बांग्लादेश में हिंदुओं के घरों और मंदिरों पर हमले, 27 जिलों में भीड़ ने बनाया निशाना, बॉर्डर की ओर रवाना सैकड़ों परिवार
Bangladesh Violence: हिंदुओं के अधिकांश परिवार देश छोड़ने की तैयारी कर चुके हैं। सैकड़ों हिंदू परिवार सीमा की ओर निकल चुके हैं मगर बॉर्डर सील होने के कारण वे भारत में प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं।
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में प्रधानमंत्री पद से शेख हसीना के इस्तीफे के बाद भी हिंसा और अराजकता का माहौल खत्म नहीं हुआ है। राजधानी ढाका समेत पूरे बांग्लादेश में हमले, तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी की खबरें मिल रहे हैं। शेख हसीना के देश छोड़कर जाने के बाद हिंदुओं के सैकड़ों घरों, दुकानों और मंदिरों में तोड़फोड़ की गई है। बांग्लादेश के 64 में से 27 जिलों में हिंदू आबादी की संपत्तियों और मंदिरों को निशाना बनाया गया है।
हिंदुओं के अधिकांश परिवार देश छोड़ने की तैयारी कर चुके हैं। सैकड़ों हिंदू परिवार सीमा की ओर निकल चुके हैं मगर बॉर्डर सील होने के कारण वे भारत में प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं। इन हिंदुओं को इस्लामी कट्टरपंथियों और उपद्रवियों के हाथों मारे जाने का भय सता रहा है। हिंदुओं का कहना है कि उनके पास पलायन के अलावा कोई विकल्प नहीं रह गया है।
पूरे देश में हिंसा,लूटपाट और आगजनी का माहौल
बांग्लादेश में इस समय हर जगह अराजकता और उपद्रवियों का राज दिख रहा है। राजधानी ढाका में भी कुछ ही स्थानों पर सेना के जवान गश्त कर रहे हैं। देश के अधिकांश स्थानों पर पुलिसकर्मी नहीं दिख रहे हैं। जो चंद पुलिसकर्मी थानों में मौजूद हैं,उनमें उपद्रवियों को रोकने का कोई हौसला नहीं दिख रहा है।
राजधानी ढाका समेत देश के अन्य इलाकों में उपद्रव, हिंसा, लूटपाट और आगजनी का माहौल बना हुआ है 16 जुलाई के बाद अभी तक हिंसा की घटनाओं में 450 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। देश में इस्लामी कट्टरपंथियों ने हिंदुओं पर हमले शुरू कर दिए हैं।
27 जिलों में हिंदू आबादी को बनाया निशाना
हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के नेता काजोल देबनाथ ने बताया कि देश के कई शहरों में हिंदुओं की दुकान और घर लूट लिए गए हैं जबकि मंदिरों में तोड़फोड़ की गई है। हिंदू महिलाओं पर भी हमला होने की सूचनाएं मिल रही हैं। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश के 64 में से 27 जिलों में हिंदू आबादी और उनकी संपत्तियों को निशाना बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग से जुड़े दो हिंदू नेताओं की हत्या कर दी गई है जबकि तीन दर्जन से अधिक लोग इन हमलों में घायल हुए हैं। इन हमलों के कारण हिंदू पूरी तरह भयभीत दिख रहे हैं।
सेना से हिंदुओं को बचाने की अपील
एकता परिषद के महासचिव राणा दासगुप्ता ने बताया कि पूरे बांग्लादेश में स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है और हिंदुओं पर जमकर हमले किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि थानों में पुलिसकर्मी नहीं हैं। उन्होंने सेना से अपील की कि हिंदुओं को उपद्रवियों के हमले से बचने के लिए कदम उठाया जाए।
सोमवार को ढाका में इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र में तोड़फोड़ के साथ आगजनी हुई थी और चार मंदिरों पर हमले किए गए थे। हालांकि कुछ मंदिरों के बाहर आंदोलनकारी छात्र पहरा देते हुए दिखे, लेकिन देश के अधिकांश मंदिर और हिंदू आबादी की सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है।
सैकड़ों हिंदू परिवार बॉर्डर की ओर रवाना
भय के साए में जी रहे सैकड़ों हिंदू परिवारों पलायन की तैयारी में जुटे हुए हैं। सैकड़ों हिंदू परिवार सीमा की ओर निकल चुके हैं मगर बॉर्डर सील होने के कारण उन्हें भारत में दाखिल होने का मौका नहीं मिल पा रहा है। भयभीत हिंदू परिवारों के सदस्यों का कहना है कि हमें नहीं पता कि हम बॉर्डर पार करके पलायन में कामयाब हो पाएंगे या नहीं। हो सकता है उससे पहले ही जमतियों और उपद्रवियों के हाथों मार दिए जाएं।
1971 में बांग्लादेश के आजाद होने के बाद कई बार हिंदुओं पर हमले किए गए और मंदिरों में तोड़फोड़ की गई। उस समय इन हिंदुओं ने देश छोड़ने से इनकार कर दिया था मगर इस बार सब्र का बांध टूटता हुआ नजर आ रहा है। हिंदुओं का कहना है कि अब हमारे पास पलायन के अलावा कोई विकल्प नहीं रह गया है।
बॉर्डर खुलते ही देश छोड़ने का फैसला
प्रसिद्ध गायक के सुशील चंद्र सरकार का कहना है कि हमने पहले भी कई बार हमले देखे हैं,लेकिन इस बार स्थिति पहले जैसी नहीं है। उन्होंने कहा कि 1971 में हम मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ लड़े थे मगर इस बार जमतियों और उपद्रवियों के निशाने पर सिर्फ हिंदू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यक हैं। उन्होंने कहा कि बॉर्डर खुलते ही हम देश छोड़ देंगे मगर उससे पहले हमारे साथ क्या होगा, यह हमें नहीं पता।
इस बार बचने की नहीं दिख रही उम्मीद
अवामी लीग नेता अजय कुमार सरकार बताते हैं, बांग्लादेश के कुल 64 जिले में से 21 जिलों में ज्यादा हिंदू आबादी है। उन्होंने कहा कि 1986 के दौर में मैं और मेरे गांव के अन्य बच्चे मुस्लिम आबादी देखने के लिए गांव से 10 किलोमीटर दूर जाया करते थे क्योंकि अधिकांश हिस्सा हिंदुओं के पास ही था मगर अब चंद हिंदू घर ही बचे रह गए हैं। इस बार की हिंसा में इन चंद घरों के बचने की भी कोई उम्मीद नहीं रह गई है।
उन्होंने कहा कि देश के कई इलाकों में दो दिनों से हिंदू आबादी पर हमले किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि थानों पर पुलिसकर्मी न होने के कारण हम सुरक्षा मांगने के लिए भी आखिरकार कहां जाएं। उन्होंने कहा कि बॉर्डर खुलते ही दो से तीन लाख हिंदू यहां से पलायन कर जाएंगे। कुछ अन्य समृद्ध लोग अन्य देशों में शरण ले सकते हैं।