बनीज पर है जलवायु परिवर्तन का बोझ

Australia New PM: एंथनी अल्बनीज की लेबर पार्टी ने ऑस्ट्रेलिया के 2022 संघीय चुनावों में स्कॉट मॉरिसन के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन को हराया है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2022-05-23 12:32 IST

ऑस्ट्रेलिया के नए पीएम एंथोनी अल्बनीज (फोटो: सोशल मीडिया ) 

Australia New PM: ऑस्ट्रेलिया के नए प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीज़ (Anthony Albanese) पद के शपथ ग्रहण करने के तुरंत बाद क्वाड देशों के टोक्यो शिखर सम्मेलन में भाग लेने पहुंच गए हैं। वामपंथी विचारधारा वाले अल्बनीज़ पर जलवायु परिवर्तन को कंट्रोल करने के उपाय करने का भारी दबाव है।

लेबर पार्टी के नेता एंथोनी अल्बनीज ऑस्ट्रेलिया की मुफ्त स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के प्रबल हिमायती हैं। इसके अलावा वे एलजीबीटी समुदाय के एक प्रमुख पैरोकार भी हैं। 59 वर्षीय अल्बनीज को "अल्बो" नाम से जाना जाता है।

एंथनी अल्बनीज की लेबर पार्टी ने ऑस्ट्रेलिया के 2022 संघीय चुनावों में स्कॉट मॉरिसन के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन को हराया है। लगभग एक दशक के रूढ़िवादी शासन के बाद लेबर पार्टी सत्ता में वापस आई है और अल्बनीज ऑस्ट्रेलिया के 31 वें प्रधानमंत्री बने हैं। अल्बनीज 1996 से संसद सदस्य रहे हैं। उनका 2013 में उप प्रधानमंत्री के रूप में एक संक्षिप्त कार्यकाल भी रहा है।

पिता को ढूंढ निकाला

अल्बनीज का मानना था कि उनके पिता की मृत्यु उनके जन्म से पहले ही हो गई थी, लेकिन एक किशोर के रूप में उन्हें पता चला कि उनकी मां वास्तव में एक विवाहित व्यक्ति से गर्भवती हो गई थी - जो अभी भी जीवित था। तीन दशक बाद उन्होंने अपने पिता कार्लो अल्बनीज को ट्रैक किया और पहली बार अपने पिता और अपने सौतेले भाई-बहनों से मिलने के लिए इटली गए।

अल्बनीज़ बताते हैं कि उनकी मां, मैरीने एलेरी, यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ थीं कि उनको आगे बढ़ने के सभी अवसर मिलें। अपनी माँ के सपोर्ट की बदौलत वह अपने परिवार में विश्वविद्यालय जाने वाले पहले व्यक्ति बन गए। अल्बनीज ने कहा है कि अपने बेटे नाथन के लिए एक बेहतर दुनिया बनाना उनके सार्वजनिक जीवन के पीछे की प्रेरणा है। 19 साल के वैवाहिक जीवन के बाद अल्बनीज 2019 में अपनी पत्नी से अलग हो गए थे। अब उनकी पार्टनर जोडी हेडन हैं।

25 साल के लिए सांसद

अल्बनीज 20 की उम्र से ही लेबर पार्टी के कद्दावर नेता रहे हैं। तीन साल के लिए लेबर पार्टी के नेता रहे हैं। 2019 में पूर्ववर्ती बिल शॉर्टन की चौंकाने वाली चुनावी हार के बाद उन्होंने ये पदभार संभाला। उन्होंने अपने 33 वें जन्मदिन पर 1996 में सिडनी की आंतरिक सीट पर चुने जाने से पहले संघीय और राज्य, दोनों की राजनीति में काम किया। 2007 में, जब केविन रुड के नेतृत्व में लेबर सत्ता में आई, तो अल्बनीज।बुनियादी ढांचे और परिवहन मंत्री बने।

2010 में रुड की जगह जूलिया गिलार्ड पीएम बनीं। उसके बाद अल्बनीज पार्टी में अत्यंत प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में उभरे। जब केविन रुड ने 2013 में प्रधानमंत्री पद को पुनः प्राप्त किया, तो अल्बनीज़ उप प्रधानमंत्री का पद नवाज़ा गया। हालाँकि वे केवल 10 सप्ताह के लिए इस पद पर रह पाए क्योंकि लेबर चुनाव हार गई थी। अल्बनीज ने तब खुद को पार्टी के प्रमुख के रूप में सामने रखा। पार्टी के सदस्यों के बीच लोकप्रिय होने के बावजूद, प्रतिद्वंद्वी बिल शॉर्टन को संसद के सदस्यों के बीच अधिक समर्थन मिला और वह ऑस्ट्रेलिया के विपक्षी नेता बन गए। लेकिन शॉर्टन के दो चुनाव हारने के बाद, अल्बनीज़ का समय आखिरकार 2019 में आ गया।

वामपंथी गुट की प्रमुख आवाज़

2019 से विपक्ष के नेता, अल्बनीज लंबे समय से पार्टी के वामपंथी गुट की सबसे प्रमुख आवाज़ों में से एक रहे हैं। हालांकि, इस चुनावी चक्र के लिए इस लेबर नेता ने अपनी वामपंथी छवि को नरम कर दिया था। एल्बनीज ने मामूली नीति प्रस्तावों पर अपना अभियान आधारित किया था, और ऑस्ट्रेलिया के वृद्ध देखभाल क्षेत्र में सुधार करने, विनिर्माण उद्योग में सुधार करने, सस्ती चाइल्डकेयर प्रदान करने और महिला पुरुष में वेतन अंतर को कम करने का वादा किया था।

इस चुनाव में ऑस्ट्रेलियाई मतदाताओं के लिए जलवायु परिवर्तन सबसे महत्वपूर्ण चिंताओं में से एक था, खासकर हाल ही में विनाशकारी जंगल की आग और बाढ़ के चलते ये चिंता बहुत बढ़ी है। जंगल की आग के दौरान, तत्कालीन पीएम मॉरिसन की हवाई द्वीप में छुट्टियां मनाने के लिए कई लोगों द्वारा आलोचना की गई थी।

मतदाताओं के बीच हुए सर्वे ने लगातार दिखाया था कि मतदाताओं ने उत्सर्जन में अधिक कमी की मांग की थी। दोनों प्रमुख राजनीतिक संस्थाओं ने 2050 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन का वादा किया था; हालांकि, दोनों दल, देश के खनन उद्योग का समर्थन करना जारी रखते हैं, जो जलवायु परिवर्तन में एक प्रमुख योगदानकर्ता है। चुनाव परिणामों ने स्वतंत्र उम्मीदवारों द्वारा एक मजबूत प्रदर्शन का संकेत दिया, जिनके अभियान अधिक महत्वाकांक्षी जलवायु परिवर्तन समाधानों पर केंद्रित थे। ऐसे निर्दलीय ज्यादातर महिला उम्मीदवारों का एक समूह था। बहरहाल, महिलाओं के वोट ने यह निर्धारित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई कि इस वर्ष सरकार कौन बनाएगा।

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