कोरोना वायरस पर बहुत बड़ी खबर, चीन के सबसे बड़े वैज्ञानिक ने किया ये दावा

कोरोना वायरस ने दुनियाभर में तांडव मचा कर रख दिया है। इस जानलेवा वायरस ने दुनियाभर में 45 हजार से अधिक लोगों की जान ले ली है, तो वहीं 9 लाख से ज्यादा लोग पीड़ित हैं।

Update:2020-04-02 12:02 IST

नई दिल्ली: कोरोना वायरस ने दुनियाभर में तांडव मचा कर रख दिया है। इस जानलेवा वायरस ने दुनियाभर में 45 हजार से अधिक लोगों की जान ले ली है, तो वहीं 9 लाख से ज्यादा लोग पीड़ित हैं। इस बीच चीन के सबसे बड़े कोरोना वायरस एक्सपर्ट ने दावा किया है कि अगले चार हफ्तों में पूरी दुनिया बदल जाएगी। मतलब पहले जैसी हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के नए मामलों में कमी आएगी। इसके साथ ही ये भी भविष्यवाणी की है कि चीन में अब कोरोना वायरस का दूसरा हमला नहीं होगा। ये भविष्यवाणी डॉ. झॉन्ग नैनशैन ने की है। बता दें कि डॉ. झॉन्ग कोरोना वायरस को लेकर चीन की सरकार की मुख्य टीम के प्रमुख भी हैं।

यह भी पढ़ें...निकाली बम्पर भर्तियां: इस विभाग ने दिया तोहफा, जानें कैसे करें अप्लाई

83 वर्षीय डॉ. झॉन्ग ने कहा कि चीन में कोरोना वायरस का दूसरा हमला नहीं करेगा, क्योंकि हमने मॉनिटरिंग सिस्टम को बहुत ज्यादा मजबूत कर दिया है। डॉ. झॉन्ग ने अपने एक इंटरव्यू में ये बातें कहीं।

डॉ. झॉन्ग नैनशेन के मुताबिक कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दो ही तरीके हैं। पहला कि हम संक्रमण की दर को सबसे कम स्तर पर लेकर जाना होगा और फिर उसे बढ़ने से रोकें। इससे हमें वैक्सीन बनाने का समय मिलेगा और हम इस बीमारी को खत्म कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें...क्या है डोमिसाइल कानून और इसके लागू होने से क्या-क्या फायदा मिलेगा, यहां जानें

उन्होंने बताया कि दूसरा तरीका ये है कि संक्रमण में देरी लाएं और अपने कुछ मरीजों की संख्या को अलग-अलग तरीकों से कम करें। ज्यादातर देशों ने कोरोना को लेकर कड़े कदम उठाए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि अगले चार हफ्तों में नए मामले आने लगभग बंद हो जाएंगे।

डॉ. झॉन्ग के मुताबिक दुनिया में जो ये बात फैलाई जा रही है कि चीन के पास अब भी लाखों साइलेंट कोरोना कैरियर्स हैं। ये झूठ है। हम सभी उन मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कर चुके हैं, जिन्हें कोरोना का संक्रमण हैं, लेकिन लक्षण नहीं दिखते। इन्हें एसिम्प्टोमैटिक केस कहते हैं।

यह भी पढ़ें...क्या है डोमिसाइल कानून और इसके लागू होने से क्या-क्या फायदा मिलेगा, यहां जानें

एसिम्प्टोमैटिक केस से संक्रमण बढ़ने का खतरा चीन में ज्यादा नहीं है, क्योंकि अभी तक हमें इसका कोई प्रमाण नहीं मिला है। डॉ. झॉन्ग के मुताबिक जो मरीज इस बीमारी से उबर चुके हैं। वो भी दोबारा इससे बीमार होंगे, इसकी आशंका भी बेहद कम है।

डॉ. झॉन्ग ने बताया कि अगर कोई केस इस तरह के सामने आते भी हैं तो उनसे संक्रमण के बढ़ने का खतरा बेहद कम रहता है। ये रेयर होता है, क्योंकि उनके शरीर में पहले से एंटीबॉडीज होती हैं, जो वायरस से लड़ रही होती हैं।

Tags:    

Similar News