Spy Balloon: जासूसी गुब्बारा आखिर है क्या, जानिए सब कुछ

Spy Balloon: चीन ने इसे मौसम की जानकारी वाला गुब्बारा बताया है। इसके बाद अमेरिका ने एक और गुब्बारा नीचे गिराया है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2023-02-11 16:29 IST

china spy balloon (photo: social media )

Spy Balloon: अमेरिका और वहीं में एक गुब्बारे को लेकर तनातनी हो गई है। अमेरिका ने इस गुब्बारे को जासूसी गुब्बारा बता कर इसे गिरा दिया है। वैसे चीन ने इसे मौसम की जानकारी वाला गुब्बारा बताया है। इसके बाद अमेरिका ने एक और गुब्बारा नीचे गिराया है।

बहरहाल, गुब्बारों से जासूसी होती रहती है। जानते हैं इनके बारे में।

- जासूसी गुब्बाुरे को निगरानी गुब्बाहरे भी कहा जाता है. इस चीज का आज भी निगरानी के लिए खूब इस्तेकमाल किया जाता है।

- ये गुब्बाकरा आकार में काफी बड़ा होता है। लेकिन छोटे आकार के भी निगरानी गुब्बारे होते हैं।

सेंसर और रडार

निगरानी गुब्बागरे में हीलियम और हाइड्रोजन गैस होती हैं जिसकी वजह से ये काफी ऊंचाई पर उड़ पाते हैं। जासूसी गुब्बांरे में रडार, सेंसर्स व हाई-टेक कैमरे समेत कई हाईटेक उपकरण लगाए जाते हैं ताकि ये फोटो और वीडियो खींच सकें। इन गुब्बारों में एक सोलर पैनल भी लगा होता है जो उसमें लगे उपकरणों को ऊर्जा प्रदान करता है। इसके अलावा गुब्बारे से में कम्युनिकेशन के उपकरण भी लगे रहते हैं।

बेहतर निगरानी

अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, चीन के गिराए गए जासूसी गुब्बाीरे में प्रोपेलर भी लगे थे। यानी कमांड मिलने पर यह दिशा बदल सकता था। वैसे गुब्बाोरों का इस्तेमाल ज्यालदातर मौसम निगरानी के लिए किया जाता है। लेकिन, अत्याधुनिक उपकरणों के साथ इनका इस्तेमाल जासूसी के लिए भी किया जाता है।जासूसी गुब्बाेरे कई बार जासूसी विमानों या सैटेलाइट के मुकाबले बेहतर निगरानी कर सकते हैं। ये बहुत ऊंचाई पर उड़ते हैं इसलिए इनको ट्रैक करना मुश्किल होता है।

पहली बार इस्तेमाल

जासूसी गुब्बारे का पहली बार इस्तेमाल फ्रांसीसी क्रांति के दौरान 1794 में ऑस्ट्रिया और डच सैनिकों के खिलाफ फ्लोरेंस की लड़ाई में किया गया था। तबसे इन गुब्बारों की हैसियत कम नहीं हुई है। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ऐसे गुब्बारों का काफी प्रयोग हुआ था। इसके अलावा शीतयुद्ध के समय भी सोवियत संघ और चीन की खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए अमेरिका ने सैकड़ों गुब्बारे लॉन्च किए थे। पेंटागन अब उच्च ऊंचाई वाले इनफ्लैटेबल्स में निवेश का विस्तार कर रहा है। एक अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक चीन से संचालित जासूसी गुब्बारों ने जापान, भारत, वियतनाम, ताइवान और फिलीपींस सहित कई देशों और क्षेत्रों में सैन्य संपत्ति के बारे में जानकारी एकत्र की है।

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