हांगकांग के लोगों की आवाज दबाने में जुटा चीन, नए कानून पर ट्रंप की कड़ी चेतावनी

चीन की ओर से कानून में संशोधन के आधिकारिक पुष्टि के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने सख्त लहजे में चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि चीन ने हांगकांग में यह हिमाकत करने की कोशिश की तो हम बेहद कड़ी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेंगे।

Update: 2020-05-22 03:10 GMT

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। हांगकांग में लोकतंत्र बहाली की मांग वाले आंदोलन को कुचलने के लिए चीन ने कड़े कदम उठाने का फैसला किया है। इसके लिए चीन वहां पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करेगा। इसकी मदद से चीन हांगकांग में लोकतंत्र की मांग को लेकर होने वाले आंदोलनों से सख्ती से निपटने में कामयाब होगा। चीन की ओर से कानून में संशोधन के आधिकारिक पुष्टि के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने सख्त लहजे में चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि चीन ने हांगकांग में यह हिमाकत करने की कोशिश की तो हम बेहद कड़ी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेंगे।

हांगकांग में चीन विरोधी आंदोलन

हांगकांग 1997 में ब्रिटेन से चीन के कब्जे में आया था। पिछले साल वहां लोकतंत्र बहाली के साथ ही चीन से आजादी की मांग ने जोर पकड़ लिया था। इसे लेकर लोग सड़कों पर उतर आए थे और यह आंदोलन महीनों तक चला था। इस आंदोलन की कमान मुख्य रूप से युवाओं के हाथों में थी, लेकिन देश के सभी लोगों का इस आंदोलन को पूरा समर्थन था। हालात को काबू में करने के लिए चीन ने अपनी सेना तक सड़कों पर उतार दी थी। अब चीन ने हांगकांग में आंदोलन की किसी भी संभावना को खत्म करने के लिए कड़ा कानून बनाने का फैसला किया है।

अब सीधी कार्रवाई में सक्षम होगा चीन

समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक कानून में संशोधन का प्रस्ताव तैयार करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक हुई है। इस बैठक में हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति मजबूत करने के लिए उसे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के दायरे में लाने का फैसला किया गया। इस प्रस्ताव को जल्द ही चीन की संसद में पेश किया जाएगा। चीन में एक दलीय राज व्यवस्था होने के कारण उस प्रस्ताव का निर्विरोध पारित होना तय है। इस कानून के बाद चीन हांगकांग में सीधी कार्रवाई करने में सक्षम होगा। संशोधित कानून लागू होने के बाद चीन को हांगकांग में विदेशी गतिविधि, आतंकवाद और हर तरह की सरकार विरोधी गतिविधियों को सख्ती से रोकने का कानूनी अधिकार मिल जाएगा।

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कोरोना संकट के दिनों में भी प्रदर्शन

दरअसल चीन की सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि कोरोना संकट के दिनों में भी हांगकांग के लोग चीन के खिलाफ प्रदर्शन करने से बाज नहीं आ रहे हैं। पिछले दिनों कोरोना से बेखौफ होकर हांगकांग की जनता ने लोकतंत्र बहाली के लिए फिर से सड़कों पर उतरकर चीन के प्रति विरोध जताया था। सैकड़ों लोगों ने लोकतांत्रिक मूल्यों की हिफाजत के लिए नारेबाजी करते हुए जोरदार विरोध दर्ज कराया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों में कई बार झड़पें भी हुईं। इस सिलसिले में पुलिस ने 200 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया था।

चीन के कदम पर कड़ी आपत्ति

हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक सांसदों व कार्यकर्ताओं ने चीन के इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि चीन की सरकार द्वारा जल्दबाजी में लाया जा रहा यह कानून हांगकांग को खत्म करने की साजिश है। सांसदों ने कहा कि चीन की सरकार हांगकांग के लोगों की आवाज को दबाने के लिए यह कदम उठा रही है और चीन सरकार के इस कदम को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

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