Bangladesh Election Voting day: भारी हिंसा के बीच बांग्लादेश में आम चुनाव के लिए मतदान जारी, पीएम शेख हसीना ने डाला वोट

Bangladesh Election Voting day: इस आम चुनाव का बांग्लादेश के लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने बहिष्कार किया है। मौजूदा सत्तारूढ़ दल आवामी लीग का जीतना लगभग तय माना जा रहा है।

Update:2024-01-07 09:27 IST

प्रधानमंत्री शेख हसीना (Social media) 

Bangladesh Election Voting day: भारत के पड़ोस में स्थित बांग्लादेश में भारी उथल-पुथल के बीच आज यानी रविवार सात जनवरी को आम चुनाव हो रहे हैं। देश के 400 निर्वाचन क्षेत्रों में 42 हजार से अधिक मतदान केंद्र बनाए गए हैं। देश में कुल 11.96 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं। मतदान से एक दिन पहले यानी शनिवार को देश में कई जगहों पर जबरदस्त हिंसा देखने को मिली है। इसी को देखते हुए मतदान केंद्रों पर भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।

इस आम चुनाव का बांग्लादेश के लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने बहिष्कार किया है। जिसमें मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) भी शामिल है, जो पूर्व में सरकार चला चुकी है। बीएनपी के मैदान से बाहर रहने के कारण मौजूदा सत्तारूढ़ दल आवामी लीग का जीतना लगभग तय माना जा रहा है। इसी के साथ मौजूदा प्रधानमंत्री शेख हसीना के लगातार चौथी बार प्रधानमंत्री बनना भी तय है।

पीएम शेख हसीना ने भारत की तारीफ की

भारत के साथ दोस्ताना रवैये के कारण अपने देश के मुस्लिम कट्टरपंथियों के निशाने पर रहने वाली पीएम शेख हसीना आज अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इसके बाद उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, हमारा देश संप्रभु और स्वतंत्र है। हमारी आबादी बड़ी है। हमने लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार स्थापित किए हैं। मैं यह सुनिश्चित करना चाहती हूं कि इस देश में लोकतंत्र कायम रहे।

भारत की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री हसीना ने कहा, भारत हमारा भरोसेमंद दोस्त है। हमारे मुक्ति संग्राम के दौरान, उन्होंने हमारा समर्थन किया। 1975 के बाद, जब हमने अपना पूरा परिवार खो दिया। उन्होंने हमें आश्रय दिया। इसलिए भारत के लोगों को हमारी शुभकामनाएं।

एक दिन पहले हुई देश में भारी हिंसा

पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बीएनपी की अगुवाई में विपक्षी दलों के एक समूह ने शनिवार से देश में राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ऐलान कर रखा है। इन्होंने चुनाव का बहिष्कार किया है। शुक्रवार शाम और शनिवार तड़के तक चुनाव के विरोध में बड़े पैमाने पर हिंसा देखने को मिली। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश के 10 जिलों में कम से कम 14 मतदान केंद्रों और दो स्कूलों को आग के हवाले कर दिया गया। शुक्रवार रात को राजधानी ढ़ाका में एक ट्रेन में आगजनी की गई थी, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी।

चुनाव पर ताकतवर देशों की नजर

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना पर अमेरिका समेत पश्चिमी देश अपने देश में लोकतंत्र को कुचलने का आरोप लगाते रही हैं। पश्चिमी मीडिया का आरोप है कि यहां विपक्षी नेताओं, कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की आवाज को दबाया जा रहा है। अमेरिका ने तो कड़े प्रतिबंध लगाने तक की चेतावनी दे डाली थी। हालांकि, भारत, चीन और रूस जैसी अन्य ताकतें प्रधानमंत्री शेख हसीना का मजबूती से समर्थन कर रही हैं। इन देशों ने अमेरिका को बांग्लादेश के आंतरिक मसले से दूर रहने की सलाह दी है।


दरअसल, शेख हसीना के शासनकाल में बांग्लादेश में छिपे उत्तर-पूर्वी भारत के उग्रवादियों पर कठोर कार्रवाई हुई है। इतना ही नहीं हसीना ने अपने देश में भी मुस्लिम कट्टरपंथियों पर लगाम लगाया है, जिसके कारण वहां रह रहे अल्पसंख्यक हिंदू खुद को थोड़ा सुरक्षित महसूस करते है। पूर्व की बीएनपी सरकार में उन्हें खूब निशाना बनाया गया था।

बता दें कि इस आम चुनाव में 27 राजनीतिक दलों के 1500 से अधिक उम्मीदवार मैदान में हैं और उनके अलावा 436 निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं। भारत के तीन पर्यवेक्षकों समेत 100 से अधिक विदेशी पर्यवेक्षक आम चुनाव की निगरानी करने के लिए बांग्लादेश में मौजूद हैं।

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