कोरोना पर बड़ा खुलासा: चीन ने 10 लाख लोगों को पहले ही लगा दिया था टीका
चीन में शुरुआत में उन लोगों को कोरोना की वैक्सीन की खुराक दी गई। जिन्हें इस वायरस की चपेट में आने का खतरा सबसे ज्यादा था। जानकारी के मुताबिक चीन ने अब तक सिनोवैक बायोटेक और सीएनबीजी की वैक्सीन का इस्तेमाल किया है।
बीजिंग: कोरोना को लेकर चीन एक बार फिर से पूरी दुनिया के सामने बेनकाब हो गया है। उसका झूठ पकड़ा गया है। पहले तो उसने बुहान की लैब से कोरोना वायरस के प्रसार की बात को मानने से इनकार कर दिया था। अब खुद चीन ने कोरोना को लेकर जो बातें कहीं हैं। उससे शक और गहरा हो गया है।
अमेरिका और ब्रिटेन ने जहां हाल ही में कोरोना वैक्सीनेशन शुरू किया है, वहीं चीन ने कहा है कि वह 10 लाख वैक्सीन की खुराक लगा चुका है। हालांकि, यह पता नहीं चला है कि 10 लाख खुराक से कितने लोगों का वैक्सीनेशन किया गया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन ने कहा कि उसने अपने यहां जुलाई से ही बड़े पैमाने पर लोगों को कोरोना वैक्सीन की खुराक देना शुरू कर दिया है।
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केवल चीन में सिनोवैक बायोटेक और सीएनबीजी की वैक्सीन का इस्तेमाल
शुरुआत में उन लोगों को वैक्सीन की खुराक दी गई। जिन्हें इस वायरस की चपेट में आने का खतरा सबसे ज्यादा था।
जानकारी के मुताबिक चीन ने अब तक सिनोवैक बायोटेक और सीएनबीजी की वैक्सीन का इस्तेमाल किया है। जबकि चीन के बाहर किसी भी देश में आम लोगों पर इन वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी नहीं दी गई है।
चीन के मुताबिक अब उसने हॉस्पिटल, कस्टम, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, कोल्ड चेन लॉजिस्टिक्स और अन्य ग्रुप के 5 करोड़ लोगों के लिए वैक्सीनेशन करने का काम शुरू किया है।
गौर करने वाली बात ये भी है कि पहले से किसी अन्य बीमारी से जूझ रहे लोगों को भी अब चीन में कोरोना का टीका लगाया जाएगा। इस बारें में चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य कमिशन के उप मंत्री जेंग यीजिन का कहना है कि बाद के चरण में आम लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जाएगी।
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वैक्सीनेशन के काम में ठण्ड बनी बाधा
उन्होंने ये भी कहा कि वैक्सीनेशन के काम में ठण्ड बाधा पैदा कर रहा है। ठंडे मौसम की वजह से चीन को वायरस को काबू करने में तमाम तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि चीन का उद्देश्य वैक्सीनेशन के जरिए हर्ड इम्यूनिटी हासिल करने का है। सीएनबीजी और सिनोवैक, दोनों ही वैक्सीन की दो खुराक लोगों को लेनी होती हैं, इसके बाद एक बूस्टर खुराक भी दी जाती है।
चीन का दावा है कि 10 लाख वैक्सीनेशन की वजह सेवह , अमेरिका और ब्रिटेन से काफी आगे निकलता नजर आ रहा है। जबकि रूस का कहना है कि अब तक देश में 3 लाख 20 हजार लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है।
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