Bangladesh Coup: कौन है ये शख्स जिसने हिला दिया बांग्लादेश को
Bangladesh Coup: आंदोलन पर नाहिद की पकड़ इतनी है कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मंद पड़ चुका छात्र आंदोलन उसकी एक अपील पर फिर हिंसक हो गया था।
Bangladesh Coup: बांग्लादेश में शेख हसीना वाजेद को देश छोड़ कर जाने के लिए मजबूर करने वाले छात्र आंदोलन के अगर किसी एक व्यक्ति का नाम लिया जाए तो वह नाम है नाहिद इस्लाम। ढाका यूनिवर्सिटी में सोशियोलॉजी का 26 वर्षीय छात्र नाहिद इस्लाम उस आंदोलन का चेहरा बनकर उभरा है जिसके कारण 15 साल सत्ता में रहने के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से बाहर होना पड़ा।
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में मुक्ति संग्राम के परिवारों के लिए कोटा व्यवस्था के खिलाफ छात्रों के आंदोलन में नाहिद इस्लाम ने कोऑर्डिनेटर की भूमिका निभाई है। यही आंदोलन बाद में हसीना विरोधी अभियान में बदल गया।
नाहिद इस्लाम है कौन
नाहिद इस्लाम ढाका विश्वविद्यालय में छात्र है और छात्र संगठन "स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन" के कोऑर्डिनेटर के रूप में कार्य करता है। ये संगठन बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा प्रणाली में सुधार की मांग करने वाले छात्रों के नेतृत्व वाला विरोध प्रदर्शन है। नाहिद के पिता एक शिक्षक हैं।
कैसे नाम आया चर्चा में
बीती जुलाई में नाहिद उस समय चर्चा में आया जब पुलिस ने उसे और ढाका विश्वविद्यालय के अन्य छात्रों को हिरासत में ले लिया, क्योंकि विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए थे। देश भर में कई हफ़्तों तक चली हिंसा में लगभग 300 लोग मारे गए, जिनमें से कॉलेज और विश्वविद्यालय के कई छात्र शामिल थे।
नाहिद इस्लाम हसीना की पार्टी, अवामी लीग के खिलाफ काफी मुखर रहे हैं। जबकि शेख हसीना ने उसे सड़कों पर तैनात "आतंकवादी" करार दिया था। ढाका के शाहबाग में प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए नाहिद ने घोषणा की थी कि छात्रों ने "आज लाठी उठाई है" और अगर लाठी काम नहीं करती है तो वे "हथियार उठाने" के लिए तैयार हैं।
अपहरण भी हुआ
नाहिद इस्लाम को 19 जुलाई, 2024 को साबूजबाग के एक घर से सादे कपड़ों में कम से कम 25 लोगों ने अगवा कर लिया और प्रताड़ित किया। विरोध प्रदर्शनों में उसकी भागीदारी के बारे में उससे सख्ती से पूछताछ की गई। दो दिन बाद उसे पुरबाचल में एक पुल के नीचे बेहोश और घायल अवस्था में पाया गया। इस्लाम को दूसरी बार 26 जुलाई 2024 को धानमंडी के सिटीअस्पताल से अगवा किया गया। ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच सहित विभिन्न खुफिया एजेंसियों से होने का दावा करने वाले व्यक्ति उसे ले गए थे। हालाँकि, पुलिस ने इन मामलों में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है।
आंदोलन पर नाहिद की पकड़ इतनी है कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मंद पड़ चुका छात्र आंदोलन उसकी एक अपील पर फिर हिंसक हो गया था।