Refugee Crisis: ग्रीस में प्रवासियों से भरी नाव डूबी, 50 लोग लापता

Refugee Crisis: यूरोपीय देश ग्रीस में प्रवासियों से भरी एक नाव समुद्र में डूब गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हादसे में लगभग 50 लोग लापता हो गए।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2022-08-10 11:39 GMT

ग्रीस में प्रवासियों से भरी नाव डूबी (फोटो-सोशल मीडिया)

Refugee Crisis: यूरोपीय देश ग्रीस से एक बड़े हादसे की खबर सामने आई है। यहां प्रवासियों से भरी एक नाव समुद्र में डूब गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हादसे में लगभग 50 लोग लापता हो गए। ग्रीस के तटरक्षक बल बचाव अभियान (Coast Guard Rescue Operation) में जुटे हुए हैं। हवाई जहाज, पानी के जहाज और हेलीकॉप्टर्स की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। अभी तक हताहतों की ठीक-ठीक संख्या सामने नहीं आई है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, बोट में कुल 80 लोग सवार थे, जिनमें से 29 लोगों को बचा लिया गया। 50 लोग लापता हैं, उनके बारे में अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है। दुर्घटनाग्रस्त नाव मंगलवार को तुर्की से इटली के लिए रवाना हुआ था।

बता दें कि हरेक साल बड़ी संख्या में गरीब अफ्रीकी देशों से लोग नौकरी और अच्छे जीवन के लिए यूरोप विशेषकर पश्चिमी यूरोप के देशों की ओर रूख करते हैं। ग्रीस अफ्रीका और मध्य पूर्व से पलायन करने वाले प्रवासियों के लिए यूरोपीय संघ में बेहतर जीवन तक पहुंचने की कोशिश करने का पसंदीदा देश है। ये लोग लोग खतरनाक समुद्री रास्ते को तय करते हुए तुर्की के रास्ते ग्रीस आते हैं।

बड़ी संख्या में लोग होते हैं हादसे का शिकार

अंतरराष्ट्रीय प्रवासी संगठन का कहना है कि इस साल यानी 2022 में जनवरी से लेकर अब तक 64 लोग भूमध्यसागर में अपनी जान गंवा चुके हैं। इसी साल 19 जून को ग्रीक आईलैंड के पास प्रवासियों से भरी एक नाव दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें 116 से अधिक लोग सवार था। इस हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 108 से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया था।

ग्रीस ने तुर्की पर साधा निशाना

अफ्रीका से आने वाले प्रवासियों को लेकर लंबे समय से यूरोपीय यूनियन और तुर्की के बीच तनातनी जारी है। तुर्की कई बार पश्चिमी देशों को धमकी दे चुका है कि वह युद्धग्रस्त देशों से आए प्रवासियों को यूरोप में घुसने के लिए सीमा खोल देगा। ताजा हादसे को लेकर ग्रीस ने तुर्की पर निशाना साधा है। ग्रीस ने कहा कि इस साल समुद्र के रास्ते आने वाले प्रवासियों की तादाद बढ़ गई है। इसके पीछे अंकारा का तस्करों के प्रति नरम रवैया है। वो अपनी सीमा के पार सक्रिय तस्करों पर लगाम लगाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

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