भारत के साथ आए दुनिया के शक्तिशाली देश, तो कांपने लगा चीन, अब दे रहा ये दुहाई
कई बड़ीं ताकतों द्वारा भारत का समर्थन किए जाने से ड्रैगल अब बैकफुट पर दिखाई दे रहा है। वहीं, गुरुवार को ब्रिटिश उच्चायुक्त के टिप्पणी से चीन तिलमिला उठा।
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच दुनिया के कई शक्तिशाली देशों ने भारत का खुलकर समर्थन किया है। वहीं, कई बड़ीं ताकतों द्वारा भारत का समर्थन किए जाने से ड्रैगल अब बैकफुट पर दिखाई दे रहा है। गुरुवार को ब्रिटिश उच्चायुक्त (British High Commissioner) सर फिलिप बर्टन द्वारा चीन के खिलाफ टिप्पणी किए जाने से चीन तिलमिला उठा। तिलमिलाए चीनी राजदूत सुन वीडोंग ने कहा कि भारत और चीन दोनों आपसी मुद्दे को आपस में सुलझाने में सक्षम है।
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दोनों पक्ष आपसी मुद्दों को आपस में सुलझा सकते हैं
चीनी राजदूत ने कहा कि चीन और भारत में इतनी बुद्धिमता है कि दोनों पक्ष आपसी मुद्दों को आपस में सुलझा सकते हैं। बता दें कि ब्रिटिश उच्चायुक्त द्वारा लद्दाख सीमा से लेकर साउथ चाइना सी तक चीन की दादागिरी पर सवाल उठाए गए थे। हालांकि चीन ने ब्रिटिश उच्चायुक्त द्वारा उसके खिलाफ की गई टिप्पणी को पूरी तरह से गलत ठहराया है।
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चीन ने ब्रिटिश उच्चायुक्त की टिप्पणी पर दी प्रतिक्रिया
चीनी राजदूत सुन वीडोंग ने एक बयान में कहा कि भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त की ओर से चीन के लिए जो टिप्पणी की गई हैं वो बिल्कुल गलत हैं और उनके द्वारा लगाए गए सभी आरोप झठे हैं। उन्होंने आगे कहा है कि सीमा का सवाल भारत और चीन के द्विपक्षीय दायरे में आता है। हमारे पास आपसी मतभेदों को सुलझाने के लिए बुद्धिमता और क्षमता दोनों है। तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की यहां कोई आवश्यकता नहीं है।
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असली चुनौतियां क्षेत्र के बाहर की शक्तियां पेश कर रहीं
वहीं साउथ चाइना सी के मामले में चीनी राजदूत ने कहा कि दक्षिण चीन सागर में असली चुनौतियां इस क्षेत्र के बाहर की शक्तियां पेश कर रही हैं। जो क्षेत्रीय और समुद्री विवादों और बढ़ाने का काम करती हैं और शांति और स्थिरता को कम करती हैं। वहीं चीनी राजदूत ने साफ किया है कि हांगकांग मामलों पर चीन किसी भी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करेगा।
अमेरिका और ब्रिटेन की घेराबंदी से तिलमिलाया चीन
वहीं, भारत को खुलेआम समर्थनदे चुके अमेरिका ने ह्यूस्टन में वाणिज्य दूतावास बंद कर चीन के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। वहीं अमेरिका और ब्रिटेन की घेराबंदी से चीन तिलमिला उठा है। ब्रिटिश उच्चायुक्त ने लद्दाख सीमा से लेकर साउथ चाइना सी तक चीन की दादागिरी पर सवाल उठाए थे।
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चीन की ओर से पेश की जा रही चुनौतियों को लेकर हैं सतर्क
बता दें कि भारत में ब्रिटिश हाई कमिश्नर सर फिलिप बर्टन ने कहा था कि ब्रिटेन चीन की ओर से भारत समेत पूरे विश्व में पेश की जा रही चुनौतियों को लेकर चौकन्ना है। उन्होंने कहा कि चीन जो साउथ चाइना सी में कर रहा है उसे लेकर हमारी नीति स्पष्ट है। साथ ही हांगकांग ब्रिटेन और चीन के बीच हुए द्विपक्षीय समझौते का साफतौर पर उल्लंघन है। बता दें कि ब्रिटेन पहले भी चीन द्वारा हांगकांग में लागू किए गए नेशनल सिक्योरिटी लॉ को लेकर विरोध दर्ज कर चुका है।
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