लॉकडाउन बना मुसीबत: पूरे शंघाई में सड़क पर उतरे लोग, चीन हुआ परेशान
China Coronavirus: शंघाई में लॉकडाउन पर किसी भी तरह का कोई आदेश न आने की वजह से गुस्साए लोगों की भीड़ सड़कों पर उतर आई।
China Coronavirus: चीन के शंघाई में कोरोना(Shanghai lockdown) का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसके चलते शंघाई प्रांत में फैलते संक्रमण को रोकने के लिए कड़ी पाबंदियां लगाई गई हैं। शंघाई में करीबन ढाई करोड़ की आबादी रहती है। जहां पर बीते 7 हफ्तों से लॉकडाउन (Shanghai lockdown) लगा हुआ है। सूत्रों से सामने आई जानकारी के अनुसार, यहां पर कोरोना मामलों में थोड़ी कमी तो आई है पर पाबंदियों को लेकर किसी प्रकार की कोई ढील नहीं दी गई है। जिसके चलते आक्रोशित लोग सड़कों पर उतर आए।
ऐसे में शंघाई में अभी भी ढाई करोड़ की आबादी कड़े प्रतिबंधों के पहरे के अंदर है। लेकिन स्थानीय समितियों को जिम्मेदारी दी गई है कि वह लोगों को बाहर निकलने की अनुमति देते हैं या नहीं। जिसमें भी ये छूट दी गई, कि घर से बाहर सिर्फ वही लोग निकल सकेंगे, जिनके पास कोई विशेष कार्ड होगा।
पाबंदियों में ढील
लॉकडाउन पर किसी भी तरह का कोई आदेश न आने की वजह से गुस्साए लोगों की भीड़ सड़कों पर उतर आई। सड़कों पर सरकार के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में उनका कहना था कि लॉकडाउन हटाया जाए। पाबंदियों में ढील दी जाए।
इस बारे में स्थानीय निवासियों का कहना है कि कोरोना के मामलों में अब लगातार कमी होती देखी जा रही है। जिसके चलते अब सरकार को लॉकडाउन खत्म करने के लेकर भी विचार-विमर्श करना चाहिए। बीते 7 हफ्तों से ज्यादा दिनों से लगे लॉकडाउन में लोगों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। लोगों का कहना है कि हमारी सोसायटी में भी लंबे समय से कोई भी पॉजिटिव मरीज नहीं निकला है। जिसके चलते छूट देनी चाहिए।
वहीं शंघाई में रह रहे पॉलैंड के छात्र वेरोनिका ट्रुस्ज़्ज़िनस्का ने बताया कि हमें तीन अलग-अलग तारीखें दी गई थीं। जिसमें कहा गया था कि लॉकडाउन खत्म कर दिया जाएगा। लेकिन अभी तक पाबंदियां जारी हैं। फिलहाल अब फिर आवासीय समिति ने हमें बताया है कि 1 जून को सारी पाबंदियां खत्म कर दी जाएंगी।
दूसरी तरफ शंघाई के अपस्केल ह्यूक्सियांजू परिसर में रह रहे लोगों ने लॉकडाउन की पाबंदियां खत्म न किए जाने पर विरोध प्रदर्शन किया। इस पर ट्रुस्ज़्ज़िन्स्का ने कहा कि हमें घर से बाहर निकलने की परमिशन नहीं दी जा रही है। हमारी आजीविका के लिए भी जरूरी सामान खत्म हो रहा है। लेकिन यहां स्वास्थ्य विभाग की टीमें हर घर के दरवाजे पर दस्तक दे रही हैं। वहीं अब शंघाई में हालात ऐसे हो गए हैं कि जो लोग जहां पर हैं, वो वहीं पर फंसे हुए हैं। किसी जरूरी काम के लिए परमिशन नहीं दी जाती है।